क्या आप भी सोच रहे हैं अपने गहने गिरवी रखकर तुरंत पैसे पाने की? यह सवाल इन दिनों कई लोगों के मन में घूम रहा है, क्योंकि जरूरत पड़ने पर Gold Loan एक आसान और त्वरित समाधान लगता है। लेकिन क्या यह वाकई उतना ही सीधा है जितना दिखता है, या इसके पीछे कोई गहरा जाल छिपा है? हाल के आंकड़े बताते हैं कि देश में Loan against gold लेने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, और इसका मूल्य 1.7 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक है। हालांकि विशेषज्ञ इसकी कम ब्याज दरों के बावजूद, इसमें छिपे उच्च Gold loan risks की चेतावनी देते हैं। आइए, इस पूरे मामले को गहराई से समझते हैं।
सोने पर कर्ज: क्यों बढ़ रही है इसकी लोकप्रियता?
अक्सर लोग सोचते हैं कि अपने गहने गिरवी रखकर वे तुरंत पैसे पा सकते हैं और बाद में उन्हें आसानी से छुड़ा लेंगे। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट और आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ सालों में Gold Loan की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है, जिसका कुल मूल्य 1.7 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। लोगों के लिए यह लोन हासिल करना काफी आसान है, लेकिन इसकी हकीकत जानना बेहद जरूरी है, क्योंकि कई बार यह आपके परिवार के कीमती गहनों को हमेशा के लिए आपसे दूर कर सकता है।
सुरक्षा का भ्रम और छिपे हुए जोखिम
Gold Loan को अक्सर एक सुरक्षित विकल्प बताया जाता है। इसका तर्क यह दिया जाता है कि आपके गहने बैंक के पास जमानत के तौर पर रहते हैं, जिससे बैंक को कोई जोखिम नहीं होता और आपको जल्दी पैसा मिल जाता है। साथ ही, इसकी ब्याज दरें पर्सनल लोन की तुलना में कम लगती हैं। लेकिन यही ‘सुरक्षा’ का भ्रम कभी-कभी एक बड़ा जाल बन जाता है। Gold loan interest rates 9% से 20% तक हो सकती हैं, जो देखने में कम लगती हैं। हालांकि, बार-बार लोन रिन्यू करने या नए Loan against gold लेने से यह ब्याज इतना बढ़ जाता है कि यह आपके गहनों की वास्तविक कीमत से भी अधिक हो सकता है।
ब्याज चुकाते रहने का अंतहीन सिलसिला
बहुत से लोग सिर्फ ब्याज चुकाना जारी रखते हैं, क्योंकि यह उन्हें आसान लगता है। लेकिन वे मूल रकम को हाथ भी नहीं लगाते, जिससे वह हमेशा वैसी की वैसी बनी रहती है। जब लोन की अवधि समाप्त होती है, तो उनके पास गहने छुड़ाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं होते। ऐसे में वे या तो लोन रिन्यू करते हैं, या फिर किसी दूसरे गहने को गिरवी रखकर नया Gold Loan ले लेते हैं। यह एक ऐसा दुष्चक्र बन जाता है जिससे निकलना मुश्किल हो जाता है।
बैंक का फायदा, आपकी जीवन भर की कमाई का नुकसान
इस पूरे चक्र में, बैंक या एनबीएफसी को कोई नुकसान नहीं होता। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, Gold Loan पर नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) यानी डिफॉल्ट की दर लगभग शून्य है। इसका सीधा सा मतलब है कि यदि आप लोन नहीं चुका पाते हैं, तो बैंक आपके गहनों की नीलामी करके अपना पैसा आसानी से वसूल कर लेता है। लेकिन आपके लिए यह नुकसान हमेशा के लिए होता है। सालों की बचत, शादी के यादगार गहने या दादी-नानी की निशानी चंद मिनटों की नीलामी में हमेशा के लिए गायब हो सकती है। Gold loan risks यहीं खत्म नहीं होते, इसकी सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि यह बार-बार कर्ज लेने की आदत डाल देता है।
गोल्ड लोन: आदत नहीं, अंतिम उपाय
लोग इसे आसान समझकर हर छोटी-बड़ी जरूरत के लिए अपने गहने गिरवी रख देते हैं। धीरे-धीरे उनके पास गिरवी रखने को कुछ बचता ही नहीं। Gold Loan को पूरी तरह गलत नहीं कहा जा सकता। यह जरूरत के वक्त पैसा पाने का एक अच्छा जरिया हो सकता है, खासकर तब जब आपको कोई दूसरा लोन मिलना मुश्किल हो। यह Financial planning का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है, लेकिन इसे अंतिम रास्ते के तौर पर ही इस्तेमाल करना चाहिए, न कि हर बार की आदत बनाना चाहिए। अपने कीमती गहनों को गिरवी रखने से पहले, इसके सभी पहलुओं को ध्यान से समझें और सुनिश्चित करें कि आप इसे समय पर चुकाने में सक्षम होंगे।