भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई), भारत का सबसे धनी खेल संगठन, Indian Cricket Board ने वित्तीय मोर्चे पर रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया है। पिछले पांच सालों में बीसीसीआई के खजाने में 14,627 करोड़ रुपये की बंपर बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिसमें से अकेले पिछले वित्तीय वर्ष में 4,193 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। यह आंकड़े भारतीय क्रिकेट की मजबूत होती आर्थिक स्थिति का स्पष्ट प्रमाण हैं।
बढ़ता बैंक बैलेंस और मजबूत होता कोष
बीसीसीआई के बैंक बैलेंस की बात करें तो, यह 2019 में 6,059 करोड़ रुपये था, जो अब 2025 में बढ़कर 20,686 करोड़ रुपये के हैरतअंगेज आंकड़े पर पहुँच गया है। यह वृद्धि तब हुई है जब राज्य इकाइयों को उनकी सभी बकाया राशियों का भुगतान कर दिया गया है। राज्य एसोसिएशनों के साथ साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, सामान्य कोष में भी भारी बढ़ोतरी देखी गई है। 2019 में यह कोष 3,906 करोड़ रुपये का था, जो 2024 में लगभग दोगुना होकर 7,988 करोड़ रुपये हो गया है।
2024 की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में प्रस्तुत लेखा-जोखा के अनुसार, मानद सचिव ने सदस्यों को सूचित किया कि 2019 से बीसीसीआई की नकद और बैंक में जमा राशि 6,059 करोड़ रुपये से बढ़कर 20,686 करोड़ रुपये हो गई है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि 6,059 करोड़ रुपये का आंकड़ा तब का था जब राज्य क्रिकेट संघों को भुगतान नहीं किया गया था, जबकि 20,686 करोड़ रुपये राज्य क्रिकेट संघों का बकाया भुगतान करने के बाद की स्थिति को दर्शाता है। यह दर्शाता है कि बोर्ड की वित्तीय प्रबंधन कितनी मजबूत है।
कमाई के स्रोत और निवेश का महत्व
बोर्ड की अंतर्राष्ट्रीय मैचों से मीडिया अधिकारों से आय पिछले साल के 2,524.80 करोड़ रुपये से घटकर 813.14 करोड़ रुपये हो गई है। इसका मुख्य कारण आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 के दौरान कम अंतरराष्ट्रीय घरेलू मैचों का आयोजन रहा। इसी तरह, पुरुषों के सीनियर अंतर्राष्ट्रीय दौरों और आयोजनों से सकल प्राप्तियां भी पिछले साल के 642.78 करोड़ रुपये की तुलना में घटकर 361.22 करोड़ रुपये रह गईं।
हालांकि, बीसीसीआई की निवेश आय ने मजबूत प्रदर्शन दिखाया है। बैंक जमा पर ब्याज आय 986.45 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जो पिछले साल 533.05 करोड़ रुपये थी। यह आंकड़ा दर्शाता है कि बीसीसीआई के BCCI finances केवल मैचों और प्रसारण अधिकारों पर निर्भर नहीं हैं, बल्कि उनके समझदारी भरे निवेश भी उनकी आय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन रहे हैं। यह एक स्वस्थ Cricket revenue मॉडल की ओर इशारा करता है।
अधिशेष और प्रमुख योगदानकर्ता
बोर्ड ने 1,623.08 करोड़ रुपये का अधिशेष (surplus) दर्ज किया है, जो पिछले वर्ष के 1,167.99 करोड़ रुपये से अधिक है। इस महत्वपूर्ण वृद्धि का मुख्य कारण IPL earnings (आईपीएल 2023 अधिशेष) और आईसीसी वितरण में वृद्धि है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) लगातार बीसीसीआई की आय का एक प्रमुख स्रोत बना हुआ है, और वैश्विक Sports economy में भारतीय क्रिकेट के बढ़ते कद को भी यह अधिशेष रेखांकित करता है।
कुल मिलाकर, ये आंकड़े बीसीसीआई की अभूतपूर्व वित्तीय शक्ति और भारतीय क्रिकेट की लगातार बढ़ती वैश्विक पहचान को दर्शाते हैं।