अमेरिकी ‘ट्रम्प टैरिफ’ का कहर: शेयर बाजार में भारी गिरावट
भारतीय शेयर बाजार में 28 अगस्त को अमेरिकी ‘ट्रम्प टैरिफ’ का एक बार फिर भीषण असर देखने को मिला। सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को घरेलू बाजार धड़ाम हो गए, जिससे निवेशकों की संपत्ति को तगड़ा झटका लगा। बीएसई सेंसेक्स 705.97 अंक लुढ़क कर 80,080.57 अंक पर बंद हुआ। वहीं, एनएसई निफ्टी 211.15 अंक की गिरावट के साथ 24,500.90 अंक पर ठहरा। बता दें कि बुधवार को गणेश चतुर्थी के कारण शेयर बाजार में कारोबार नहीं हुआ था। इससे पहले मंगलवार को भी बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई थी, जब निवेशकों के करीब 6 लाख करोड़ रुपये डूब गए थे।
क्या हैं ‘ट्रम्प टैरिफ’ और क्यों लगे?
अमेरिकी प्रशासन द्वारा भारतीय निर्यात पर लगाए गए अतिरिक्त 25% शुल्क 27 अगस्त से प्रभावी हो गए हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल आयात करने के भारत के फैसले के जवाब में यह अतिरिक्त शुल्क लगाने का आदेश दिया था। इसके साथ ही, भारतीय निर्यात पर अमेरिकी शुल्क का कुल भार बढ़कर 50% हो गया है, जिससे भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्द्धा पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है।
बाजार का दिनभर का हाल: उतार-चढ़ाव के बीच भारी गिरावट
गुरुवार सुबह बाजार खुलने से पहले ही अमेरिकी ‘ट्रम्प टैरिफ’ के कारण भारी गिरावट की आशंका जताई जा रही थी। हालांकि, शुरुआती कारोबार में बाजार ने इन आशंकाओं को ‘ठेंगा’ दिखाते हुए अपेक्षाकृत कम नुकसान के साथ शुरुआत की। बीएसई सेंसेक्स महज 31 अंकों के नुकसान के साथ 80754 के स्तर पर खुला, जबकि एनएसई निफ्टी ने 16 अंकों की मामूली गिरावट के साथ 24695 के स्तर से दिन की शुरुआत की।
लेकिन यह शुरुआती राहत ज्यादा देर तक नहीं टिक पाई। जैसे-जैसे दिन चढ़ा, टैरिफ का असर गहराता गया। सुबह 9:35 बजे तक सेंसेक्स 659 अंक नीचे 80126 और निफ्टी 192 अंक नीचे 24519 पर आ गया। कंज्यूमर ड्यूराबेल्स को छोड़कर सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में थे, जिनमें आईटी, फार्मा और हेल्थकेयर में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स के टॉप लूजर्स में एचसीएल टेक (-2.10%), एचडीएफसी बैंक (-1.63%) और पावर ग्रिड (-1.38%) शामिल थे।
दिन के मध्य में बाजार ने रिकवरी की कोशिश की। 11:00 बजे तक सेंसेक्स 476 अंक और निफ्टी 73 अंक नीचे आ गया था, जो शुरुआती गिरावट से बेहतर स्थिति थी। एनएसई पर हरे निशान में स्टॉक्स की संख्या भी बढ़ी, लेकिन यह रिकवरी अस्थाई साबित हुई। दोपहर 12:35 बजे तक बाजार फिर से गिरावट की पटरी पर लौट आया, सेंसेक्स 441 अंक और निफ्टी 119 अंक नीचे आ गए। अंततः, बाजार ने दिन के निचले स्तरों के करीब बंद होकर भारी गिरावट दर्ज की, जिससे निवेशकों की चिंताएं बढ़ गईं।
वैश्विक बाजारों का हाल: मिले-जुले संकेत
गुरुवार को एशियाई बाजारों में मिलाजुला रुख देखने को मिला। जापान का निक्केई 225 और टॉपिक्स में बढ़त रही, वहीं दक्षिण कोरिया का कोस्पी भी चढ़ा। हालांकि, कोसडैक और हांगकांग के हेंग सेंग इंडेक्स के फ्यूचर्स कमजोर शुरुआत का संकेत दे रहे थे। GIFT निफ्टी 24,649 के स्तर के आसपास कारोबार कर रहा था, जो भारतीय सूचकांकों के लिए एक नकारात्मक शुरुआत की ओर इशारा कर रहा था। दूसरी ओर, अमेरिकी शेयर बाजार बुधवार को बढ़त के साथ बंद हुआ था। डॉऊ जोन्स, एसएंडपी 500 और नैस्डैक सभी हरे निशान में बंद हुए, जिसमें एसएंडपी 500 ने एक नया रिकॉर्ड भी बनाया।
अन्य महत्वपूर्ण कारक
अमेरिकी डॉलर, फेडरल रिजर्व द्वारा दर में कटौती की उम्मीदों के चलते कमजोर रहा। कच्चे तेल के दाम भी गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। ब्रेंट क्रूड 0.53% गिरकर $67.69 प्रति बैरल पर, जबकि डब्ल्यूटीआई क्रूड 0.59% टूटकर $63.77 प्रति बैरल पर पहुंच गया था।
निवेशकों की संपत्ति को झटका, आगे क्या?
इस गिरावट ने निवेशकों की संपत्ति को एक और बड़ा झटका दिया है। मंगलवार को भी सेंसेक्स और निफ्टी में 1% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई थी। रिलायंस मनी के एसवीपी, अजीत मिश्रा का कहना है कि आगे देखते हुए, निर्यात-प्रधान क्षेत्रों में किसी भी तेजी पर बिकवाली का दबाव बना रह सकता है। अमेरिकी टैरिफ का दीर्घकालिक असर भारतीय अर्थव्यवस्था और शेयर बाजार पर क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।