हाल ही में एक बड़े घटनाक्रम में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कर्नाटक के भाजपा कार्यकर्ता एस. विग्नेश शिशिर को तलब किया है। शिशिर वही व्यक्ति हैं जिन्होंने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता पर सवाल उठाते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी। इस ED Summons ने राजनीतिक गलियारों में एक बार फिर हलचल मचा दी है।
क्या है राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा मामला?
विग्नेश शिशिर ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में एक जनहित याचिका दायर कर दावा किया था कि उनके पास ब्रिटिश सरकार के कुछ दस्तावेज और ईमेल मौजूद हैं। शिशिर के अनुसार, ये दस्तावेज और ईमेल इस बात का प्रमाण हैं कि Rahul Gandhi Citizenship वास्तव में ब्रिटिश है, और इस वजह से वे भारत में चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं। यह मामला तब से ही चर्चा का विषय बना हुआ है।
विग्नेश शिशिर को क्यों बुलाया गया?
आधिकारिक सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, ED ने Vignesh Shishir को 9 सितंबर को केंद्रीय जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है। यह समन विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA Case) के प्रावधानों से जुड़े एक मामले में भेजा गया है। ED ने शिशिर को इस मामले से संबंधित सभी दस्तावेज़ और सबूतों के साथ उपस्थित होने के लिए कहा है। एजेंसी के अनुसार, आरोपों की गंभीरता से जांच की जा रही है। FEMA के तहत, ED व्यक्तियों और कंपनियों द्वारा विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन से संबंधित मामलों की जांच करती है।
उच्च न्यायालय की सुरक्षा और सीबीआई जांच
इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, 30 अगस्त को न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति बी. आर. सिंह की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि शिशिर को 24 घंटे सुरक्षा प्रदान की जाए। Allahabad High Court ने कहा था कि चूंकि याचिकाकर्ता ने “एक बेहद प्रभावशाली व्यक्ति के खिलाफ मामला दायर किया है और लगातार धमकियों का सामना कर रहा है”, इसलिए उसकी सुरक्षा ज़रूरी है। शिशिर ने अदालत को यह भी बताया था कि उनकी जून 2024 में की गई शिकायत के आधार पर सीबीआई भी जांच कर रही है और वह कई बार दिल्ली में एजेंसी के सामने पेश होकर राहुल गांधी की कथित ब्रिटिश नागरिकता से जुड़े साक्ष्य सौंप चुके हैं।
आगे क्या होगा?
उच्च न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई 9 अक्टूबर के लिए तय की है। पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अदालत को बताया था कि भारत सरकार ने ब्रिटेन सरकार को पत्र लिखकर राहुल गांधी की नागरिकता से संबंधित विवरण मांगे हैं। इस मामले में ED, CBI और उच्च न्यायालय की भूमिका से यह साफ है कि Rahul Gandhi Citizenship का मुद्दा अभी और गहराने वाला है और आने वाले समय में इसके कई नए मोड़ देखने को मिल सकते हैं।