राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक सनसनीखेज बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। गहलोत ने दावा किया कि उनके पिछले कार्यकाल में तत्कालीन कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के संयोजक एवं सांसद हनुमान बेनीवाल दोनों ही उनकी सरकार गिराने की कोशिशों में शामिल थे। इन आरोपों पर राजस्थान के मौजूदा कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने तगड़ा पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने अशोक गहलोत को ही ‘सरकार गिराने का सूत्रधार’ बताया है।
गहलोत का आरोप और मीणा का तीखा पलटवार
शनिवार को पूर्व केन्द्रीय मंत्री नाथूराम मिर्धा की पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद मीडिया से बातचीत में अशोक गहलोत ने कहा था कि किरोड़ी लाल मीणा और हनुमान बेनीवाल दोनों दोस्त थे और दोनों हमारी सरकार को गिराने की कोशिश में लगे थे। उन्होंने यहां तक कहा कि दोनों हेलिकॉप्टर लेकर खूब घूमे। हालांकि, तब उनकी सरकार बच गई थी।
अशोक गहलोत के इन आरोपों पर किरोड़ी लाल मीणा ने बिना देर किए पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत खुद इसके सूत्रधार थे। मीणा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट्स के जरिए गहलोत पर जमकर निशाना साधा।
मीणा ने X पर साधा निशाना: ‘आप खुद थे सूत्रधार’
मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने एक्स (पहले ट्विटर) पर अपने पोस्ट में लिखा, “अशोक गहलोत ने आरोप लगाया है कि मैं उनकी सरकार को गिराने में लगा था, जबकि इस सच को पूरा प्रदेश जानता है कि इसके सूत्रधार तो वह खुद थे। दूसरों के हक पर डाका डाला, इसलिए बगावत हुई। अशोक गहलोत ने कुर्सी तो बचा ली, लेकिन जनता की नजरों से सरकार को गिरने से नहीं बचा पाए।”
‘युवाओं के सपनों का सौदा और भ्रष्टाचार ने डुबोई सरकार’
किरोड़ी लाल मीणा ने अपने एक अन्य पोस्ट में अशोक गहलोत सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “आपकी सरकार तो जनता की नजरों में उसी दिन गिर गई थी, जिस दिन युवाओं की मेहनत और सपनों का सौदा नकल माफिया से किया। मेरे बार-बार पुख्ता सबूत देने पर भी पेपर लीक करने वालों पर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें संरक्षण दिया।” मीणा ने यह भी दावा किया कि मौजूदा सरकार अशोक गहलोत के ‘एक-एक कारनामे’ को उजागर कर रही है।
‘भ्रष्टाचार बना सरकार का संस्कार’
मीणा ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी गहलोत सरकार को घेरा। उन्होंने लिखा, “आपकी सरकार तो जनता की नजरों में उसी दिन गिर गई, जिस दिन से भ्रष्टाचार को सरकार का संस्कार बना दिया। आपके संरक्षण में मंत्री, अधिकारी और विधायकों ने राजस्थान को लूटने के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। जनता ने मौका मिलते ही इसका हिसाब चुकता कर लिया और आपको विपक्ष में बिठा दिया।”
राजस्थान की राजनीति में यह बयानबाजी आने वाले दिनों में और गरमा सकती है, क्योंकि विधानसभा चुनावों के बाद भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।