आजकल वजन घटाने वाली दवाओं, खासकर ओजेम्पिक जैसी, की चर्चा हर जगह है। भारत में भी इनका चलन बढ़ा है और कई बड़े बॉलीवुड सितारे भी इनके जरिए अपना वजन कम करने में सफल रहे हैं। लेकिन अब इन दवाओं को लेकर एक और बड़ा और महत्वपूर्ण खुलासा सामने आया है, जो हृदय रोगियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हो सकता।
वजन घटाने वाली दवाएं अब हृदय रोग में भी मददगार
एक नए अध्ययन से पता चला है कि वजन घटाने वाली ये दवाएं हृदय रोग के इलाज में भी अहम भूमिका निभा सकती हैं। अध्ययन के मुताबिक, ये दवाइयां हृदय रोगियों की समय से पहले मौत के जोखिम को लगभग आधा कर सकती हैं। यह उन लोगों के लिए एक बड़ी खबर है जो मोटापे और हृदय संबंधी समस्याओं दोनों से जूझ रहे हैं।
अध्ययन: एक विस्तृत जानकारी
यह महत्वपूर्ण अध्ययन बोस्टन स्थित डॉक्टरों और अस्पतालों के एक गैर-लाभकारी नेटवर्क ‘मास जनरल ब्रिघम’ के अमेरिकी शोधकर्ताओं द्वारा पूरा किया गया है।
- इस अध्ययन के नतीजों को मैड्रिड में आयोजित दुनिया के सबसे बड़े हृदय सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया था।
- सम्मेलन में बताया गया कि जीएलपी-1 एगोनिस्ट (GLP-1 agonist) नामक दवाओं की मदद से हृदय रोगियों को जबरदस्त फायदा पहुंच सकता है।
- यह दवाएं उनके गंभीर रूप से बीमार पड़ने या असमय मृत्यु के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकती हैं।
जांच के चौंकाने वाले परिणाम
यूरोपीय सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी के वार्षिक सम्मेलन में इस अध्ययन के नतीजों पर विस्तार से चर्चा की गई।
- जांच में पाया गया कि वजन घटाने वाली दवाइयां हृदय रोग से पीड़ित लोगों के अस्पताल में भर्ती होने या समय से पहले मृत्यु होने के जोखिम को 58 प्रतिशत तक कम कर सकती हैं।
- अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने हार्ट फेलियर के 90,000 से अधिक रोगियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया था। यह सभी मरीज मोटे थे और टाइप 2 मधुमेह से भी पीड़ित थे।
दवाओं की प्रभावशीलता
अध्ययन के परिणामों को प्रतिष्ठित ‘जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (JAMA)’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया था।
- नतीजों के अनुसार, सेमाग्लूटाइड (Semaglutide) दवा लेने वाले रोगियों के अस्पताल में भर्ती होने या समय से पहले मरने की संभावना 42 प्रतिशत कम पाई गई।
- वहीं, टिर्जेपेटाइड (Tirzepatide) नामक दवा ने हृदय रोग, मृत्यु या अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को 58 प्रतिशत तक घटा दिया।
- ये आंकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि हृदय रोग के मरीजों को वजन घटाने वाली दवाइयां देना सुरक्षित और अत्यधिक प्रभावी है।
शोधकर्ताओं का अहम बयान
ब्रिघम एंड वीमेन हॉस्पिटल के चिकित्सक और मास जनरल ब्रिघम हेल्थकेयर सिस्टम के संस्थापक डॉ. निल्स क्रुगर, जो इस अध्ययन के प्रमुख लेखक हैं, ने अपने निष्कर्षों पर टिप्पणी की।
- उन्होंने कहा, “हमारे अध्ययन से पता चला कि सेमाग्लूटाइड और टिर्जेपेटाइड जैसी दवाइयां हार्ट फेलियर के प्रतिकूल प्रभावों को कम करके मोटापे और मधुमेह के रोगियों को लाभ पहुंचा सकती हैं।”
- उन्होंने आगे बताया, “ये निष्कर्ष बताते हैं कि भविष्य में जीएलपी-1 को लक्षित करने वाली दवाइयां हार्ट फेलियर के रोगियों के लिए एक आवश्यक उपचार विकल्प प्रदान कर सकती हैं।”
वजन घटाने के अलावा अन्य स्वास्थ्य लाभ
यह तो हम सभी जानते हैं कि वजन घटाने वाली दवाइयां हमें पतला होने में मदद करती हैं, लेकिन इनके कई अन्य महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं:
- अध्ययन से सामने आया है कि ये दवाइयां दिल के दौरे (heart attack) और स्ट्रोक (stroke) का खतरा भी कम करती हैं।
- साथ ही, ये ब्लड शुगर (blood sugar) को कम करके मधुमेह (diabetes) के इलाज में भी सहायक होती हैं।
- इतना ही नहीं, इन दवाओं के जरिए किडनी (kidney) भी बेहतर तरीके से कार्य करने लगती हैं, जो मधुमेह और हृदय रोग के रोगियों के लिए एक और बड़ा लाभ है।
यह अध्ययन उन लाखों लोगों के लिए एक नई उम्मीद जगाता है जो हृदय रोग और संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। वजन घटाने वाली इन दवाओं का बहुआयामी प्रभाव निश्चित रूप से चिकित्सा विज्ञान में एक महत्वपूर्ण प्रगति है।