भारतीय शेयर बाजार में सक्रिय निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आ रही है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) अपने फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट में ‘प्री-ओपन ट्रेडिंग’ की सुविधा शुरू करने पर विचार कर रहा है। यह कदम बाजार की कार्यप्रणाली में एक नया आयाम जोड़ सकता है। एक्सचेंज ने इस संबंध में 28 अगस्त, 2025 को एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें 8 दिसंबर, 2025 से इसे लागू करने की संभावना जताई गई है।
क्या है यह नया प्रस्ताव और कब से होगा लागू?
बीएसई द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव के अनुसार, इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट में इंडेक्स और स्टॉक फ्यूचर्स के लिए प्री-ओपन सेशन शुरू किया जाएगा। यह सुविधा, जो वर्तमान में इक्विटी सेगमेंट में उपलब्ध है, अब F&O सेगमेंट में भी देखने को मिल सकती है। इसका उद्देश्य बाजार को और अधिक कुशल बनाना और ट्रेडर्स को बाजार खुलने से पहले ऑर्डर देने की सुविधा प्रदान करना है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो यह बदलाव 8 दिसंबर, 2025 से लागू हो सकता है।
ट्रेडिंग सदस्यों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी और तैयारी
बीएसई ने स्पष्ट किया है कि इस नई सुविधा को शुरू करने के लिए ईटीआई एपीआई (ETI API) या मार्केट डेटा ब्रॉडकास्ट स्ट्रीम्स (Market Data Broadcast Streams) में किसी भी प्रकार के नए बदलाव की आवश्यकता नहीं होगी। इक्विटी सेगमेंट में प्री-ओपन सेशन ट्रेडिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले संदेश संरचनाएं (Message Structures) और फील्ड परिभाषाएं (Field Definitions) ही इक्विटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट में भी लागू होंगी।
इस बदलाव की टेस्टिंग 6 अक्टूबर, 2025 से टेस्ट एनवायरनमेंट में शुरू होने वाली है। बीएसई ने ट्रेडिंग मेंबर्स और थर्ड-पार्टी फ्रंट-एंड ट्रेडिंग एप्लीकेशन वेंडर्स से अनुरोध किया है कि वे अपने संबंधित एप्लीकेशंस में आवश्यक बदलाव करें और नई सुविधा की सुचारू शुरुआत सुनिश्चित करने के लिए इसे टेस्ट करें।
बाजार का मौजूदा मिजाज और बीएसई के शेयर का प्रदर्शन
यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। 28 अगस्त, 2025 को बीएसई का शेयर 1.84 फीसदी गिरकर 2,174.90 रुपये पर बंद हुआ। बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट देखी गई, जिसका एक कारण अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाने के ऐलान को माना जा रहा है। हालांकि, दोनों देशों के बीच व्यापार पर बातचीत का रास्ता अभी भी खुला हुआ है, जिससे उम्मीदें बनी हुई हैं।
निष्कर्ष
बीएसई का यह कदम फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस सेगमेंट में ट्रेडिंग के तरीके को बदल सकता है। प्री-ओपन ट्रेडिंग की शुरुआत से बाजार में तरलता (liquidity) और पारदर्शिता (transparency) बढ़ सकती है, जिससे ट्रेडर्स को बेहतर मूल्य खोज में मदद मिल सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नई सुविधा भारतीय पूंजी बाजार को कैसे प्रभावित करती है और निवेशकों के लिए क्या नए अवसर लाती है। बाजार से जुड़ी हर नई जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहें।