भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने आगामी 48 घंटों के लिए कई राज्यों में भारी से अति-भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। विभाग की ताज़ा भविष्यवाणी के अनुसार देश के पश्चिम, मध्य एवं पूर्वी हिस्सों में बारिश का दौर तेज़ी से बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ और जलजमाव की स्थिति बन सकती है।
विशेष रूप से कोकण, मुंबई, मध्य महाराष्ट्र, गोंडवाना (छत्तीसगढ़), दक्षिण ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में अत्यंत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इसके अलावा, गुजरात, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ क्षेत्रों में भी छिटपुट भारी वर्षा के आसार हैं। मुंबई और आसपास के इलाकों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किए गए हैं, जिसके चलते कई स्कूल-कॉलेज अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं तथा ट्रेनों व यातायात पर असर देखने को मिल रहा है।
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण इस बार मॉनसून ट्रफ नीचे आ गई है, जिससे बारिश का रुख पूर्वोत्तर भारत, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के पूर्वी हिस्सों की ओर तेज़ होगा। साथ ही, आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों तथा तेलंगाना के उत्तरी भागों में भी भारी बारिश का अनुमान है। विशेषज्ञों के अनुसार, पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान के किसानों को आगामी दिनों में बारिश से काफी राहत मिलने की उम्मीद है, जहां लंबे समय से सूखे जैसी स्थिति बनी हुई थी।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ क्षेत्रों में 50-60 किमी प्रति घंटा तक तेज़ हवाएँ चल सकती हैं और बिजली गिरने की घटनाएँ भी संभव हैं। सुरक्षा के दृष्टिगत, प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने, अनावश्यक रूप से खुले में न निकलने और बाढ़ संभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है।
आंकड़ों की बात करें तो, मानसून सीजन में औसत से अधिक वर्षा होने के आसार जताए जा रहे हैं, जिससे फसलों को फायदा हो सकता है, हालांकि जलभराव और यातायात अवरोध जैसी समस्याएँ भी उत्पन्न हो रही हैं। मूसलाधार वर्षा के चलते हाल के दिनों में कई शहरों में सड़कें जलमग्न हो चुकी हैं और सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। शिक्षण संस्थानों, दफ्तरों एवं आवागमन पर इसका खासा असर देखा जा रहा है।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक ऐसे ही हालात बने रहने की संभावना है। विभाग ने प्रशासन और नागरिकों से आग्रह किया है कि मौसम संबंधी अलर्ट और ताज़ा सूचनाओं पर नजर बनाए रखें, ताकि किसी भी आपात स्थिति से समय रहते निपटा जा सके। आने वाले दिनों में यदि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव और तेज हुआ, तो उत्तर भारत और उत्तरपूर्व में वर्षा और अधिक तीव्र हो सकती है।
निष्कर्षतः, देश के अनेक भागों में मौसमी हालात गंभीर बने हुए हैं। मौसम विभाग की समय-समय पर जारी चेतावनी और स्थानीय प्रशासन की तैयारियों के चलते फिलहाल सतर्कता और अनुशासन आवश्यक है। आने वाले हफ्तों में मौसमी गतिविधियों पर सभी की नजर बनी रहेगी, जब मॉनसून अपने चरम पर पहुंचेगा और बारिश की तीव्रता में संभावित बदलाव दर्ज किए जा सकते हैं।