भारत विविधताओं का देश है और यहाँ हर त्योहार एक नई ऊर्जा और उत्साह लेकर आता है। इन्हीं में से एक है गणेश चतुर्थी, जिसे विघ्नहर्ता भगवान गणेश का पर्व माना जाता है। इस दौरान जहां घरों में खुशियों का माहौल होता है, वहीं शेयर बाजार में भी इस पर्व का असर अक्सर देखा जाता है। मौजूदा समय में वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय बाजार में हलचल बनी हुई है, लेकिन क्या गणेश उत्सव की शुभता बाजार के लिए भी बाधाएं दूर कर सकती है? आइए जानते हैं गणेश चतुर्थी के बाद बाजार के ऐतिहासिक प्रदर्शन पर एक नज़र।
गणेश उत्सव और शेयर बाजार का ऐतिहासिक रिश्ता
शेयर बाजार में निवेशक हमेशा ऐसे संकेतों की तलाश में रहते हैं, जो उन्हें सही दिशा दिखा सकें। गणेश चतुर्थी को अक्सर एक शुभ संकेत के तौर पर देखा जाता है। पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो गणेश उत्सव के बाद भारतीय बाजार में अक्सर सकारात्मक रुझान देखने को मिला है। खासकर, उत्सव के दूसरे सप्ताह में बाजार का प्रदर्शन पहले सप्ताह की तुलना में बेहतर रहा है।
आंकड़ों में देखें गणेश उत्सव के बाद बाजार का प्रदर्शन
जब हम गणेश चतुर्थी के बाद बाजार के प्रदर्शन का विश्लेषण करते हैं, तो कुछ दिलचस्प पैटर्न उभर कर सामने आते हैं। उत्सव के पहले सप्ताह में बाजार की दिशा थोड़ी अस्पष्ट रहती है और अक्सर फ्लैट रिटर्न देखने को मिलता है। हालांकि, दूसरे सप्ताह में स्थिति अक्सर बदल जाती है।
पिछले 10 वर्षों में, गणेश उत्सव के दूसरे सप्ताह में बाजार में 6 बार तेजी देखी गई है। अगर हम हाल के 5 सालों के प्रदर्शन को देखें तो:
- 2024: उत्सव के दूसरे सप्ताह में बाजार 4% से अधिक बढ़ा।
- 2022: बाजार में 2% की बढ़त दर्ज की गई।
- 2021: बाजार 3% ऊपर चढ़ा।
- 2023: बाजार में लगभग 2.5% की गिरावट आई।
- 2020: बाजार में लगभग 1% की मामूली गिरावट देखी गई।
यह आंकड़ा दर्शाता है कि भले ही हमेशा बढ़त न दिखे, लेकिन दूसरे सप्ताह में तेजी की संभावना अधिक रहती है।
त्योहारों से मिलती अर्थव्यवस्था को नई उड़ान
भारत की अर्थव्यवस्था काफी हद तक घरेलू मांग पर निर्भर करती है। वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, मजबूत घरेलू खपत भारतीय अर्थव्यवस्था को सहारा देती है। देश में त्योहारों का मौसम, जो गणेश चतुर्थी से शुरू होकर दिवाली और फिर शादियों तक चलता है, खरीदारी और उपभोग को जबरदस्त बढ़ावा देता है। यह समय ऑटोमोबाइल, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, रिटेल, बैंकिंग और ई-कॉमर्स जैसे कई सेक्टरों के लिए काफी उम्मीदों भरा होता है। जब इन सेक्टरों में मांग बढ़ती है, तो उसका सकारात्मक असर शेयर बाजार पर भी परिलक्षित होता है।
अस्वीकरण: यहां दी गई जानकारी केवल सामान्य सूचना उद्देश्यों के लिए है और इसे निवेश सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। किसी भी निवेश का निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य लें।