करीब 20 साल बाद भारत एक बार फिर दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित खेल आयोजनों में से एक, कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG) की मेजबानी करने की तैयारी में है। केंद्र सरकार ने 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी के लिए बोली लगाने को हरी झंडी दे दी है, जिसके बाद देश में खेल प्रेमियों और आर्थिक जानकारों के बीच उत्साह का माहौल है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत अहमदाबाद को आदर्श मेजबान शहर के रूप में देखा जा रहा है।
केंद्र सरकार की हरी झंडी: 2030 CWG के लिए बोली को मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी के लिए बोली लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। यह निर्णय गुजरात सरकार के साथ होस्ट कोलैबोरेशन एग्रीमेंट और ग्रांट-इन-एड की स्वीकृति के साथ आया है, जो इस आयोजन की व्यवहार्यता को मजबूत करता है। इससे कुछ ही दिन पहले, भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने 13 अगस्त को हुई अपनी विशेष आम बैठक में इस बोली को औपचारिक रूप से स्वीकार किया था। सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया था कि भारत को 31 अगस्त की समय सीमा से पहले अपना प्रस्ताव प्रस्तुत करना चाहिए।
अहमदाबाद: खेलों का नया वैश्विक केंद्र?
अगर भारत को 2030 CWG की मेजबानी मिलती है, तो अहमदाबाद इस ऐतिहासिक आयोजन का मुख्य केंद्र बन सकता है। शहर को आदर्श मेजबान शहर के रूप में इसलिए देखा जा रहा है क्योंकि यहां विश्वस्तरीय स्टेडियम, अत्याधुनिक ट्रेनिंग सुविधाएं और खेलों के प्रति गहरा जुनून मौजूद है। दुनिया के सबसे बड़े नरेंद्र मोदी स्टेडियम ने पहले ही 2023 क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल जैसी बड़ी प्रतियोगिताओं को सफलतापूर्वक आयोजित कर अपनी क्षमता साबित की है। अहमदाबाद का चुनाव भारत की खेल अवसंरचना को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करेगा।
रोजगार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे मेगा इवेंट की मेजबानी सिर्फ खेल तक ही सीमित नहीं रहती, बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी मील का पत्थर साबित होती है। यदि भारत को 2030 CWG की मेजबानी मिलती है, तो यह आयोजन 72 देशों की भागीदारी का गवाह बनेगा। अनुमान है कि इसके जरिए लाखों रोजगार के अवसर पैदा होंगे, पर्यटन को नई गति मिलेगी और खेलों से जुड़े उद्योगों के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों को भी बढ़ावा मिलेगा। 2010 में दिल्ली में हुए CWG ने भारत को वैश्विक खेल मानचित्र पर नई पहचान दिलाई थी, और 2030 का आयोजन उस विरासत को और आगे बढ़ाएगा।
हटाए गए खेलों को फिर से जोड़ने का प्रस्ताव
भारत की बोली में एक महत्वपूर्ण पहलू 2026 के कॉमनवेल्थ गेम्स से हटाए गए कुछ लोकप्रिय खेलों को फिर से शामिल करने का प्रस्ताव भी है। इन खेलों में हॉकी, क्रिकेट, बैडमिंटन, कुश्ती, टेबल टेनिस, डाइविंग, रग्बी सेवन, बीच वॉलीबॉल, माउंटेन बाइकिंग, स्क्वैश और रिदमिक जिम्नास्टिक्स शामिल हैं। ये खेल न केवल भारत में बल्कि कॉमनवेल्थ देशों में भी अत्यधिक लोकप्रिय हैं। इन्हें फिर से शामिल करने से CWG की लोकप्रियता और दर्शक वर्ग में वृद्धि होगी।
निष्कर्ष
भारत एक बार फिर दुनिया को अपने खेल आयोजन कौशल और खेल भावना से प्रभावित करने के लिए तैयार है। 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी की बोली न केवल देश के खेल बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा को भी मजबूत करेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारत यह ऐतिहासिक अवसर हासिल कर पाता है और अहमदाबाद दुनिया के खेल पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ता है।