वेस्ट दिल्ली लायंस के कप्तान और आईपीएल में अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए पहचाने जाने वाले नीतीश राणा ने हाल ही में दिग्नेश राठी के साथ हुई अपनी बहुचर्चित झड़प पर आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ दी है। दिल्ली प्रीमियर लीग (DPL) 2025 के एलिमिनेटर मुकाबले में हुए इस वाकये ने क्रिकेट जगत में खूब सुर्खियां बटोरी थीं। अब, इस विवाद पर राणा ने खुलकर अपनी बात रखी है और बताया कि आखिर उस दिन मैदान पर क्या हुआ था और उनकी प्रतिक्रिया के पीछे क्या कारण था।
मैदान पर बढ़ा पारा: क्या था पूरा मामला?
डीपीएल 2025 के एलिमिनेटर मुकाबले में वेस्ट दिल्ली लायंस और साउथ दिल्ली सुपरस्टार्ज आमने-सामने थे। मैच के दौरान साउथ दिल्ली सुपरस्टार्ज के स्पिनर दिग्नेश राठी ने रनअप लेने के बाद गेंद नहीं फेंकी, जिससे वेस्ट दिल्ली लायंस के कप्तान नीतीश राणा का पारा चढ़ गया। जब दिग्नेश एक बार फिर रनअप लेकर गेंद डालने आए, तो इस बार नीतीश अपनी जगह से हट गए। इसके बाद दोनों खिलाड़ियों के बीच तीखी बहस हुई, जिसके चलते अंपायर को बीच-बचाव के लिए आना पड़ा। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया था और क्रिकेट प्रशंसकों के बीच बहस का विषय बन गया था।
नीतीश राणा की बेबाक प्रतिक्रिया: ‘छेड़ोगे तो चुप नहीं बैठूंगा!’
वेस्ट दिल्ली लायंस के डीपीएल 2025 फाइनल में पहुंचने के बाद नीतीश राणा ने इस घटना पर अपनी राय साझा की। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, ‘बात ये नहीं है कि कौन सही है या कौन गलत। वह अपनी टीम के लिए मैच जीतने आया था और मैं अपनी टीम के लिए। लेकिन क्रिकेट के खेल का सम्मान करना मेरी जिम्मेदारी है और ये उसकी भी है।’ राणा ने आगे जोर देते हुए कहा कि शुरुआत दिग्नेश ने ही की थी। उन्होंने कहा, ‘मैं ये नहीं कहूंगा कि कैसे या क्या हुआ, क्योंकि ये अनुचित होगा। लेकिन हां, अगर कोई मुझे छेड़ता है या मेरे सामने आता है तो मैं चुप बैठने वाला नहीं हूं। क्योंकि मैंने हमेशा इसी तरह क्रिकेट खेला है। अगर कोई मुझे छेड़ता है और उसे लगता है कि वह मुझे उकसाकर आउट कर देंगे तो मैं भी छक्का मारकर जवाब दे सकता हूं। एलिमिनेटर में जो हुआ वो इसका एक उदाहरण है।’ उनकी यह टिप्पणी उनकी आक्रामक खेल शैली और मैदान पर उनके निडर स्वभाव को दर्शाती है।
‘शुरुआत करने वाले को ही खत्म करना भी आता है’ – नीतीश का तेवर
राणा ने अपने बयानों में अपने सिद्धांत को और स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, ‘जो शुरू करता है, उसे खत्म करना भी उसी के हाथ में होता है। मैं अब तक कई झगड़ों में शामिल रहा हूं, ऐसा नहीं है कि मैंने कभी लड़ाई नहीं की। लेकिन आज तक मैंने कभी शुरुआत नहीं की। हां, अगर कोई मुझसे पहले कुछ कहता है तो मैं हमेशा जवाब देता हूं और यही मेरा तरीका है।’ उन्होंने अपनी परवरिश का हवाला देते हुए कहा कि उनके माता-पिता ने उन्हें सिखाया है कि अगर आप गलत नहीं हैं तो आपको अपने लिए खड़ा होना चाहिए। ‘मैं बिल्कुल यही करता हूं। और आगे भी करता रहूंगा,’ उन्होंने दृढ़ता से कहा। यह बयान उनकी व्यक्तिगत नैतिकता और मैदान पर उनके व्यवहार को समझने में मदद करता है।
धमाकेदार शतक से दिया जवाब
इस पूरी गहमागहमी के बीच यह भी बताना जरूरी है कि नीतीश राणा ने सिर्फ जुबानी जंग से ही जवाब नहीं दिया, बल्कि अपने बल्ले से भी विरोधी टीम को करारा जवाब दिया। एलिमिनेटर मुकाबले में उनकी आतिशी शतकीय पारी के दम पर वेस्ट दिल्ली लायंस ने 7 विकेट से शानदार जीत दर्ज की थी। राणा ने मात्र 55 गेंदों का सामना करते हुए 6 चौकों और 15 गगनचुंबी छक्कों की मदद से नाबाद 134 रन बनाए। यह पारी न केवल मैच जिताऊ थी, बल्कि उनके तेवर और प्रतिबद्धता का भी प्रमाण थी, जिससे उन्होंने साबित किया कि वह दबाव में भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं।