अगर आप CNG वाहन चलाते हैं या पाइप से नेचुरल गैस (PNG) का उपयोग करते हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर हो सकती है। पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड (PNGRB) राज्यों में CNG और नेचुरल गैस की कीमतों में कमी लाने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रहा है। इन प्रयासों के सफल होने पर, देशभर में इन ईंधनों के दाम कम हो सकते हैं, जिससे आम उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी।
CNG और नेचुरल गैस क्यों हैं अलग-अलग राज्यों में महंगी?
भारत में CNG और नेचुरल गैस की कीमतों में बड़ा अंतर देखने को मिलता है, और इसकी मुख्य वजह है राज्यों द्वारा लगाया जाने वाला वैल्यू एडेड टैक्स (VAT)। कुछ राज्यों में जहां VAT सिर्फ 5 फीसदी है, वहीं कई राज्यों में यह 20 फीसदी से भी ज्यादा है। यह असमानता सीधे तौर पर उपभोक्ता पर पड़ती है।
उदाहरण के लिए, घरेलू पाइप से मिलने वाली प्राकृतिक गैस (PNG) त्रिपुरा में लगभग ₹45 प्रति स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर (SCM) मिलती है, जबकि उत्तराखंड में इसकी कीमत करीब ₹63 तक पहुंच जाती है। इसी तरह, CNG की कीमत पुडुचेरी में लगभग ₹74.60 प्रति किलोग्राम है, जबकि उत्तराखंड में यह ₹103.80 प्रति किलोग्राम तक पहुंच जाती है। यह भारी अंतर उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी चुनौती है।
PNGRB की पहल: राज्यों को मनाने की कोशिश
PNGRB के वरिष्ठ अधिकारी इस कीमत के अंतर को कम करने और CNG-नेचुरल गैस को और अधिक सुलभ बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। वे उत्तराखंड, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित लगभग एक दर्जन राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उपराज्यपालों और मुख्य सचिवों से बातचीत कर रहे हैं। उनका लक्ष्य राज्यों को इस बात के लिए राजी करना है कि वे CNG और नेचुरल गैस पर लगने वाले VAT को तर्कसंगत और उचित स्तर पर लाएं। यह VAT राज्य सरकारों के खजाने में जाता है, इसलिए उन्हें इसे कम करने के लिए सहमत करना एक महत्वपूर्ण कदम है।
पहले भी मिली है सफलता!
PNGRB की कोशिशों का असर पहले भी देखने को मिला है। पिछले दो सालों में, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान, दादर नगर हवेली और दमन-दीव जैसे राज्यों में नेचुरल गैस पर लगने वाले VAT में कटौती की गई है। इन कटौतियों से सीधे तौर पर आम लोगों को फायदा हुआ है और उन्हें सस्ता ईंधन मिल पाया है। यह पिछली सफलता वर्तमान प्रयासों के लिए उम्मीद जगाती है।
VAT कटौती से किसे होगा फायदा?
नेचुरल गैस और CNG पर VAT में कमी लाने से कई बड़े फायदे होंगे:
- खपत में वृद्धि: कीमतों में कमी आने से नेचुरल गैस और PNG की खपत बढ़ेगी, जिससे पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा मिलेगा।
- बेहतर सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD): सस्ती गैस से सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का विस्तार होगा और अधिक शहरों तक इसकी पहुंच बनेगी।
- वायु प्रदूषण में कमी: CNG एक स्वच्छ ईंधन है। जब लोग इसे अधिक अपनाएंगे, तो वायु प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी, जिससे शहरों की हवा बेहतर होगी।
- CNG वाहनों को प्रोत्साहन: राज्यों द्वारा VAT को तर्कसंगत बनाने और प्रभावी CGD नीतियां लागू करने से CNG वाहनों को अपनाने में तेजी आई है। मार्च 2023 में जहां सड़कों पर 58.61 लाख CNG वाहन थे, वहीं मार्च 2025 तक यह संख्या बढ़कर 81.95 लाख तक पहुंच गई है। यह दर्शाता है कि कीमतें कम होने पर लोग तेजी से स्वच्छ ईंधन की ओर रुख करते हैं।
PNGRB के इन प्रयासों से उम्मीद है कि आने वाले समय में देश के कई राज्यों में CNG और नेचुरल गैस की कीमतें कम होंगी। यह न केवल उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ने वाले बोझ को हल्का करेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को भी बढ़ावा देगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि कितने राज्य इस पहल को अपनाकर अपने नागरिकों को यह राहत प्रदान करते हैं।