साल 2024 में रिलीज हुई अजय देवगन (Ajay Devgn) अभिनीत फिल्म ‘मैदान’ (Maidaan) ने अपनी रिलीज से पहले ही काफी सुर्खियां बटोरी थीं। फुटबॉल कोच सैयद अब्दुल रहीम के जीवन पर आधारित इस स्पोर्ट्स ड्रामा से बॉक्स ऑफिस पर बड़ी कमाई की उम्मीद थी। फिल्म के निर्माता अनुभवी बोनी कपूर (Boney Kapoor) थे, जो पहली बार इतनी बड़ी स्पोर्ट्स फिल्म का हिस्सा थे। लेकिन बॉक्स ऑफिस पर फिल्म ने उम्मीदों के विपरीत प्रदर्शन किया। 210 करोड़ रुपये के भारी-भरकम बजट में बनी इस फिल्म ने केवल 68 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया, जिससे बोनी कपूर (Boney Kapoor) गहरे कर्जे में डूब गए। आखिर क्या थी इस बड़ी असफलता की वजह? कैसे एक फिल्म का बजट दोगुना से भी ज्यादा हो गया और प्रोड्यूसर को किन अनसुनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा? आइए जानते हैं ‘मैदान’ की मुश्किलों भरी कहानी।
‘मैदान’ की लागत क्यों बढ़ी? कोविड-19 और चुनौतियों का पहाड़
हाल ही में एक इंटरव्यू में, बोनी कपूर (Boney Kapoor) ने ‘मैदान’ (Maidaan) के निर्माण के दौरान आई वित्तीय चुनौतियों का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि फिल्म का शुरुआती अनुमानित Film Budget लगभग 120 करोड़ रुपये था, लेकिन कई अप्रत्याशित घटनाओं के चलते यह आंकड़ा 210 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। सबसे बड़ी वजह थी कोविड-19 (COVID-19 impact) महामारी। बोनी कपूर ने बताया, “महामारी के कारण फिल्म चार साल से ज्यादा समय तक अटकी रही।” जनवरी 2020 तक, फिल्म का लगभग 70% हिस्सा पूरा हो चुका था और मार्च के आखिरी हफ्ते से मैचों की शूटिंग शुरू होनी थी। इसके लिए दुनिया भर से करीब 200 से 250 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और दल भारत आ चुका था, लेकिन कोरोना के पहले चरण में सभी उड़ानें रद्द हो गईं, जिससे काम ठप पड़ गया। महामारी के अलावा, एक चक्रवात ने भी फिल्म के सेट को बुरी तरह तबाह कर दिया था, जिससे निर्माताओं को दोहरा नुकसान झेलना पड़ा।
ताज का खाना, पानी की बोतलें और 800 लोगों की यूनिट: अनसुना खर्च
बोनी कपूर (Boney Kapoor) ने बताया कि फिल्म की शूटिंग के दौरान, खासकर मैचों के सीक्वेंस फिल्माते समय, उनकी यूनिट में लगभग 800 लोग होते थे। कोविड-19 (COVID-19 impact) के कारण लगी पाबंदियों के चलते, सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य था। “उस दौरान, मैं पूरी यूनिट के लिए ताज होटल से खाना मंगवाता था,” बोनी कपूर ने बताया। इसके साथ ही, सेट पर हर समय चार एंबुलेंस और डॉक्टर मौजूद रखने पड़ते थे। पाबंदियों के कारण, सेट पर 150 से अधिक लोगों को एक साथ रहने की अनुमति नहीं थी और दूरी बनाए रखने के लिए एक साथ खाना खाने पर भी रोक थी। पानी की व्यवस्था के लिए भी उन्हें लगभग पांच टेंट लगाने पड़े थे। ये सभी खर्चे फिल्म के Film Budget को लगातार बढ़ाते जा रहे थे।
पानी की बोतलों पर हुए खर्च ने तो प्रोड्यूसर को हैरान ही कर दिया। बोनी कपूर ने कहा, “हमने एक खास ब्रांड के साथ पानी की सप्लाई के लिए डील की थी और उसका बिल बहुत ज्यादा था।” सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी को डिस्टिल्ड वॉटर देना पड़ा। “इन सभी प्रक्रियाओं में मेरा बहुत पैसा खर्च हुआ। और, मुझे यह सब लगभग साढ़े तीन साल तक करना पड़ा,” उन्होंने कहा। पानी की बोतलों पर खर्च की गई राशि इतनी अधिक थी कि उतने में एक छोटे बजट की पूरी फिल्म बन सकती थी। यह दर्शाता है कि ‘मैदान’ (Maidaan) के निर्माण में किन अप्रत्याशित और असाधारण खर्चों का सामना करना पड़ा, जिससे बोनी कपूर (Boney Kapoor) पर दबाव बढ़ता चला गया।
VFX और विदेश यात्रा का अतिरिक्त बोझ
फुटबॉल मैचों के दृश्यों को भव्य और विश्वसनीय बनाने के लिए टीम को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। भीड़ दिखाने के लिए, टीम को बैंकॉक तक जाना पड़ा, जिससे उन्हें अतिरिक्त पैसा खर्च करना पड़ा। “हमें स्टेडियम में कम से कम 2000 लोगों को दिखाना पड़ा, जबकि एडिटिंग टेबल पर उनकी संख्या 40,000 थी,” बोनी कपूर (Boney Kapoor) ने बताया। यह वीएफएक्स (VFX) और पोस्ट-प्रोडक्शन की लागत को भी दर्शाता है। आखिरकार, ‘मैदान’ (Maidaan) पर कुल 210 करोड़ रुपये खर्च हुए, जबकि फिल्म ने केवल 68 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया। इस भारी नुकसान की भरपाई के लिए बोनी कपूर (Boney Kapoor) को पैसा उधार लेना पड़ा। यह फिल्म एक बेहतरीन कहानी होने के बावजूद, निर्माण के दौरान आई अनगिनत बाधाओं और COVID-19 impact के कारण एक बड़ी वित्तीय चुनौती बन गई, जिससे प्रोड्यूसर को भारी कीमत चुकानी पड़ी।