भारतीय टेस्ट टीम के ‘दीवार’ कहे जाने वाले दिग्गज बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने इंटरनेशनल और प्रोफेशनल क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद अपने भविष्य की योजनाओं का खुलासा किया है। 103 टेस्ट मैचों में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले पुजारा क्रिकेट से अपना नाता नहीं तोड़ना चाहते और उन्होंने अपनी आगे की राह स्पष्ट कर दी है। उनके दिमाग में दो करियर विकल्प प्रमुखता से हैं: कमेंट्री और कोचिंग।
पुजारा का क्रिकेट से गहरा नाता: कोचिंग और कमेंट्री की राह
चेतेश्वर पुजारा ने बताया है कि उन्हें ब्रॉडकास्टिंग (कमेंट्री) के काम में काफी आनंद आया है और वे इसे निश्चित रूप से जारी रखेंगे। इसके साथ ही, वे कोचिंग के लिए भी पूरी तरह से तैयार हैं। पुजारा ने विशेष रूप से बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (पूर्व में एनसीए) में कोचिंग की संभावना पर अपनी सहमति व्यक्त की है।
उन्होंने आगे कहा, “जब कोचिंग या सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में किसी भी काम की बात आएगी, तो मैं इसके लिए तैयार हूं। मैंने अभी तक इसके बारे में गंभीरता से नहीं सोचा है, लेकिन जब भी कोई मौका आएगा, मैं कोशिश करूंगा और तब कोई फैसला लूंगा।” पुजारा का मानना है कि वे खेल से जुड़े रहना चाहते हैं और जिस भी तरीके से भारतीय क्रिकेट में योगदान दे सकें, उन्हें ऐसा करने में खुशी होगी। यह बात उनके खेल के प्रति समर्पण को दर्शाती है।
बदलते टेस्ट क्रिकेट पर ‘दीवार’ की राय
पुजारा को क्रिकेट से संन्यास लेने या अपने करियर को लेकर कोई गिला-शिकवा नहीं है। हालांकि, उन्होंने एक महत्वपूर्ण बात स्वीकार की है कि आजकल टेस्ट क्रिकेट उस पुराने अंदाज में नहीं खेली जाती, जैसे पहले खेली जाती थी।
उन्होंने अपनी राय साझा करते हुए कहा, “मुझे नहीं लगता कि मैं दुखी हूं। मुझे अब भी लगता है कि आज के दौर में भी एक क्लासिकल टेस्ट खिलाड़ी के लिए गुंजाइश है, लेकिन समय बदल गया है। समय के साथ आगे बढ़ना ही होगा।” पुजारा ने युवा खिलाड़ियों को भी एक अहम सलाह दी है। उनका कहना है कि युवा खिलाड़ियों को इस खेल के तीनों प्रारूपों में खेलने का विकल्प चुनना चाहिए, क्योंकि अब सफेद गेंद से क्रिकेट का बोलबाला अधिक है और यह भविष्य की मांग है।
चेतेश्वर पुजारा का यह नया अध्याय भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए उत्सुकता का विषय है। चाहे वह कमेंट्री बॉक्स में अपनी आवाज से खेल का विश्लेषण करें या युवा प्रतिभाओं को कोचिंग देकर उन्हें तराशें, यह निश्चित है कि भारतीय क्रिकेट को उनके अनुभव और ज्ञान का लाभ मिलता रहेगा।