वीरेंद्र सहवाग का नाम सुनते ही क्रिकेट प्रेमियों के ज़हन में चौके-छक्कों की बरसात और निडर बल्लेबाज़ी की याद ताज़ा हो जाती है। 2015 में ‘नज़फ़गढ़ के नवाब’ के संन्यास के बाद से हर कोई इस नाम से जुड़े रोमांच को काफी मिस कर रहा था। लेकिन अब, काफी समय बाद, उनके बड़े बेटे आर्यवीर सहवाग ने 22 गज की पिच पर एक बार फिर इस नाम से जुड़े उत्साह को ज़िंदा कर दिया है। हाल ही में दिल्ली प्रीमियर लीग (DPL) में अपने डेब्यू मैच में आर्यवीर ने ऐसा प्रदर्शन किया कि फैंस उनकी तुलना अपने पिता से करने लगे हैं!
धमाकेदार डेब्यू: आर्यवीर का दिल्ली प्रीमियर लीग में आगाज़
27 अगस्त की रात सेंट्रल दिल्ली किंग्स के लिए दिल्ली प्रीमियर लीग में पदार्पण करते ही आर्यवीर सहवाग ने प्रशंसकों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। भले ही उनकी शुरुआत थोड़ी धीमी रही हो, लेकिन उन्होंने जल्द ही अपनी बल्लेबाज़ी का जौहर दिखाना शुरू कर दिया। सबसे खास पल वह था जब उन्होंने भारतीय टीम के तेज़ गेंदबाज़ नवदीप सैनी जैसे अनुभवी बॉलर को आड़े हाथों लिया। यह नज़ारा देखकर फैंस को वीरेंद्र सहवाग की याद ताज़ा हो गई, जो हमेशा बड़े गेंदबाजों के खिलाफ निडर होकर खेलते थे।
मैदान पर ‘नवाबी’ अंदाज़ और बड़े शॉट
अपने पिता की ही तरह आर्यवीर ने भी पारी की शुरुआत की। अपना पहला रन बनाने के लिए उन्हें चार गेंदों का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके बाद उन्होंने रफ्तार पकड़ी। तीसरे ओवर में, उन्होंने नवदीप सैनी की पहली दो गेंदों पर लगातार दो दमदार चौके जड़े। सैनी की पहली थोड़ी ओवरपिच गेंद पर आर्यवीर ने डीप एक्स्ट्रा कवर के ऊपर से शानदार चौका लगाया। अगली ही गेंद पर उन्होंने अपने कदमों का इस्तेमाल करते हुए एक्स्ट्रा कवर और लॉन्ग-ऑफ के बीच से गेंद को पंच किया और दूसरा लगातार चौका बटोर लिया।
इसके बाद पांचवें ओवर में, रौनक वाघेला की गेंदों पर भी उन्होंने लगातार दो चौके लगाए। हालांकि, रौनक ने 22 रन के निजी स्कोर पर उन्हें आउट कर अपनी हंसी आखिर में जीती। आर्यवीर को यह मौका यश धुल की जगह मिला था, जो दलीप ट्रॉफी में नॉर्थ दिल्ली ज़ोन में शामिल होने के लिए डीपीएल में अपनी टीम से अलग हुए थे। सेंट्रल दिल्ली किंग्स ने डीपीएल 2025 की नीलामी में आर्यवीर को 8 लाख रुपए की मोटी रकम खर्च कर अपने खेमे में शामिल किया था, जो उनकी प्रतिभा पर टीम के भरोसे को दर्शाता है।
पिछला प्रदर्शन: भविष्य का सितारा?
यह कोई पहली बार नहीं है जब आर्यवीर ने अपनी बल्लेबाज़ी से प्रभावित किया हो। पिछले साल, उन्होंने वीनू मांकड़ ट्रॉफी में दिल्ली के लिए शानदार शुरुआत की थी, जहाँ उन्होंने टीम की छह विकेट से जीत में 49 रन का अहम योगदान दिया था। इसके कुछ ही महीने बाद, कूच बिहार ट्रॉफी में मेघालय के खिलाफ उन्होंने 229 गेंदों पर 34 चौकों और 2 छक्कों की मदद से नाबाद 200 रन बनाकर सुर्खियां बटोरीं।
इतना ही नहीं, अगले ही दिन उन्होंने लगभग तिहरा शतक जड़ते हुए 309 गेंदों पर 51 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 297 रन बनाए, हालांकि इस ऐतिहासिक उपलब्धि से वे सिर्फ तीन रन से चूक गए। आर्यवीर का यह प्रदर्शन साफ तौर पर बताता है कि उनमें सिर्फ प्रतिभा ही नहीं, बल्कि बड़े स्कोर बनाने की क्षमता भी है।
आर्यवीर सहवाग का यह डेब्यू क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है। जिस तरह उन्होंने अपने पिता के अंदाज़ में बड़े गेंदबाजों के खिलाफ खुलकर खेला, उससे यह साफ है कि आने वाले समय में यह युवा खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट में एक बड़ा नाम बन सकता है। फैंस को उम्मीद है कि आर्यवीर भी वीरेंद्र सहवाग की तरह बेखौफ क्रिकेट खेलते हुए लंबे समय तक उनका मनोरंजन करते रहेंगे।