म्यूचुअल फंड्स की दुनिया में सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) लगातार निवेशकों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। आमतौर पर निवेशक इक्विटी फंड्स और डेट फंड्स के बारे में जानते हैं, लेकिन अगस्त 2025 के आंकड़े बताते हैं कि Hybrid Funds SIP में निवेशकों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। आखिर क्या है इन फंड्स की खासियत, जो इन्हें नए निवेशकों के साथ-साथ अनुभवी लोगों के लिए भी आकर्षक बना रही है?
हाइब्रिड फंड्स क्या हैं और क्यों हैं खास?
जब हम निवेश की बात करते हैं, तो अक्सर दो मुख्य विकल्प सामने आते हैं: Equity Funds और Debt Funds। Equity Funds शेयर बाजार में सीधे निवेश करते हैं, जहां रिटर्न की संभावना तो अधिक होती है, लेकिन साथ ही जोखिम भी ज्यादा होता है। वहीं, Debt Funds मुख्य रूप से बॉन्ड्स और सरकारी सिक्योरिटीज में पैसा लगाते हैं, जो कम जोखिम वाले होते हैं लेकिन रिटर्न भी सीमित देते हैं।
इन दोनों के बीच का रास्ता है हाइब्रिड फंड्स। ये फंड्स इक्विटी और डेट, दोनों में निवेश का एक संतुलित मिश्रण पेश करते हैं। इसका मतलब है कि ये आपको इक्विटी से ग्रोथ का अवसर देते हैं और डेट से सुरक्षा प्रदान करते हैं। यही वजह है कि इन्हें ‘संतुलित’ निवेश का विकल्प माना जाता है।
संतुलित निवेश का मंत्र: Risk and Return Balance
हाइब्रिड फंड्स का सबसे बड़ा आकर्षण उनका Risk and Return Balance है। ये फंड्स बाजार की अस्थिरता को कुछ हद तक कम करने में मदद करते हैं क्योंकि इक्विटी में होने वाले बड़े उतार-चढ़ाव को डेट का हिस्सा स्थिरता प्रदान करके संभालता है। यह उन निवेशकों के लिए आदर्श है जो सीधे इक्विटी का जोखिम नहीं लेना चाहते, लेकिन बैंक FD से बेहतर रिटर्न की तलाश में हैं।
अगस्त 2025 में Hybrid Funds SIP की धूम
अगस्त 2025 में Hybrid Funds SIP में रिकॉर्ड तोड़ निवेश देखा गया। इस महीने में हाइब्रिड फंड्स का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) बढ़कर करीब ₹8.9 लाख करोड़ हो गया। इनमें आर्बिट्राज फंड्स और मल्टी-एसेट फंड्स ने सबसे ज्यादा निवेश आकर्षित किया। आर्बिट्राज फंड्स में ₹6,666 करोड़ और मल्टी-एसेट फंड्स में ₹3,528 करोड़ का शुद्ध इनफ्लो दर्ज हुआ। बैलेंस्ड एडवांटेज फंड्स और आक्रामक हाइब्रिड स्कीम्स में भी क्रमशः ₹2,316 करोड़ और ₹1,870 करोड़ का अच्छा निवेश आया। यहां तक कि कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड्स ने भी ₹44 करोड़ का सकारात्मक प्रवाह दिखाया। यह साफ दर्शाता है कि निवेशक अब इस संतुलित विकल्प को गंभीरता से ले रहे हैं।
दूसरे फंड्स से कैसे अलग हैं हाइब्रिड?
