देश में राजनीतिक मर्यादा और गरिमा के लगातार गिरते स्तर पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने गहरी चिंता व्यक्त की है। हाल ही में बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सार्वजनिक मंच से की गई अभद्र टिप्पणियों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने इसे दुखद और चिंतनीय बताया। मायावती ने किसी का नाम लिए बिना, सभी राजनीतिक दलों से संविधान के आदर्शों का पालन करने और देशहित में कार्य करने का आग्रह किया है।
गिरते राजनीतिक स्तर पर मायावती की चिंता
मायावती ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में स्पष्ट किया कि देश में, खासकर राजनीतिक स्वार्थ के कारण, राजनीति का गिरता हुआ स्तर बेहद चिंताजनक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी पार्टियों की राजनीति उनके संविधान के हिसाब से होनी चाहिए और इसका मुख्य उद्देश्य देश व गरीबों का हित साधना होना चाहिए। मायावती ने दुख व्यक्त किया कि पिछले कुछ वर्षों से ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है, और आंतरिक व बाहरी चुनौतियों के बावजूद राजनीतिक दल आपसी खींचतान में उलझे हुए हैं।
उच्च पदों पर अभद्र टिप्पणियों से देश की छवि धूमिल
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि देश के उच्च सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाओं, विशेषकर राजनीति में उच्च पदों पर बैठे लोगों के बारे में जिस प्रकार की अभद्र, अशोभनीय, अमर्यादित व असंसदीय टिप्पणी सार्वजनिक तौर पर की जा रही है, वह बेहद दुखद है। उन्होंने चिंता जताई कि ऐसे प्रयास न केवल संबंधित व्यक्ति की छवि को धूमिल करते हैं, बल्कि इससे देश की अंतरराष्ट्रीय छवि पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मायावती ने यह भी कहा कि चुनाव के समय यह प्रक्रिया और भी अधिक विषैली हो जाती है, जैसा कि बिहार में देखने को मिला है।
बसपा की ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ विचारधारा
अपने बयान में मायावती ने अपनी पार्टी बसपा की विचारधारा पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने दोहराया कि बसपा बाबा साहेब अम्बेडकर के ‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ के सिद्धांत पर चलती है और वह दूषित, स्वार्थ भरी राजनीति के खिलाफ है। उन्होंने अन्य दलों से भी घिनौनी स्वार्थ की राजनीति से दूर रहने और संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करने की उम्मीद जताई।
गरमाई सियासत के बीच महत्वपूर्ण बयान
मायावती का यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश का राजनीतिक माहौल काफी गरमाया हुआ है। विभिन्न राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। गौरतलब है कि हाल ही में मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को बसपा में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देते हुए उन्हें पार्टी का दूसरा सबसे बड़ा नेता बनाया है। पार्टी में किए गए ये बदलाव बसपा को उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से मजबूत करने की दिशा में एक कदम माने जा रहे हैं। ऐसे में मायावती का यह बयान राजनीतिक शुचिता पर एक महत्वपूर्ण संदेश है।