फरीदाबाद के बल्लभगढ़ स्थित अंबेडकर चौक पर आज भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा एक जोरदार प्रदर्शन किया गया। यह विरोध प्रदर्शन कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा एक सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत माता को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में आयोजित किया गया था। इस दौरान जमकर नारेबाजी के साथ राहुल गांधी का पुतला भी दहन किया गया, लेकिन पुतला जलाते समय एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया।
पुतला दहन के दौरान टला बड़ा हादसा: विधायक और जिलाध्यक्ष ने बचाई जान
प्रदर्शन के दौरान जब राहुल गांधी का पुतला अंबेडकर चौक पर लाया गया, तो उसमें भारी मात्रा में ज्वलनशील पदार्थ डाल दिया गया था। पुतले को एक ओर से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री मूलचंद शर्मा, और दूसरी ओर से बल्लभगढ़ के जिलाध्यक्ष सोहनपाल छोकर पकड़े हुए थे।
जैसे ही एक कार्यकर्ता ने माचिस की तीली से पुतले को आग लगाई, वह तुरंत पीछे हट गया। इससे पहले कि दोनों नेता स्थिति को समझ पाते, पुतले में तेज़ी से आग फैल गई और लपटें उनकी ओर बढ़ने लगीं। अपनी सतर्कता दिखाते हुए, दोनों नेताओं ने तुरंत पुतले को दूर फेंक दिया। इसके बाद किसी ने भी जलते हुए पुतले के पास जाने की हिम्मत नहीं की और उसे जमीन पर ही जलने दिया गया। यदि समय रहते पुतले को नहीं फेंका जाता, तो कोई बड़ा हादसा हो सकता था और नेताओं को गंभीर चोटें आ सकती थीं।
कांग्रेस नेताओं के बयानों की कड़ी निंदा
पुतला दहन के बाद, भाजपा विधायक मूलचंद शर्मा ने कांग्रेस और राहुल गांधी की तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा महिलाओं, विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माता के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी अत्यंत निंदनीय और शर्मनाक है। उन्होंने कहा, “भारत एक ऐसा देश है जहां मातृशक्ति और महिलाओं का सम्मान सर्वोपरि माना जाता है। ऐसे में इस तरह की भाषा और मानसिकता को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।”
इस घटना ने एक बार फिर राजनीतिक विरोध प्रदर्शनों में सुरक्षा प्रोटोकॉल और सावधानी की आवश्यकता को उजागर किया है, खासकर जब ज्वलनशील सामग्री का उपयोग किया जा रहा हो।