उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर ‘टोंटी चोर’ विवाद गरमा गया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने हाल ही में लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दो प्रमुख व्यक्तियों पर सीधा हमला बोला है और चेतावनी दी है कि अगर 2027 में उनकी सरकार सत्ता में लौटी, तो इन व्यक्तियों से ‘हिसाब-किताब’ किया जाएगा। यह विवाद दरअसल पुराने बंगले विवाद से जुड़ा है, जिसने राज्य की सियासत में हलचल मचा दी है।
‘टोंटी चोर’ विवाद की जड़ें
यह मामला Akhilesh Yadav के मुख्यमंत्री रहते हुए आवंटित सरकारी बंगले से जुड़ा है। जब उन्होंने 2017 में बंगला खाली किया था, तब बंगलों की सफाई और सामान हटाने को लेकर ‘टोंटी चोर’ जैसी उपाधि उन्हें दी गई थी। यह मुद्दा तब से ही Uttar Pradesh politics में बार-बार उछाला जाता रहा है। अब एक बार फिर, बीजेपी विधायक केतकी सिंह के एक बयान के बाद यह सियासी विवाद सुर्खियों में आ गया है, जिसके बाद Akhilesh Yadav ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
निशाने पर कौन: अवनीश अवस्थी और अभिषेक कौशिक
Akhilesh Yadav के निशाने पर आए दो प्रमुख नाम हैं पूर्व आईएएस अधिकारी Avneesh Awasthi और पूर्व ओएसडी Abhishek Kaushik। Avneesh Awasthi 1987 बैच के एक वरिष्ठ IAS अधिकारी हैं, जो 2022 में मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। वर्तमान में वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं। वहीं, Abhishek Kaushik कभी मुख्यमंत्री के ओएसडी के तौर पर संगठन समन्वय का काम देख चुके हैं। हालांकि, वह सरकारी अधिकारी नहीं हैं, बल्कि बीजेपी के संगठन से जुड़े एक कार्यकर्ता हैं।
अखिलेश का सीधा हमला और 2027 की चेतावनी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में Akhilesh Yadav ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ‘टोंटी चोर’ कहकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई थी और अब समय आ गया है कि इन मामलों का हिसाब-किताब हो। उन्होंने सीधे तौर पर Avneesh Awasthi और Abhishek Kaushik का नाम लेते हुए चेतावनी दी कि अगर समाजवादी पार्टी की सरकार 2027 में वापस आती है, तो ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ किया जाएगा। यह बयान Tonti Chor controversy को एक नए राजनीतिक आयाम पर ले आया है।
सियासी घमासान और समर्थन में आवाजें
Akhilesh Yadav के इस बयान के बाद Uttar Pradesh politics में सियासी घमासान तेज हो गया है। बीजेपी ने इन अधिकारियों के समर्थन में अपनी आवाजें बुलंद की हैं। इसके साथ ही, ब्राह्मण संगठन भी खुलकर Avneesh Awasthi और Abhishek Kaushik के पक्ष में दिख रहे हैं। खासकर, राष्ट्रीय परशुराम परिषद के सुनील भराला ने Avneesh Awasthi के समर्थन में बयान जारी किया है, जिससे यह विवाद और गहरा गया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी दिनों में यह Tonti Chor controversy क्या नया मोड़ लेती है और 2027 के चुनावों में इसका क्या असर होता है।