- Equity Funds से तुलना: जहां इक्विटी फंड्स पूरी तरह शेयर बाजार पर निर्भर रहते हैं और बाजार गिरने पर तेजी से मूल्य खो सकते हैं, वहीं हाइब्रिड फंड्स में डेट का हिस्सा नुकसान को कुछ हद तक संभालने में मदद करता है।
- Debt Funds से तुलना: डेट फंड्स स्थिरता तो देते हैं, लेकिन रिटर्न सीमित रहता है। हाइब्रिड फंड्स में इक्विटी की मौजूदगी के कारण रिटर्न की संभावना बेहतर होती है, जिससे आपको कम जोखिम के साथ अधिक रिटर्न मिल सकता है।
हाइब्रिड फंड्स के प्रकार (Types of Hybrid Funds)
हाइब्रिड फंड्स भी कई तरह के होते हैं, जो निवेशकों की जोखिम क्षमता और लक्ष्य के अनुसार बनाए गए हैं:
- आक्रामक हाइब्रिड फंड (Aggressive Hybrid Fund): इनमें इक्विटी का हिस्सा ज्यादा होता है (आमतौर पर 65-80%) और डेट का हिस्सा कम। ये अपेक्षाकृत अधिक जोखिम और रिटर्न की संभावना रखते हैं।
- रूढ़िवादी हाइब्रिड फंड (Conservative Hybrid Fund): इनमें डेट का हिस्सा बड़ा (आमतौर पर 75-90%) और इक्विटी का हिस्सा छोटा होता है। ये कम जोखिम वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं।
- बैलेंस्ड एडवांटेज फंड (Balanced Advantage Fund): इनकी खासियत यह है कि ये बाजार की स्थिति के हिसाब से इक्विटी और डेट के अनुपात को बदलते रहते हैं। ये मार्केट वोलेटिलिटी से निपटने में मदद करते हैं।
- मल्टी-एसेट फंड (Multi-Asset Fund): ये इक्विटी और डेट के अलावा गोल्ड, रियल एस्टेट या अन्य एसेट क्लास में भी निवेश करते हैं, जिससे और अधिक विविधीकरण (diversification) मिलता है।
हाइब्रिड फंड्स: फायदे और नुकसान
फायदे:
- Risk and Return Balance: ये इक्विटी की ग्रोथ और डेट की सुरक्षा का संतुलन प्रदान करते हैं।
- नए निवेशकों के लिए आसान: इन्हें समझना और मैनेज करना आसान होता है, खासकर जो पहली बार निवेश कर रहे हैं।
- विविधीकरण (Diversification): विभिन्न एसेट क्लास में निवेश से जोखिम कम होता है।
- लंबे समय में अच्छे रिटर्न: धैर्य रखने पर ये अच्छे रिटर्न दे सकते हैं।
नुकसान:
- पूरी तरह सुरक्षित नहीं: इक्विटी का हिस्सा हमेशा कुछ जोखिम लेकर आता है।
- अनुपात का मेल: कई बार इनका पूर्वनिर्धारित अनुपात आपकी व्यक्तिगत निवेश जरूरत से मेल नहीं खा सकता।
- टैक्सेशन: इक्विटी और डेट हिस्से पर अलग-अलग टैक्सेशन लागू होता है, जो नए निवेशकों के लिए थोड़ा भ्रमित करने वाला हो सकता है।
किसे करना चाहिए Hybrid Funds में निवेश?
अगर आप पहली बार Hybrid Funds SIP के जरिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर रहे हैं, ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते लेकिन बैंक FD से बेहतर रिटर्न चाहते हैं, तो हाइब्रिड फंड्स आपके लिए सही हो सकते हैं। वहीं, अगर आप बहुत ही सुरक्षित रहना चाहते हैं तो डेट फंड्स या FD ज्यादा ठीक रहेंगे। और अगर आपका नजरिया लंबी अवधि का है और आप ज्यादा रिस्क उठा सकते हैं तो Equity Funds बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
निष्कर्ष
हाइब्रिड फंड्स निवेश की दुनिया में एक ‘बैलेंस्ड’ विकल्प हैं। ये न तो उतने रिस्की हैं जितने प्योर Equity Funds और न उतने सीमित रिटर्न वाले जितने Debt Funds। इनकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि ये दोनों का संतुलन देकर निवेशकों को स्थिरता और ग्रोथ का बेहतरीन कॉम्बिनेशन देते हैं। यही वजह है कि इन्हें अक्सर निवेश का सफर शुरू करने वाले लोगों और संतुलित दृष्टिकोण चाहने वालों के लिए सही माना जाता है।
Disclaimer: यहां मुहैया कराई गई जानकारी केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है। बाजार में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा किसी योग्य वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।