राजस्थान में सड़क सुरक्षा को लेकर एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-48) पर लगातार बढ़ते सड़क हादसों पर अंकुश लगाने और यात्रा को सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से राजस्थान पुलिस ने चंदवाजी से शाहजहांपुर तक 125 किलोमीटर के खंड में ‘लेन सिस्टम’ लागू करने का निर्णय लिया है। यह पायलट प्रोजेक्ट 6 सितंबर से पूरी तरह से प्रभावी हो जाएगा, जिसका लक्ष्य वाहन चालकों में अनुशासन लाना और यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करना है।
वर्तमान में, 5 सितंबर तक वाहन चालकों को लेन अनुशासन के प्रति जागरूक किया जा रहा है और नियमों की समझायश दी जा रही है। इसके बाद, 6 सितंबर से नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें चालान और वाहन जब्ती भी शामिल है।
NH-48 पर लेन सिस्टम क्यों?
जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-48) पर सड़क हादसों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय रही है। विश्व सड़क सांख्यिकी 2018 के अनुसार, भारत सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के मामले में पहले स्थान पर है। राजस्थान में भी हाईवे पर होने वाली दुर्घटनाओं ने प्रशासन को इस दिशा में सोचने पर मजबूर किया है।
इस पायलट प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य लेन अनुशासन के माध्यम से वाहनों की गति और व्यवस्था को नियंत्रित करना है, जिससे दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके और यात्रियों को सुरक्षित सफर मिल सके।
जानिए कैसी होगी लेन व्यवस्था
इस नई व्यवस्था के तहत, NH-48 पर वाहनों को तीन मुख्य लेन में विभाजित किया जाएगा:
- पहली लेन (डिवाइडर के पास): यह लेन तेज गति से चलने वाले और ओवरटेक करने वाले वाहनों के लिए आरक्षित होगी।
- दूसरी लेन: मध्यम गति से चलने वाले वाहनों को इस लेन का उपयोग करना होगा।
- तीसरी लेन: भारी वाहनों जैसे ट्रक और बसों को अनिवार्य रूप से इस लेन में चलना होगा।
दो चरणों में लागू होगा प्रोजेक्ट
यह महत्वपूर्ण परियोजना दो मुख्य चरणों में लागू की जाएगी:
- पहला चरण (5 सितंबर 2025 तक): इस चरण में वाहन चालकों को लेन अनुशासन के प्रति जागरूक किया जा रहा है। पुलिसकर्मी चालकों को नियमों की जानकारी दे रहे हैं और उन्हें इसका पालन करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
- दूसरा चरण (6 सितंबर 2025 से): इस चरण से नियम सख्ती से लागू किए जाएंगे। नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों पर नियमानुसार चालान और अन्य कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस अभियान में राजस्थान पुलिस के साथ-साथ आरटीओ (क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय) और परिवहन विभाग का भी सहयोग लिया जा रहा है। यह पायलट प्रोजेक्ट तीन चरणों में लागू होगा, जिसके दूसरे चरण में जयपुर रेंज के सभी राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर लेन सिस्टम लागू करने की योजना है।
लेन सिस्टम के फायदे
इस नई व्यवस्था से सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन में कई महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिलेंगे:
- सड़क सुरक्षा में वृद्धि: लेन सिस्टम से वाहनों का संचालन व्यवस्थित होगा, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी और यात्रियों की जान बचेगी।
- समय की बचत: वाहनों की व्यवस्थित आवाजाही से यातायात सुगम होगा, जिससे यात्रा का समय बचेगा और भीड़ कम होगी।
- यातायात अनुशासन: यह प्रणाली वाहन चालकों में अनुशासन लाएगी, जिससे गति और स्थिति को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
पुलिस का संदेश
राजस्थान पुलिस ने स्पष्ट संदेश दिया है, "हमारा मकसद चालान काटना नहीं, बल्कि आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है।" सभी वाहन चालकों से अपील की गई है कि वे लेन सिस्टम का ईमानदारी से पालन करें और सड़क सुरक्षा को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता दें। सुरक्षित यात्रा ही आपकी और दूसरों की भलाई के लिए आवश्यक है।