जाने-माने विशेषज्ञ क्रिस्टोफर वुड (Christopher Wood) ने हाल ही में कहा कि अगर पिछले दो सालों से लगातार Mutual Funds Inflow न आते, तो भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) 20-30% तक गिर चुका होता। भारतीय शेयर बाजार लगातार विदेशी निवेशकों की बिकवाली के दबाव का सामना कर रहा है, लेकिन घरेलू निवेशकों का अटूट विश्वास ही है जिसने बाजार को इस मुश्किल दौर में संभाल रखा है। यह आम आदमी की बचत का ही कमाल है जिसने बाजार की रीढ़ को मजबूत बनाए रखा है।
घरेलू निवेशकों का बढ़ता भरोसा और विदेशी निवेशकों की चाल
वुड के अनुसार, अगस्त 2025 तक, घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) लगातार 25 महीनों से बाजार में पैसा लगा रहे हैं। सिर्फ चालू वित्त वर्ष (FY26) के शुरुआती पांच महीनों में ही म्यूचुअल फंड्स से लगभग 37.6 बिलियन डॉलर का भारी-भरकम इनफ्लो आया है। इसके विपरीत, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) अब तक 1.5 बिलियन डॉलर की बिकवाली कर चुके हैं, जिसमें जुलाई-अगस्त में तो 6 बिलियन डॉलर का नेट आउटफ्लो भी देखने को मिला।
क्रिस्टोफर वुड (Christopher Wood) ने बताया कि इस समय विदेशी निवेशक कोरिया और ताइवान जैसे एशियाई बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं। हालांकि, उनका मानना है कि जैसे ही भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ विवाद का समाधान होगा, बाजार में एक रणनीतिक तेजी (tactical rally) देखने को मिलेगी। उनका यह भी अनुमान है कि भले ही यह विवाद थोड़ा लंबा खिंचे, साल के अंत तक FII भारत में फिर से नेट बायर्स बन जाएंगे। यह भारतीय अर्थव्यवस्था में उनके विश्वास को दर्शाता है, भले ही अल्पकालिक उतार-चढ़ाव जारी हों।
आने वाला साल और भारत की ग्रोथ स्टोरी
निवेशकों के लिए सबसे अहम बात यह है कि वुड आने वाले साल को लेकर काफी सकारात्मक हैं। उनका कहना है कि 2026 में भारत की नॉमिनल GDP ग्रोथ में तेजी आएगी, जो कंपनियों की कमाई (EPS ग्रोथ) के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार द्वारा हाल ही में किए गए रेट कट, GST रिफॉर्म और इनकम टैक्स कट जैसे कदमों से अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी, जिसका सीधा फायदा भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) को मिलेगा। यह सुधार न केवल निवेश को बढ़ावा देंगे बल्कि आम जनता की क्रय शक्ति में भी वृद्धि करेंगे।
लंबी अवधि के निवेशकों के लिए संदेश
कुल मिलाकर, Jefferies का यह संदेश स्पष्ट है कि भारत आज भी दुनिया की सबसे मजबूत ग्रोथ स्टोरीज में से एक है। घरेलू म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) का बढ़ता इनफ्लो और घरेलू निवेशकों का विश्वास बाजार की असली ताकत है। इसलिए, एक शेयर खरीदने वाले निवेशक को मौजूदा उतार-चढ़ाव से डरने की बजाय लंबी अवधि पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। बाजार में कंसोलिडेशन के बाद, अगले साल एक बड़ी तेजी की उम्मीद की जा सकती है, जिससे निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल सकता है।