आज हर घर में पहचाना जाने वाला नाम, अर्बन कंपनी (Urban Company), इस समय अपने IPO को लेकर सुर्खियों में है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके घर में नल ठीक करने से लेकर स्विच बदलने और बालों में कलर करने तक की सुविधा देने वाली यह कंपनी कैसे शुरू हुई? इसके पीछे दो भारतीय IITians और एक कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी के छात्र की दिलचस्प कहानी छिपी है, जो असफलता से सीखकर सफलता के शिखर तक पहुंचे। यह एक शानदार Success Story है जो प्रेरणा देती है।
अर्बन कंपनी: एक परिचय और IPO की धूम
अर्बन कंपनी लिमिटेड (Urban Company Limited) ऑनलाइन Home Services प्रदान करने वाली भारत की अग्रणी कंपनी है। यह प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, ब्यूटीशियन, एसी रिपेयर जैसे अनगिनत सेवाएं आपके दरवाजे तक पहुंचाती है। हाल ही में कंपनी अपने आईपीओ (Urban Company IPO) के माध्यम से लगभग 1900 करोड़ रुपये जुटाने के लक्ष्य के साथ चर्चा में रही। 10 सितंबर को खुला यह आईपीओ 12 सितंबर को बंद हो गया, जिसकी वैल्यूएशन लगभग 20 हजार करोड़ रुपये आंकी गई है। लेकिन यह विशालकाय कंपनी कैसे बनी? आइए विस्तार से जानते हैं।
सफर की शुरुआत: दो IITians और एक कैब सर्विस फाउंडर
अर्बन कंपनी की नींव रखने वाले तीन दूरदर्शी दिमागों में से दो, अभिराज सिंह भाल और वरुण खेतान, की मुलाकात साल 2005 में IIT कानपुर में हुई थी। इंजीनियर बनने का सपना लिए दोनों अलग-अलग शहरों से यहां पहुंचे और जल्द ही गहरी दोस्ती हो गई। 2009 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद, वरुण कैलिफ़ोर्निया स्थित क्वालकॉम कंपनी में नौकरी करने लगे, जबकि अभिराज ने IIM अहमदाबाद से MBA की डिग्री हासिल की। साल 2011 में दोनों ही द बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (The Boston Consulting Group) में साथ काम करने लगे, जहां उनके अंदर एक Startup India का विचार पनपा।
असफलता की सीढ़ियाँ: सिनेमा बॉक्स और बग्गी का सबक
नौकरी छोड़कर, अभिराज और वरुण ने भारत आकर अपना पहला स्टार्टअप ‘सिनेमा बॉक्स’ शुरू करने का फैसला किया। यह एक मूवी स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म था, लेकिन यह आइडिया दर्शकों को लुभा नहीं पाया और असफल हो गया।
ठीक इसी समय, कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहे राघव चंद्रा का कैब सर्विस स्टार्टअप ‘बग्गी’ भी संघर्ष कर रहा था और वह भी असफलता की कगार पर था।
दो असफल स्टार्टअप के फाउंडर, वरुण, अभिराज और राघव, किसी न किसी काम के सिलसिले में अक्सर मिला करते थे। शुरुआत में उन्हें एक-दूसरे के आइडिया पर खास भरोसा नहीं था, लेकिन यही भरोसे की कमी तीनों को कुछ नया और बड़ा सोचने के लिए प्रेरित कर गई। सिनेमा बॉक्स और बग्गी को बंद करने के बाद, तीनों ने मिलकर एक नए विचार की तलाश शुरू की।
एक नया विचार, नई दिशा: Home Services का उदय
विचार-विमर्श के दौरान, वरुण के मन में Home Services से जुड़ा एक अनूठा आइडिया आया। उन्होंने अभिराज और राघव को यह आइडिया बताया और तीनों इस पर काम करने के लिए सहमत हो गए। उन्होंने घर के काम करने वाले अलग-अलग एक्सपर्ट्स जैसे प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, ब्यूटीशियन और एसी मेकैनिक को अपने साथ जोड़ना शुरू किया।
शुरुआत में, उन्होंने अपने रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों को ये सेवाएं दीं। जब उन्हें अच्छा रिस्पॉन्स मिला, तो तीनों ने सोशल मीडिया के माध्यम से इसे बड़े स्तर पर लॉन्च करने का फैसला किया।
UrbanClap से Urban Company तक का परिवर्तन
नवंबर 2014 में, तीनों ने 10-10 लाख रुपये के शुरुआती निवेश के साथ ‘अर्बनक्लैप’ (UrbanClap) की शुरुआत की। 2015 में, अर्बनक्लैप को पहली बार 11 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली, जिससे उन्हें बड़े पैमाने पर विस्तार करने का मौका मिला। दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे बड़े भारतीय शहरों में सफलता के झंडे गाड़ने के बाद, कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कदम रखने की योजना बनाई।
अंतर्राष्ट्रीय विस्तार और एक Unicorn Startup कंपनी
साल 2018 में, अर्बन कंपनी ने यूएई (UAE) के दुबई शहर में अपनी सेवाएं शुरू कीं। आज, यह कंपनी भारत, यूएई, सिंगापुर और सऊदी अरब सहित 4 देशों के 59 से अधिक शहरों में अपनी ऑनलाइन Home Services प्रदान करती है। कंपनी अपने मोबाइल ऐप और वेबसाइट के जरिए लाखों ग्राहकों को सुविधाएं मुहैया करा रही है।
साल 2020 में, अर्बनक्लैप का नाम बदलकर ‘अर्बन कंपनी’ (Urban Company) कर दिया गया, जो उसकी व्यापक सेवाओं को दर्शाता था। 2021 में, अर्बन कंपनी ने Unicorn Startup का दर्जा हासिल किया, जो 1 बिलियन डॉलर से अधिक के वैल्यूएशन वाली कंपनियों को दिया जाता है।
Urban Company IPO और भविष्य की योजनाएं
यह सब इस साल के Urban Company IPO में परिणत हुआ, जिसने शेयर बाजार में धूम मचाई। कंपनी ने अपने मूल्य बैंड के ऊपरी छोर पर लगभग 1.7 बिलियन डॉलर (लगभग 1,900 करोड़ रुपये) के मूल्यांकन का लक्ष्य रखा था, जिसका प्राइस बैंड ₹98-₹103 प्रति शेयर था। आईपीओ के माध्यम से जुटाए गए धन का उपयोग कंपनी अपने परिचालन का विस्तार करने, नई तकनीक विकसित करने, क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करने, लीज पर लिए गए कार्यालयों का भुगतान करने और मार्केटिंग प्रयासों को मजबूत करने में करेगी।
यह अभिराज, वरुण और राघव की असाधारण Success Story है, जो दर्शाती है कि दृढ़ संकल्प और सही विचार के साथ, असफलताएं भी सफलता की सीढ़ियां बन सकती हैं।
Urban Company IPO से जुड़ी महत्वपूर्ण तिथियां:
- आईपीओ ओपन होने की तिथि: 10 सितंबर
- आईपीओ क्लोज होने की तिथि: 12 सितंबर
- अलॉटमेंट की तिथि: 15 सितंबर
- लिस्टिंग की तिथि: 17 सितंबर
- प्राइस बैंड: 98-103 रुपये प्रति शेयर
- रिटेल निवेशकों के लिए लॉट साइज: 145 शेयरों का (14,935 रुपये का एक लॉट)