राजस्थान में साल 2021 की सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा को लेकर एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला आया है। राजस्थान हाईकोर्ट ने इस बहुचर्चित भर्ती को रद्द कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद से प्रदेश भर के युवाओं में खुशी की लहर दौड़ गई है, वहीं लंबे समय से इस भर्ती को रद्द करने की मांग उठा रहे राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने अपने समर्थकों के साथ जमकर जश्न मनाया और डांस किया। जयपुर के शहीद स्मारक पर बीते 127 दिनों से धरने पर बैठे युवाओं ने भी अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “आज 4 साल की हमारी मेहनत रंग लाई है।”
हनुमान बेनीवाल का जश्न और राजनीतिक कटाक्ष
फैसले के बाद मीडिया से बात करते हुए हनुमान बेनीवाल ने कहा कि बीजेपी के कई मंत्री और अधिकारी इस भर्ती को रद्द नहीं करना चाहते थे, लेकिन न्यायपालिका ने सच्चाई को सबके सामने रख दिया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अब कई नेता इसका क्रेडिट लेने के लिए आगे आएंगे। सबको पता है कि कौन युवाओं के साथ खड़ा रहा और कौन पीठ दिखाकर भागा।
माफिया के खिलाफ जंग और दिल्ली कूच की चेतावनी
बेनीवाल ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि अगर हाईकोर्ट का फैसला इसके विपरीत आता तो हम दिल्ली कूच करने के लिए भी तैयार थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी यह लड़ाई सिर्फ भर्ती रद्द कराने की नहीं, बल्कि पेपर लीक माफिया के खिलाफ है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि अब कई “बुलबुले और बरसाती मेंढक” सामने आएंगे और कहेंगे कि हम भी आंदोलन में थे, लेकिन असली लड़ाई किसने लड़ी, यह सबको पता है।
बीजेपी पर साधा निशाना और वादे याद दिलाए
आरएलपी सांसद ने बीजेपी नेताओं पर भी निशाना साधा। उन्होंने याद दिलाया कि बीजेपी नेताओं ने एसआई भर्ती पर ही सरकार बनाई थी, लेकिन जब गहलोत सरकार में पेपर लीक हुआ तो वही नेता चुप्पी साधकर बैठ गए। बेनीवाल ने दावा किया कि आरएलपी ने युवाओं के इस आंदोलन को लगातार मजबूती प्रदान की। उन्होंने यह भी बताया कि युवाओं ने जयपुर में आंदोलन किया, आक्रोश रैली निकाली, जेल भरो आंदोलन किया और राज्यपाल से मुलाकात भी की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को उनके चुनाव वादों की भी याद दिलाई, जिसमें उन्होंने पेपर लीक माफिया को “पाताल से ढूंढने” और भर्ती रद्द करने का वादा किया था। बेनीवाल ने कहा कि बीजेपी के नेता तब छुप गए थे और हमें उन्हें उनके वादे याद दिलाने पड़े।
न्यायपालिका की अहम भूमिका
हनुमान बेनीवाल ने जोर देकर कहा कि बीजेपी के मंत्री और कई अधिकारी नहीं चाहते थे कि भर्ती परीक्षा रद्द हो। आखिरकार उन्हें हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा और कोर्ट ने इस मामले की तह तक जाकर सच को सामने ला दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि जब दोनों बड़ी पार्टियां और माफिया आपस में मिल जाते हैं तो सरकार कमजोर पड़ जाती है। ऐसे समय में न्यायपालिका ही जनता के साथ खड़ी होती है और न्याय दिलाती है। उन्होंने साफ कहा कि हाईकोर्ट का यह फैसला सिर्फ युवाओं की जीत नहीं, बल्कि पेपर लीक माफिया के खिलाफ एक बड़ा संदेश है।
127 दिन का धरना और युवाओं की भावनाएं
जयपुर के शहीद स्मारक पर एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर बीते 127 दिनों से अनिश्चितकालीन धरना चल रहा था। इस धरने में आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल लगातार युवाओं के बीच जाते रहे और उनकी मांग को पुरजोर तरीके से उठाते रहे। कोर्ट के फैसले के बाद अब इस धरने को समाप्त करने की घोषणा कर दी गई है। धरने में शामिल युवा विकास ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, “आज बहुत खुशी का दिन है। हमारी 4 साल की मेहनत रंग लाई है। तानाशाही हारी है और बेरोजगार युवाओं की जीत हुई है।”
धरने में शामिल अन्य युवाओं ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इस भर्ती के असली दोषी आरपीएससी के चेयरमैन हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भर्ती के बड़े ‘मगरमच्छ’ विदेशों में घूम रहे हैं और सरकार सिर्फ बयानबाजी करती रही। युवाओं ने याद दिलाया कि सत्ता में आने से पहले सरकार ने आरपीएससी को भंग करने और सीबीआई से जांच कराने का वादा किया था, लेकिन कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ।
ऐतिहासिक फैसला और सरकार को संदेश
युवाओं ने आज के दिन को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि सरकार का पक्षपातपूर्ण रवैया हारा है और हाईकोर्ट ने यह साफ संदेश दे दिया है कि अगर कोई माफिया गड़बड़ी करेगा और सरकार उसे बचाने की कोशिश करेगी तो अदालत सख्ती से निपटेगी। यह फैसला न केवल युवाओं को न्याय दिलाने वाला है, बल्कि प्रदेश में पारदर्शिता और निष्पक्षता की उम्मीद भी जगाता है।