वांग यी, चीन के एक प्रमुख राजनेता और वरिष्ठ राजनयिक हैं, जिन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहकर देश की विदेश नीति को आकार दिया है। वे वर्तमान में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो के सदस्य तथा केंद्रीय विदेश मामलों के आयोग के निदेशक हैं। जुलाई 2023 से वे एक बार फिर चीन के विदेश मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
वांग यी का जन्म 19 अक्टूबर 1953 को बीजिंग में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा के बाद, उन्होंने आठ साल तक हेइलोंगजियांग प्रांत के निर्माण सेना कोर में सेवा की। 1977 में बीजिंग लौटने के बाद, वे बीजिंग अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विश्वविद्यालय के एशियाई और अफ्रीकी भाषाओं के विभाग में शामिल हुए और जापानी भाषा में स्नातक उपाधि प्राप्त की। वांग यी को अंग्रेजी और जापानी भाषा पर भी दक्षता हासिल है, जो उनकी राजनयिक गतिविधियों में सहायक रही है।
उनका राजनयिक करियर 2004 में जापान में चीन के राजदूत से शुरू हुआ। इसके बाद 2008 से 2013 तक वे ताइवान मामलों के कार्यालय के निदेशक रहे, जिस दौरान दोनों ओर के संबंधों को सुलझाने में सक्रिय भूमिका निभाई। 2013 में उन्हें पहली बार चीन का विदेश मंत्री नियुक्त किया गया, और इसके बाद से उन्होंने चीन की विदेश नीति को नयी दिशा दी। 2018 से 2023 के बीच वे चीन के स्टेट काउंसलर भी रहे।
विशेषज्ञों के अनुसार, वांग यी को चीन की सख्त और स्पष्ट विदेश नीति का प्रमुख सूत्रधार माना जाता है। उन्होंने अपनी नीति एवं वक्तव्यों में स्पष्ट किया है कि चीन की क्षेत्रीय अखंडता और ताइवान के मुद्दे पर कोई समझौता संभव नहीं है। वर्ष 2021 में ताइवान के संदर्भ में उन्होंने कहा था, “ताइवान के पास मुख्य भूमि से एकीकरण के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है।” इसी तरह, 2023 में एशिया की भूमिका को लेकर दिए गए बयान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा बटोरी थी जिसमें उन्होंने जापान और दक्षिण कोरिया सहित एशियाई देशों को चीन के साथ सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया था।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर, वांग यी को चीन की ‘वुल्फ वॉरियर डिप्लोमेसी’ का चेहरा भी कहा जाता है, जिसमें चीन अपने हितों को आक्रामक व स्पष्ट रूप से सामने रखता है। उनके नेतृत्व में चीन ने अमेरिका, जापान और अन्य पश्चिमी देशों के साथ कई बार कड़े बयान दिए, तथा वैश्विक मंचों पर अपनी स्थिति मज़बूत करने का प्रयास किया।
आगामी समय में, वांग यी की भूमिका और भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि चीन ताइवान, दक्षिण चीन सागर, और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपने नीतिगत एजेंडे को मजबूती के साथ आगे बढ़ा रहा है। अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों का मानना है कि वांग यी की कूटनीतिक शैली और अनुभव चीन को वैश्विक राजनीति में निर्णायक स्थिति दिला सकते हैं।