आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपनी डाइट और सेहत को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। खराब खान-पान, तनाव और शारीरिक गतिविधि की कमी को दिल की बीमारियों का मुख्य कारण माना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक छोटे से विटामिन की कमी भी आपके दिल के स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन सकती है? जी हां, हम बात कर रहे हैं विटामिन B12 की।
क्या विटामिन B12 की कमी से सच में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है?
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, नई दिल्ली में आंतरिक चिकित्सा के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. सुरनजीत चटर्जी के अनुसार, दिल की नसों में प्लाक बनने के लिए सिर्फ खराब डाइट, तनाव या शारीरिक निष्क्रियता ही नहीं, बल्कि विटामिन B12 की कमी भी एक जिम्मेदार कारक हो सकती है। यह बात चौंकाने वाली लग सकती है, लेकिन वैज्ञानिक शोध भी इसकी पुष्टि करते हैं।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ अकैडमिक मेडिसिन एंड फार्मेसी के एक शोध के मुताबिक, शरीर में विटामिन B12 का स्तर घटने पर रक्तचाप (BP) बढ़ता है, जो समय के साथ हृदय की नसों को नुकसान पहुंचाता है। अक्सर नजरअंदाज की जाने वाली यह कमी आपके दिल, दिमाग, त्वचा और शरीर के कई महत्वपूर्ण अंगों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है।
विटामिन B12 की कमी के सामान्य कारण और लक्षण
शरीर में विटामिन B12 की कमी कई कारणों से हो सकती है:
- शाकाहारी या वीगन डाइट का अधिक सेवन
- सर्जरी या आंतों से जुड़ी समस्याएं (जो अवशोषण को प्रभावित करती हैं)
- बढ़ती उम्र
- कुछ दवाओं का असर
- शराब और स्मोकिंग का अत्यधिक सेवन
इसकी कमी के लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं और अक्सर अन्य बीमारियों जैसे लगते हैं। इनमें शामिल हैं:
- लगातार थकान और कमजोरी
- एनीमिया (खून की कमी)
- सांस फूलना और चक्कर आना
- हाथ-पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन
- मूड स्विंग और डिप्रेशन
- याददाश्त कमजोर होना
- जीभ और मुंह में जलन
- दिल की धड़कन तेज होना
विशेषज्ञ की राय: दिल के रोगों में B12 का अनदेखा योगदान
डॉ. सुरनजीत चटर्जी बताते हैं कि जब भी मरीज हाई ब्लड प्रेशर और दिल की नसों में प्लाक बनने की शिकायत करते हैं, तो डॉक्टर आमतौर पर खराब डाइट, तनाव, शारीरिक गतिविधि में कमी और नींद की कमी को ही जिम्मेदार ठहराते हैं। हालांकि, सच्चाई यह भी है कि इन समस्याओं के पीछे शरीर में विटामिन B12 की कमी भी एक बड़ा कारण हो सकती है। विशेषज्ञ का मानना है कि विटामिन B12 की कमी सालों तक चुपचाप ब्लड प्रेशर बढ़ाने और हृदय रोगों का खतरा बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती है।
रिसर्च से समझें B12 और दिल के रोगों का गहरा कनेक्शन
जैसा कि इंटरनेशनल जर्नल ऑफ अकैडमिक मेडिसिन एंड फार्मेसी के शोध में बताया गया है, जब शरीर में विटामिन B12 का स्तर घटता है, तो रक्तचाप बढ़ता है, जिससे समय के साथ हृदय की नसें क्षतिग्रस्त होती हैं। हाइपरटेंशन की रोकथाम और उपचार के लिए यह संबंध बेहद महत्वपूर्ण है, खासकर जब दुनिया भर में करोड़ों लोग विटामिन B12 की कमी से जूझ रहे हैं।
आखिर क्यों जरूरी है विटामिन B12?
विटामिन B12 शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए आवश्यक है:
- लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण
- नसों के स्वस्थ कार्य
- डीएनए संश्लेषण
इन सबके अलावा, यह होमोसिस्टीन नामक एक अमीनो एसिड को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। जब रक्त में होमोसिस्टीन का स्तर बढ़ जाता है, तो यह हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक और हार्ट अटैक के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक बन जाता है।
विटामिन B12 की कमी कैसे बढ़ाती है हृदय रोगों का खतरा?
जब शरीर में B12 का स्तर कम होता है, तो होमोसिस्टीन को उपयोगी यौगिकों में प्रभावी ढंग से परिवर्तित नहीं किया जा पाता। बढ़ा हुआ होमोसिस्टीन रक्त वाहिकाओं के लिए बेहद हानिकारक होता है, जिससे वे कठोर और कम लचीली हो जाती हैं। यह स्थिति आगे चलकर सूजन पैदा करती है और धमनियों की आंतरिक परत को नुकसान पहुंचाती है, जिससे नसों में प्लाक जमने की प्रक्रिया तेज होती है।
बढ़ा हुआ होमोसिस्टीन खून का थक्का बनाने की प्रवृत्ति को भी बढ़ाता है, जिससे ब्लॉकेज और आगे चलकर दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। कई मामलों में, B12 की कमी से नसों का कामकाज प्रभावित होता है, जिनमें वे नसें भी शामिल हैं जो दिल की धड़कन और रक्त वाहिकाओं के टोन को नियंत्रित करती हैं। इससे ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव या गंभीर स्थिति में हाइपरटेंशन तक हो सकता है।
गंभीर B12 की कमी से मेगालोब्लास्टिक एनीमिया (megaloblastic anemia) भी हो सकता है, जिसमें रक्त की ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता घट जाती है। इसकी भरपाई के लिए दिल को और ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जो लंबे समय में ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है।
शरीर में विटामिन B12 का सामान्य स्तर
- सामान्य विटामिन B12 का स्तर 200 से 900 pg/mL के बीच होता है।
- 200 pg/mL से कम को B12 की कमी माना जाता है।
- 200–300 pg/mL को बॉर्डरलाइन केस माना जाता है, जिसमें आगे जांच की सलाह दी जाती है।
विटामिन B12 के प्रमुख स्रोत
विटामिन B12 मुख्य रूप से पशु-आधारित खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जैसे:
- अंडे
- दूध और डेयरी उत्पाद
- मछली
- पोल्ट्री (जैसे चिकन)
- मांस
शाकाहारियों और वेगन्स के लिए, फोर्टिफाइड फूड्स जैसे सीरियल्स (अनाज), सोया मिल्क और बादाम मिल्क इस विटामिन के अच्छे विकल्प हैं। जिन लोगों को अवशोषण (absorption) की समस्या है, जैसे बुजुर्ग या पाचन तंत्र की बीमारियों वाले, उन्हें ओरल सप्लीमेंट्स या इंजेक्शन की जरूरत पड़ सकती है।
अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए, यह समझना महत्वपूर्ण है कि विटामिन B12 की कमी एक गंभीर जोखिम कारक हो सकती है। यदि आपको ऊपर बताए गए कोई लक्षण महसूस होते हैं या आप अपने विटामिन B12 के स्तर को लेकर चिंतित हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। सही जानकारी और समय पर उपचार से आप अपने दिल के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।