बीता सप्ताह भारतीय शेयर बाजार के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था, जब डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 25% अतिरिक्त टैरिफ ने निवेशकों की नींद उड़ा दी। 27 अगस्त से लागू हुए इस टैरिफ के बाद भारत पर प्रभावी कुल टैरिफ बढ़कर 50% हो गया, जिसका सीधा और गंभीर असर बाजार पर देखने को मिला। सहमे हुए बाजार में तगड़ी गिरावट आई, जिसके चलते सेंसेक्स की टॉप-10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से आठ को भारी नुकसान उठाना पड़ा। इन आठ कंपनियों की मार्केट वैल्यू महज पांच दिनों में संयुक्त रूप से 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा कम हो गई।
इस गिरावट में एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज और देश के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंक, एचडीएफसी बैंक के निवेशकों को सबसे ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा। हालांकि, ऐसे मुश्किल हालात में भी टाटा ग्रुप की कंपनी टीसीएस और हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए निवेशकों को राहत दी।
शीर्ष आठ कंपनियों को लगा तगड़ा झटका
अमेरिकी टैरिफ के गंभीर असर के कारण, बीते सप्ताह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स इंडेक्स 1,497.2 अंक या 1.84% की गिरावट के साथ बंद हुआ। इस बाजार के भूचाल में सेंसेक्स की टॉप-10 कंपनियों में शामिल रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, इंफोसिस, बजाज फाइनेंस और एलआईसी को भारी घाटा हुआ। इन कंपनियों का संयुक्त मार्केट कैप 2,24,630 करोड़ रुपये कम हो गया।
इन आठ कंपनियों को छोड़कर, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) ने टूटते बाजार में भी अपने निवेशकों को ताबड़तोड़ कमाई कराई और एक मजबूत प्रदर्शन दर्ज किया।
रिलायंस और HDFC बैंक को सबसे बड़ा नुकसान
टैरिफ के कारण सहमे बाजार में सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाली कंपनियों की सूची में मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले पायदान पर रही। कंपनी की मार्केट वैल्यू गिरकर 18,36,424 करोड़ रुपये रह गई, जिसका मतलब है कि सिर्फ पांच दिनों में रिलायंस के शेयरों में पैसा लगाने वालों को 70,707 करोड़ रुपये का भारी घाटा हुआ।
इस मामले में दूसरे नंबर पर एचडीएफसी बैंक रहा, जिसके निवेशकों ने 47,482 करोड़ रुपये गंवा दिए और इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन घटकर 14,60,864 करोड़ रुपये रह गया।
अन्य प्रमुख कंपनियों के निवेशक भी बेहाल
रिलायंस और एचडीएफसी बैंक के साथ ही, आईसीआईसीआई बैंक को भी 27,135 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और इसका एमकैप 9,98,291 करोड़ रुपये रह गया। भारती एयरटेल का मार्केट कैप 24,947 करोड़ रुपये की कमी के साथ 10,77,213 करोड़ रुपये पर आ गया, जबकि एलआईसी का मार्केट कैप 23,655 करोड़ रुपये की गिरावट के साथ 5,39,048 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की मार्केट वैल्यू में भी 12,692 करोड़ रुपये की कमी आई और यह घटकर 7,40,619 करोड़ रुपये रह गई। इसके अतिरिक्त, बजाज फाइनेंस का एमकैप 10,471 करोड़ रुपये गिरकर 5,45,490 करोड़ रुपये और टेक दिग्गज इंफोसिस की वैल्यू 7,540 करोड़ रुपये फिसलकर 6,10,464 करोड़ रुपये रह गई।
TCS और HUL ने दिलाई निवेशकों को कमाई
सेंसेक्स की टॉप-10 कंपनियों में केवल टाटा ग्रुप की टीसीएस (TCS) और हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) ही ऐसी दो कंपनियां रहीं, जिन्होंने इस चुनौतीपूर्ण बाजार में भी निवेशकों को कमाई कराई। जहां टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज का मार्केट कैपिटल 11,126 करोड़ रुपये के इजाफे के साथ उछलकर 11,15,963 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, वहीं दूसरी ओर एचयूएल का मार्केट कैप 7,319 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ 6,24,991 करोड़ रुपये हो गया।
मार्केट वैल्यू में रिलायंस का दबदबा कायम
भले ही बीता सप्ताह रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए अच्छा साबित नहीं हुआ हो और उसे तगड़ा घाटा उठाना पड़ा हो, लेकिन मार्केट वैल्यू के हिसाब से देश की टॉप-10 कंपनियों की सूची में उसका दबदबा कायम रहा। रिलायंस इंडस्ट्रीज नंबर-1 की कुर्सी पर काबिज रही।
इसके बाद क्रमशः एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, एसबीआई, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इंफोसिस, बजाज फाइनेंस और एलआईसी का स्थान रहा।
(नोट: शेयर बाजार में किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लें।)