भारत का टू-व्हीलर बाजार एक बड़े बदलाव के मुहाने पर खड़ा है। आने वाले कुछ सालों में सड़कों पर पेट्रोल से चलने वाले दोपहिया वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक वाहन (EV) लेते नजर आएंगे। एथर एनर्जी (Ather Energy) की हालिया वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 के अनुसार, यह बदलाव जितनी तेजी से होगा, शायद ही किसी ने सोचा होगा। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वित्तीय वर्ष 2031 तक, देश के कुल टू-व्हीलर मार्केट में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी चौंका देने वाली 40% तक पहुंच जाएगी। आइए, इस भविष्य की तस्वीर को विस्तार से समझते हैं।
क्यों होगा यह बड़ा बदलाव?
एथर एनर्जी का मानना है कि इस EV क्रांति के पीछे कई अहम कारण होंगे जो इसकी रफ्तार को और बढ़ाएंगे:
- बढ़ते EV लॉन्च: बाजार में लगातार नए और बेहतर इलेक्ट्रिक मॉडल पेश किए जाएंगे, जो ग्राहकों को आकर्षित करेंगे।
- सरकार का मजबूत समर्थन: केंद्र और राज्य सरकारों की EV-अनुकूल नीतियां, सब्सिडी और प्रोत्साहन इस बदलाव को गति देंगे।
- तेजी से बढ़ता चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर: देश भर में चार्जिंग स्टेशनों का जाल बिछने से ‘रेंज एंग्जायटी’ कम होगी।
- बैटरी की घटती कीमतें: बैटरी टेक्नोलॉजी में सुधार और बड़े पैमाने पर उत्पादन से इनकी लागत कम होगी, जिससे EV और किफायती होंगे।
- उपभोक्ताओं का बढ़ता झुकाव: पर्यावरण के प्रति बढ़ती जागरूकता और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के कारण ग्राहक तेजी से इलेक्ट्रिक की ओर रुख कर रहे हैं।
बाजार की रफ्तार और इलेक्ट्रिक वाहनों का हिस्सा
आने वाले सालों में भारतीय टू-व्हीलर बाजार का आकार भी बढ़ेगा। FY31 तक, भारत का टू-व्हीलर मार्केट सालाना 3.1 करोड़ यूनिट्स तक पहुंच सकता है। इस ग्रोथ में EV दोपहिया वाहनों की भूमिका बेहद अहम होगी। अनुमान है कि इलेक्ट्रिक वाहन 41% की प्रभावशाली चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ेंगे, जबकि पेट्रोल (ICE) टू-व्हीलर की वृद्धि दर केवल 2% CAGR तक सीमित रह जाएगी। इसका सीधा मतलब है कि कुल बिक्री में EV की हिस्सेदारी 35-40% तक पहुंच जाएगी, जो आज की तुलना में कई गुना अधिक है।
स्कूटर और मोटरसाइकिल पर EV का असर
यह बदलाव सभी सेगमेंट पर समान रूप से असर नहीं डालेगा:
- स्कूटर सेगमेंट: FY25 में ही स्कूटर सेगमेंट में इलेक्ट्रिक वाहनों की पैठ 16% तक पहुंच गई है। एथर का अनुमान है कि FY31 तक 70-75% स्कूटर इलेक्ट्रिक हो जाएंगे। यह सेगमेंट EV क्रांति का सबसे बड़ा लाभार्थी होगा, और आने वाले 6-7 सालों में पेट्रोल स्कूटर ‘बीते जमाने की बात’ बनकर रह जाएंगे।
- मोटरसाइकिल सेगमेंट: मोटरसाइकिल में भी EV की हिस्सेदारी बढ़ेगी, लेकिन यह वृद्धि स्कूटर जितनी तेज नहीं होगी। अनुमान है कि FY31 तक इसकी हिस्सेदारी करीब 10% तक सीमित रहेगी।
एथर एनर्जी की तैयारी और भविष्य की योजनाएं
इस बड़े बदलाव के लिए एथर एनर्जी पहले से ही कमर कस चुकी है। कंपनी नई EV आर्किटेक्चर, बैटरी इनोवेशन और चार्जिंग टेक्नोलॉजी पर लगातार रिसर्च और डेवलपमेंट कर रही है। उनका लक्ष्य है कि जब भारतीय सड़कें पूरी तरह से इलेक्ट्रिक हों, तब वे इस क्रांति में अग्रणी भूमिका निभाएं। एथर का यह दावा भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए एक स्पष्ट संकेत है कि इलेक्ट्रिक भविष्य अब दूर नहीं, बल्कि हमारे बहुत करीब है।