बिहार की राजनीति में इन दिनों जबरदस्त हलचल देखने को मिल रही है। 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) यानी LJP(R) ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक दलों के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। इसी कड़ी में, LJP(R) के सांसद और चिराग पासवान के जीजा अरुण भारती ने हाजीपुर में मीडिया से बात करते हुए एक बड़ा बयान दिया है, जिसने सियासी गलियारों में नई बहस छेड़ दी है।
बगावती तेवर और चिराग पासवान की ‘मुखिया’ उम्मीदवारी
वैशाली जिले के हाजीपुर में सांसद अरुण भारती ने साफ बगावती तेवर दिखाते हुए कहा है कि बिहार की जनता ने चिराग पासवान को राज्य के अगले मुखिया के रूप में स्वीकार कर लिया है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब LJP(R) लगातार NDA के भीतर अपनी स्थिति को लेकर मुखर रहा है। अरुण भारती के इस दावे को चिराग पासवान की पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी पेश करने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जो NDA के सहयोगी दलों, खासकर जदयू और भाजपा के लिए चिंता का विषय बन सकता है।
चिराग का ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ विजन और भविष्य की राजनीति
अरुण भारती ने अपने बयान में बिहार की राजनीति के बदलते परिदृश्य पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि हर एक से दो दशक में देश की राजनीति का परिदृश्य बदल जाता है और आज बिहार उसी मुकाम पर खड़ा है। उनके अनुसार, बिहार को अब एक ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जिसके पास स्वच्छ विजन हो और जो राज्य के लिए काम करना चाहता हो। भारती ने दावा किया कि चिराग पासवान, जिन्हें जनता का आशीर्वाद मिल रहा है, अगले एक से दो दशकों तक बिहार के लोगों की राजनीति करेंगे और उन्हें विकसित बिहार बनाने का ‘विजन’ रखते हैं। उनकी यह सोच ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के नारे में झलकती है।
जनसमर्थन और ‘नव संकल्प यात्रा’ का बढ़ता कारवां
LJP(R) सांसद ने चिराग पासवान के प्रति जनता की स्वीकार्यता को साबित करने के लिए ‘नव संकल्प यात्रा’ का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि पार्टी हर प्रमंडल में एक सम्मेलन आयोजित कर रही है, जहां चिराग पासवान को सुनने के लिए भारी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं और अपना आशीर्वाद दे रहे हैं। अरुण भारती ने कहा कि जनता ने चिराग पासवान को बिहार का मुखिया मानने की अपनी स्वीकार्यता इन सम्मेलनों में स्पष्ट रूप से दिखाई है। यह यात्रा आरा से शुरू हुई थी और उसके बाद राजगीर, छपरा, मुंगेर, और गया जी जैसे प्रमुख पड़ावों को पार करते हुए आगे बढ़ चुकी है। ‘नव संकल्प यात्रा’ का अगला पड़ाव 4 सितंबर को मुजफ्फरपुर में होगा, जहां चिराग पासवान अपनी बातें और ‘विकसित बिहार’ बनाने का अपना लक्ष्य तथा रणनीति जनता के सामने रखेंगे, और उनका आशीर्वाद लेकर अगले चरण के लिए प्रस्थान करेंगे।
निष्कर्ष: बिहार की सियासत में नया मोड़?
अरुण भारती का यह बयान और LJP(R) की बढ़ती सक्रियता बिहार की सियासी तस्वीर में एक नया रंग भर रही है। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले, चिराग पासवान की पार्टी का यह बगावती सुर और ‘मुखिया’ पद पर उनका दावा NDA के भीतर समीकरणों को जटिल बना सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि LJP(R) अपनी ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ की रणनीति के साथ किस तरह आगे बढ़ती है और क्या चिराग पासवान वाकई जनता के आशीर्वाद से बिहार के अगले मुखिया बन पाते हैं।