भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की सालाना आम बैठक (AGM) 28 सितंबर को मुंबई में आयोजित होने जा रही है। यह बैठक **Indian Cricket** के भविष्य की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, क्योंकि इसमें बोर्ड अध्यक्ष और इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) अध्यक्ष सहित कई प्रमुख पदों के लिए चुनाव होने हैं। इस बार, सबकी निगाहें खास तौर पर **BCCI President** के पद पर टिकी हैं।
BCCI AGM: अध्यक्ष पद पर सबकी निगाहें
इस महीने की शुरुआत में पूर्व भारतीय क्रिकेटर रोजर बिन्नी के इस्तीफे के बाद से **BCCI President** का पद खाली है। यह इस बार की **BCCI AGM** का एक प्रमुख एजेंडा है। इसके अलावा, **IPL Chairman** अरुण धूमल भी अपना छह साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद अनिवार्य ‘कूल-ऑफ’ अवधि पर जा सकते हैं, जिससे उनका पद भी खाली हो सकता है।
हालांकि इन **BCCI Elections** में बीसीसीआई के सभी प्रमुख पदों के लिए चुनाव होने हैं, लेकिन यह प्रभावी रूप से केवल एक या दो पदों के लिए ही होना है, क्योंकि अन्य पदों पर मौजूदा अधिकारियों के बरकरार रहने की प्रबल संभावना है।
अन्य महत्वपूर्ण पद और संभावित दावेदार
बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने संयुक्त सचिव के रूप में दो साल और तीन महीने तथा सचिव के रूप में नौ महीने सहित कुल तीन साल पूरे कर लिए हैं, जिससे उनका पद पर बने रहना लगभग तय है। जय शाह के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के अध्यक्ष का पद संभालने के बाद इस साल जनवरी में सैकिया को सर्वसम्मति से सचिव चुना गया था।
अन्य अधिकारी जिनके पद पर बने रहने की संभावना है, उनमें रोहन गौंस देसाई और प्रभतेज भाटिया शामिल हैं। देसाई को इस साल मार्च में संयुक्त सचिव और भाटिया को जनवरी में सैकिया के साथ कोषाध्यक्ष चुना गया था। पहले ऐसी खबरें थीं कि जुलाई में 70 वर्ष के हो चुके बिन्नी सितंबर में होने वाली वार्षिक आम बैठक (AGM) तक **BCCI President** बने रहेंगे, लेकिन उनका इस्तीफा पहले ही आ गया। बिन्नी को अक्टूबर 2022 में **BCCI President** नियुक्त किया गया था।
वार्षिक आम बैठक का मुख्य उद्देश्य
इन नियमित चुनावी मुद्दों के अलावा, **BCCI AGM** का मुख्य उद्देश्य पदाधिकारियों का एक नया समूह तैयार करना होगा जो अगले तीन वर्षों तक, या आगामी खेल विधेयक के वर्तमान संविधान का स्थान लेने तक, भारतीय क्रिकेट का संचालन करेंगे। यह अभी स्पष्ट नहीं है कि छह महीने में खेल विधेयक लागू होने के बाद बीसीसीआई नए चुनाव कराएगा या नहीं। लेकिन फिलहाल, बीसीसीआई ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनुमोदित लोढ़ा समिति द्वारा अनुशंसित संविधान का पालन करने का निर्णय लिया है। यह सुनिश्चित करता है कि भारतीय क्रिकेट का प्रशासन पारदर्शिता और नियमों के तहत होता रहे।