टाइमर वह इलेक्ट्रॉनिक या मेकैनिकल उपकरण है, जिसका उपयोग विभिन्न उपकरणों के निर्धारित समय पर स्वतः चालू या बंद करने में किया जाता है। यह उपकरण इंडस्ट्री, घरेलू उपयोग, स्कूलों, चिकित्सा उपकरणों से लेकर व्यक्तिगत उत्पादकता तक, कई क्षेत्रों में अहम भूमिका निभाता है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि टाइमर मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं—मेकेनिकल टाइमर, डिजिटल टाइमर और खगोलीय टाइमर। मेकेनिकल टाइमर स्प्रिंग तंत्र द्वारा काम करते हैं, जबकि डिजिटल टाइमर में समय सेट करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्किट्स व डिजिटल डिस्प्ले होते हैं। खगोलीय टाइमर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय के अनुसार उपकरणों को नियंत्रित करते हैं। इस प्रकार के टाइमर का उपयोग आमतौर पर स्ट्रीट लाइट्स, गार्डन लाइट्स व इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में किया जाता है।
वर्तमान समय में टाइमर का उपयोग रोज़मर्रा की ज़िंदगी में भी व्यापक हो गया है। कार्य-स्थलों और घरों में बिजली की खपत कम करने के लिए लाइटिंग टाइमर आदि का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। वहीं, घरेलू रसोईघरों में भी भोजन पकाने के लिए किचन टाइमर एक सामान्य सहायक बन चुका है।
व्यक्तिगत उत्पादकता बढ़ाने के लिए भी टाइमर की भूमिका बढ़ रही है। विख्यात पोमोडोरो तकनीक में टाइमर का उपयोग 25 मिनट के कार्य-अंतराल तय करने के लिए किया जाता है, जिससे लोग अपनी कार्यक्षमता को बेहतर बना सकें। कई मोबाइल एप और वेब टूल्स ने अब इसी तकनीक को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी लोकप्रिय बना दिया है।
इंडस्ट्री विशेषज्ञों का मानना है कि टाइमर के सही प्रयोग से न केवल ऊर्जा बचत होती है, बल्कि उपकरणों की कार्यक्षमता और सुरक्षा भी बढ़ती है। विद्युत विशेषज्ञ कहते हैं कि “समयबद्ध संचालन के कारण उपकरणों में ओवरलोडिंग की समस्या कम हो जाती है, जिससे लंबी अवधि में उनकी लाइफ भी बढ़ जाती है।”
मार्केट विश्लेषकों के ताज़ा आंकड़े बताते हैं कि स्मार्ट होम डिवाइसेज के विस्तार के साथ टाइमर आधारित उपकरणों की मांग भारत में हर साल करीब 12% की दर से बढ़ रही है। स्मार्ट टाइमर अब वाई-फाई और मोबाइल कनेक्टिविटी के साथ भी उपलब्ध हैं, जो पूरी तरह से आटोमेशन की ओर इशारा कर रहे हैं।
भविष्य में टाइमर तकनीक और भी स्मार्ट होने की उम्मीद है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) के साथ इसके इंटीग्रेशन से टाइमर आधारित प्रणालियों की दक्षता और अनुकूलता और बढ़ेगी। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में टाइमर तकनीक ऊर्जा प्रबंधन, इंडस्ट्री ऑटोमेशन और घरेलू उपकरणों की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।