सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे लाखों युवाओं के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने अपनी भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए अपनी मूल्यांकन प्रक्रिया, जिसे हम Normalization Process कहते हैं, में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। अब नई प्रणाली के तहत, उम्मीदवारों के प्रदर्शन की तुलना उनकी शिफ्ट के भीतर ‘पर्सेंटाइल’ (Percentile) के आधार पर की जाएगी, जिससे Scorecard तैयार करने में और अधिक सटीकता आएगी।
पहले, विभिन्न शिफ्टों की कठिनाई के अंतर को ध्यान में रखकर मूल्यांकन किया जाता था ताकि किसी भी शिफ्ट के उम्मीदवारों को नुकसान न हो। लेकिन अब आयोग ने ‘समप्रतिशत विधि’ यानी Percentile विधि अपनाई है, जिससे नतीजे और भी ज्यादा सही और निष्पक्ष होंगे। यह बदलाव सभी उम्मीदवारों के लिए समान और Fair Evaluation सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, भले ही उनका पेपर कठिन या आसान रहा हो।
SSC की नई नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया क्या है?
नई प्रक्रिया पुरानी औसत और अंकों में अंतर पर आधारित गणना से अलग है। अब, उम्मीदवारों का ध्यान उनकी संबंधित शिफ्टों में उनकी रैंक या Percentile पर केंद्रित होगा। इसका मतलब है कि अगर किसी उम्मीदवार ने अपनी शिफ्ट के 80 प्रतिशत परीक्षार्थियों से बेहतर प्रदर्शन किया है, तो उसे दूसरी शिफ्ट में 80% परीक्षार्थियों से बेहतर प्रदर्शन करने वाले उम्मीदवार के बराबर माना जाएगा। यह विधि यह सुनिश्चित करती है कि उम्मीदवारों का मूल्यांकन उसी पाली में उनके सहपाठियों की तुलना में किया जाए, जिससे कठिनाई स्तरों में अंतर के बावजूद विभिन्न पालियों में निष्पक्ष तुलना संभव हो सके। इससे गलत रैंकिंग नहीं होगी और मुश्किल पेपर देने वाले छात्रों को भी बराबरी का फायदा मिलेगा। यह SSC की Normalization Process को और अधिक विश्वसनीय बनाता है।
छात्रों के विरोध के बाद हुए सुधार
यह अहम बदलाव छात्रों और कोचिंग संस्थानों द्वारा कंप्यूटर-आधारित भर्ती परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं को लेकर किए गए व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद आया है। प्रदर्शनकारियों ने परीक्षाओं के दौरान तकनीकी गड़बड़ियों और संचालन संबंधी समस्याओं को उठाया था, जिसके कारण अधिक पारदर्शिता और Fair Evaluation की मांग उठी थी। इसी के परिणामस्वरूप, SSC ने हाल के महीनों में कई सुधार लागू किए हैं।
हाल ही में जारी एक परामर्श में, SSC ने चल रही या पिछली परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों पर चर्चा, विश्लेषण या प्रसार के विरुद्ध भी सख्त चेतावनी दी है। आयोग ने सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 (PEA अधिनियम, 2024) के सख्त प्रावधानों का हवाला दिया है, जो सभी संबंधित अपराधों को संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-शमनीय के रूप में वर्गीकृत करता है। इस अधिनियम का उद्देश्य परीक्षा प्रणाली में किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोकना है। इसलिए, सभी उम्मीदवारों को अपनी SSC परीक्षाओं के दौरान नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है ताकि उनका Scorecard किसी भी अनुचित तरीके से प्रभावित न हो।