मुंबई, सितम्बर, 2025: ग्लोबल इनोवेशन-ड्रिवन हेल्थकेयर कंपनी, ज़ाइडस लाइफसाइंसेज़ लिमिटेड ने आज भारत में अपनी पहली ट्राइवेलेन्ट इन्फ्लुएंज़ा (फ्लू) वैक्सीन, ‘वैक्सीफ्लू’ लॉन्च की है। यह वैक्सीन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की नवीनतम वैश्विक सिफारिशों के अनुरूप है, जो सीज़नल फ्लू से निपटने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सीज़नल इन्फ्लुएंज़ा, जिसे आमतौर पर फ्लू के नाम से जाना जाता है, हर साल एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य समस्या बनी रहती है। यह अनुमान है कि दुनियाभर में हर साल 30 से 50 लाख लोग फ्लू के कारण गंभीर रूप से बीमार पड़ते हैं, और श्वसन संबंधी जटिलताओं के कारण लगभग 2.9 लाख से 6.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है। शिशु, बुज़ुर्ग और क्रॉनिक बीमारियों से जूझ रहे लोग इस बीमारी से सबसे ज़्यादा प्रभावित होते हैं। फ्लू एक संक्रामक श्वसन बीमारी है जो मुख्य रूप से खाँसी और छींक से फैलने वाले हवा में मौजूद कणों या सीधे संपर्क के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुँचती है।
फ्लू के बदलते वायरस और वैक्सीन की अनिवार्यता
इन्फ्लुएंज़ा वायरस की एक ख़ासियत यह है कि यह हर साल अपना रूप बदलता रहता है। इसी वजह से हर सीज़न में एक नई वैक्सीन की ज़रूरत पड़ती है ताकि प्रभावी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। डब्ल्यूएचओ का ग्लोबल इन्फ्लुएंज़ा सर्विलांस एंड रिस्पांस सिस्टम (जीआईएसआरएस) लगातार इन वायरस पर नज़र रखता है और हर साल वैक्सीन के लिए नई स्ट्रेन की सिफारिशें जारी करता है। डब्ल्यूएचओ और सेंटर्स फॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) जैसी वैश्विक संस्थाएँ सभी तक वैक्सीन की पहुँच सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास करती हैं, फिर भी इसकी पहुँच में असमानता बनी हुई है।
ट्राइवेलेन्ट वैक्सीन: वर्तमान की वैज्ञानिक ज़रूरत
भारत में लॉन्च की गई ‘वैक्सीफ्लू’ एक ट्राइवेलेन्ट वैक्सीन है, और इसकी प्रासंगिकता पर डॉ. परवेज़ कौल, एफआरसीपी (पल्मोनरी मेडिसिन) और एफईआरएस ने प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “इन्फ्लुएंज़ा वैक्सीन आज भी सीज़नल फ्लू और उससे होने वाली गंभीर जटिलताओं से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। विश्व स्तर पर फ्लू वैक्सीन क्वाड्रावेलेन्ट और ट्राइवेलेन्ट दोनों रूपों में उपलब्ध हैं। हालाँकि, मार्च 2020 के बाद से इन्फ्लुएंज़ा बी यामागाटा वायरस का कोई भी मामला सामने नहीं आया है।”
डॉ. कौल ने आगे कहा, “इसी वजह से डब्ल्यूएचओ और सीडीसी जैसी वैश्विक नियामक संस्थाओं ने स्पष्ट रूप से यह बताया है कि अब बी/यामागाटा को वैक्सीन की श्रेणी में शामिल करने की आवश्यकता नहीं है। अमेरिका सहित लगभग 40 देश पहले ही ट्राइवेलेन्ट वैक्सीन को अपना चुके हैं। ऐसी स्थिति में, ट्राइवेलेन्ट इन्फ्लुएंज़ा वैक्सीन सबसे वैज्ञानिक और उपयुक्त विकल्प है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत में भी बी/यामागाटा वायरस की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई है, इसलिए ट्राइवेलेन्ट वैक्सीन ही सही माध्यम है। आख़िरकार, उस वायरस के लिए वैक्सीन बनाने का कोई औचित्य नहीं है, जो पिछले पाँच सालों से मौजूद ही नहीं है।”
डब्ल्यूएचओ की सिफारिशें और भारत का समर्थन
डब्ल्यूएचओ ने 2025-26 के नॉर्दर्न हेमिस्फीयर (एनएच) सीज़न के लिए जिन स्ट्रेन्स की सिफारिश की है, वे हैं:
- ए/विक्टोरिया/4897/2022 (एच1एन1)पीडीएम09-जैसा वायरस
- ए/क्रोएशिया/10136RV/2023 (एच3एन2)-जैसा वायरस
- बी/ऑस्ट्रिया/1359417/2021 (बी/विक्टोरिया वंशावली)-जैसा वायरस
जैसा कि डॉ. कौल ने बताया, मार्च 2020 से बी/यामागाटा वंश के वायरस की अनुपस्थिति, संक्रमण के जोखिम को न के बराबर दर्शाती है। इसी कारण अब इस स्ट्रेन को वैक्सीन में शामिल करना आवश्यक नहीं माना जाता। इस वैश्विक दिशा-निर्देश के अनुरूप, भारत सरकार के नेशनल सेंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल (एनसीडीसी) ने भी एनएच 2025-26 सीज़न में ट्राइवेलेन्ट इन्फ्लुएंज़ा वैक्सीन के उपयोग की सिफारिश की है।
निवारक स्वास्थ्य सेवा पर ज़ोर
ज़ाइडस लाइफसाइंसेज़ लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. शारविल पटेल ने रोकथाम पर ध्यान देने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, “आज जब हम कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों से जूझ रहे हैं, ऐसे समय में बेहतर स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए उचित वैक्सीन की अत्यधिक आवश्यकता है। हमारी कंपनी का प्रयास हमेशा से यही रहा है कि हम वैश्विक दिशानिर्देशों के अनुरूप समय पर वैक्सीन उपलब्ध कराएँ, क्योंकि यह निवारक स्वास्थ्य सेवा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।”
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ‘वैक्सीफ्लू’ जैसी पहल से वैक्सीन से रोकी जा सकने वाली बीमारियाँ और उनसे जुड़ी जटिलताएँ, विशेषकर उच्च जोखिम वाले समूहों में, काफी कम हो जाएँगी।
वैक्सीफ्लू: सुरक्षा और उपलब्धता
‘वैक्सीफ्लू’ एक ट्राइवेलेन्ट इन्फ्लुएंज़ा वैक्सीन (टीआईवी) है, जिसकी सिफारिश 6 महीने और उससे ऊपर की उम्र वाले व्यक्तियों के लिए की गई है। इसमें डब्ल्यूएचओ की वार्षिक निगरानी और सिफारिशों के आधार पर चुने गए नवीनतम अपडेटेड स्ट्रेन्स शामिल हैं, जो मौजूदा सीज़न में बेहतर सुरक्षा और सटीक टीकाकरण सुनिश्चित करते हैं। सही समय पर टीकाकरण इसके फैलाव को रोकने में मदद कर सकता है।