हर इंसान की ख्वाहिश होती है कि वह बुढ़ापे तक जवान और ऊर्जावान बना रहे। उम्र बढ़ना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसे रोका तो नहीं जा सकता, लेकिन क्या इसे धीमा किया जा सकता है? एक नई रिसर्च ने इस सवाल का जवाब ‘हाँ’ में दिया है, और इसके पीछे एक आम सप्लीमेंट – विटामिन D – का हाथ बताया जा रहा है।
विटामिन D और उम्र पलटने का दावा: क्या कहती है रिसर्च?
हार्वर्ड से जुड़ी एक हालिया रिसर्च में दावा किया गया है कि रोज विटामिन D सप्लीमेंट का सही सेवन आपकी जैविक उम्र (biological age) को कई साल तक रिवर्स कर सकता है। इसका मतलब यह है कि आपकी शारीरिक कोशिकाएं आपकी वास्तविक उम्र से कम उम्र की लग सकती हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह सप्लीमेंट शरीर में जाकर DNA की एजिंग को कम करता है, जिससे आप लंबे समय तक जवान रह सकते हैं।
बायोलॉजिकल एजिंग और टेलोमीयर का रहस्य
इस रिसर्च का मुख्य आधार ‘टेलोमीयर’ थे। टेलोमीयर हमारे DNA के सिरों पर मौजूद सुरक्षा कवच होते हैं, जो कोशिका विभाजन के साथ धीरे-धीरे छोटे होते जाते हैं। टेलोमीयर का छोटा होना एजिंग और बीमारियों से जुड़ा हुआ है। अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित इस स्टडी में 1000 वयस्कों पर 4 साल तक ट्रायल किया गया। नतीजों ने शोधकर्ताओं को चौंका दिया।
वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन प्रतिभागियों ने ट्रायल के दौरान प्रतिदिन 2,000 IU विटामिन D3 सप्लीमेंट लिया, उनके टेलोमीयर की लंबाई दूसरों की तुलना में काफी बेहतर बनी रही। रिसर्चर्स का मानना है कि टेलोमीयर की रक्षा करने का सीधा मतलब है बायोलॉजिकल एज को धीमा करना। इस स्टडी के मुख्य लेखक डॉ. हैडॉन्ग झू ने इसे विटामिन D की एंटी-एजिंग क्षमता को समझने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
कितनी मात्रा में विटामिन D3 है सुरक्षित?
रिसर्च में प्रतिभागियों को प्रतिदिन 2000 IU विटामिन D3 दिया गया, जो सामान्य सिफारिश (600 से 800 IU) से लगभग 3 गुना अधिक है। हालांकि, यह मात्रा अधिकतम सुरक्षित सीमा (4000 IU) के भीतर थी। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर आप डॉक्टर की सलाह से 1,000 से 2,000 IU तक विटामिन D लेते हैं, तो यह भी आमतौर पर सुरक्षित है।
लेकिन यह जानना महत्वपूर्ण है कि विटामिन D की अधिक मात्रा में सेवन से हाइपरकैल्सीमिया नामक स्थिति हो सकती है। इसमें खून में कैल्शियम का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ जाता है, जिससे उल्टी, कब्ज, किडनी स्टोन और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, किसी भी सप्लीमेंट का सेवन करने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह लेना अनिवार्य है।
महत्वपूर्ण नोट: क्या यह सभी के लिए कारगर है?
इस रिसर्च के नतीजे बेहद उत्साहजनक हैं, लेकिन शोधकर्ताओं ने भी यह स्पष्ट किया है कि यह ट्रायल कम समय के लिए और एक सीमित समूह पर किया गया था। इसलिए, यह कहना जल्दबाजी होगी कि विटामिन D सप्लीमेंट सभी के लिए एक एंटी-एजिंग उपाय हो सकता है। वैज्ञानिकों का सुझाव है कि इस दावे को पूरी तरह से साबित करने के लिए लंबी अवधि और ज्यादा जनसंख्या पर व्यापक रिसर्च की आवश्यकता है।
प्राकृतिक तरीके से विटामिन D कैसे प्राप्त करें?
अगर आप प्राकृतिक तरीके से अपनी बायोलॉजिकल एज को कम करना चाहते हैं और विटामिन D के लाभ उठाना चाहते हैं, तो आप इन तरीकों को अपना सकते हैं:
- धूप का सेवन: रोज सुबह या शाम की हल्की धूप में कुछ समय बिताएं। यह विटामिन D का सबसे अच्छा प्राकृतिक स्रोत है।
- विटामिन D युक्त खाद्य पदार्थ: अपने आहार में विटामिन D से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे अंडे की जर्दी, वसायुक्त मछली (जैसे सैल्मन, मैकेरल), मशरूम और फोर्टिफाइड दूध व दही को शामिल करें।
- डॉक्टर की सलाह: यदि आपको विटामिन D की कमी है, तो डॉक्टर की सलाह पर ही सप्लीमेंट लेना सबसे सुरक्षित और प्रभावी तरीका है।
विटामिन D एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो हड्डियों के स्वास्थ्य, प्रतिरक्षा प्रणाली और अब एजिंग प्रक्रिया को धीमा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सही जानकारी और डॉक्टर की सलाह के साथ, आप इस ‘सनशाइन विटामिन’ के फायदों को अधिकतम कर सकते हैं और एक स्वस्थ, युवा जीवन की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।