क्या आपकी गाड़ी की माइलेज कम हो रही है? क्या आपको लगता है कि इसका कारण E20 पेट्रोल, यानी पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिलाना है? यह सवाल हाल ही में कई लोगों के मन में उठ रहा है। आइए जानते हैं कि इस बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं और सरकार का क्या रुख है।
E20 पेट्रोल और माइलेज में कमी
ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का कहना है कि E20 पेट्रोल के इस्तेमाल से माइलेज में 2 से 5 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है। यह कमी गाड़ी के मॉडल और कई अन्य कारकों पर निर्भर करती है। यह इथेनॉल के कम एनर्जी डेंसिटी के कारण होता है, जिससे गाड़ी कम दूरी तय करती है।
पुराने वाहनों पर संभावित प्रभाव
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि जो वाहन E20 मानकों के अनुरूप नहीं बनाए गए हैं, उनमें लंबे समय तक E20 पेट्रोल के इस्तेमाल से गैस्केट, ईंधन रबर होज और पाइप जैसे पार्ट्स खराब हो सकते हैं। हालांकि, यह प्रभाव तुरंत नहीं दिखाई देगा।
सरकार का पक्ष
तेल मंत्रालय का कहना है कि E20 पेट्रोल से ईंधन दक्षता में बहुत ज्यादा कमी नहीं आती है। हालांकि, उन्होंने माइलेज में कमी के प्रतिशत के बारे में कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं दिया है। सरकार का उद्देश्य पेट्रोल पर निर्भरता कम करना और अल्टरनेटिव ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है। इथेनॉल का उपयोग प्रदूषण कम करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।
विशेषज्ञों की अलग-अलग राय
हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि E20 पेट्रोल से इंजन पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन E20 कंप्लायंट नहीं वाहनों में समस्या आ सकती है। इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
E20 पेट्रोल के इस्तेमाल से माइलेज में कमी आने की बात को लेकर अभी भी कुछ मतभेद हैं। हालांकि, पुराने वाहनों के मालिकों को सावधानी बरतनी चाहिए और नियमित रूप से अपनी गाड़ी की जांच करानी चाहिए। इस विषय पर आगे आने वाले अध्ययनों से और स्पष्टता मिल सकती है।