मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में निफ्टी ने जबरदस्त उतार-चढ़ाव दिखाया। दिन की शुरुआत में बढ़त बनाने के बाद इंडेक्स ने अपनी सारी बढ़त खो दी और कमजोरी के साथ बंद हुआ। यह सप्ताह की पहली मंगलवार साप्ताहिक F&O एक्सपायरी थी, जिसने बाजार में अस्थिरता बढ़ा दी। अब 3 सितंबर को निफ्टी की चाल कैसी रहेगी और कौन से लेवल्स महत्वपूर्ण होंगे, आइए जानते हैं बाजार विशेषज्ञों की राय।
मंगलवार (2 सितंबर) को क्या हुआ?
बेंचमार्क Nifty50 इंडेक्स मंगलवार को हाई उतार-चढ़ाव के बीच कमजोरी के साथ बंद हुआ। इंडेक्स 45 अंक टूटकर 24,579 पर रहा। Nifty हल्का ऊंचा खुला और सोमवार के मोमेंटम को आगे बढ़ाते हुए इंट्राडे पीक 24,756 तक पहुंचा। हालांकि, दोपहर 12:45 बजे के बाद सेंटीमेंट तेजी से बदल गया और इंडेक्स दिन के हाई लेवल से 234 अंक तक गिर गया, जिससे सुबह की पूरी बढ़त खत्म हो गई। 24,600 के ऊपर टिक न पाने से यह संकेत मिला कि फॉलो-अप खरीदारी नहीं हुई।
बाजार में बड़ी हलचल वाले शेयर और सेक्टर
- Nifty के अंदर Tata Consumer और Nestle जैसे डिफेंसिव FMCG शेयर और PowerGrid प्रमुख बढ़त दिखाने वाले रहे।
- वहीं, Dr Reddy’s, M&M और ICICI Bank मुख्य पिछड़ने वाले शेयरों में शामिल थे।
- शुगर स्टॉक्स पर निवेशकों की निगाहें बनी रहीं क्योंकि सरकार ने इथेनॉल उत्पादन पर कैप हटाया और सुप्रीम कोर्ट ने E20 रोलआउट को मंजूरी दी।
- ब्रॉडर मार्केट्स ने बेहतर प्रदर्शन किया, Nifty Midcap 100 0.27% बढ़ा और Smallcap 100 0.53% ऊपर गया।
- सेक्टोरल इंडेक्स में FMCG, Media और Metal बढ़त पर रहे, जबकि Financial Services, Banks और Auto दबाव में रहे।
शुरुआती बढ़त मजबूत मैक्रो डेटा से मिली थी, जो दूसरे हाफ में प्रॉफिट-बुकिंग के चलते मिट गई। इन्वेस्टर्स सेंटीमेंट GST काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक और कमजोर ग्लोबल संकेतों से सतर्क हुआ। एक्सपायरी डायनेमिक्स के कारण दूसरे हाफ में वोलैटिलिटी बढ़ी। इस बीच विदेशी निवेशक कैश मार्केट में नेट सेलर रहे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने समर्थन दिया।
3 सितंबर के लिए निफ्टी पर एक्सपर्ट्स की राय
बाजार विशेषज्ञों ने निफ्टी की आगामी चाल को लेकर अपने अहम विचार और महत्वपूर्ण सपोर्ट-रेजिस्टेंस लेवल्स बताए हैं:
- राजेश भोसले (मार्केट एक्सपर्ट) के मुताबिक: “इंडेक्स रेंज में कंसोलिडेट होगा। इसमें 24,800 तत्काल रेजिस्टेंस के रूप में काम करेगा। 24,500 पहले सपोर्ट के रूप में रहेगा, इसके बाद 24,400-24,350 का जोन है।”
- नागराज शेट्टी (मार्केट एक्सपर्ट) के अनुसार: “Nifty का शॉर्ट-टर्म अपट्रेंड अभी भी कायम है। 24,300-24,200 का मुख्य सपोर्ट वोलैटिलिटी के बीच भी टिकने की उम्मीद है। इन सपोर्ट स्तरों तक कोई भी गिरावट अगले 1-2 सत्रों के लिए खरीदारी का अवसर हो सकती है। हालांकि, 24,750 के प्रमुख रेजिस्टेंस से ऊपर एक निर्णायक बढ़त निकट भविष्य में शॉर्ट कवरिंग के लिए दरवाजा खोल सकती है।”
- रूपक डे (मार्केट एक्सपर्ट) ने कहा: “बाजार तब तक सेल-ऑन-राइज मोड में रहेगा, जब तक यह 24,850 के ऊपर नहीं जाता। डेली RSI बेयरिश क्रॉसओवर में है और इसका रीडिंग 50 से नीचे है, जो संकेत देता है कि शॉर्ट-टर्म ट्रेंड कमजोर रहने की संभावना है। नीचे की ओर सपोर्ट 24,500 पर है, जबकि रेजिस्टेंस स्तर 24,700 और 24,850 पर है।”
- नंदीश शाह (मार्केट एक्सपर्ट) का मत है: “Nifty अपने 5-दिन के DEMA (24,613) के पास क्लोजिंग आधार पर निकटतम रेजिस्टेंस को पार करने में असफल रहा। हालांकि, हाई से गिरावट यह संकेत नहीं देती कि बुलिश मोमेंटम पूरी तरह से समाप्त हो गया है। 24,400 के पास मजबूत बेस से निचले स्तरों पर मांग फिर से बढ़ सकती है। बुलिश ट्रेंड रिवर्सल की पुष्टि के लिए इंडेक्स को निर्णायक रूप से 24,800 के ऊपर जाना होगा।”
आगे क्या देखें?
ट्रेडर्स GST काउंसिल के नतीजों और प्रमुख अमेरिकी आर्थिक डेटा जैसे मैन्युफैक्चरिंग PMI, जॉब ओपनिंग्स, पेरोल और इन्फ्लेशन पर नजर रखेंगे, जो Fed की रेट दिशा को तय कर सकते हैं। इन वैश्विक और घरेलू कारकों का बाजार की चाल पर सीधा असर देखने को मिल सकता है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, एक्सपर्ट्स निफ्टी के लिए रेंज-बाउंड कंसोलिडेशन की उम्मीद कर रहे हैं, जिसमें निचले स्तरों पर खरीदारी का अवसर दिख सकता है। हालांकि, 24,800-24,850 के ऊपर एक निर्णायक ब्रेकआउट ही बुलिश ट्रेंड रिवर्सल की पुष्टि करेगा। निवेशकों को सतर्कता के साथ ट्रेड करने और महत्वपूर्ण सपोर्ट व रेजिस्टेंस लेवल्स पर नजर रखने की सलाह दी जाती है।
Disclaimer:
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