कोरिया कंपोज़िट स्टॉक प्राइस इंडेक्स (KOSPI) दक्षिण कोरिया का मुख्य शेयर बाजार सूचकांक है, जो देश की आर्थिक स्थिति और बाजार के रुझानों का सीधा संकेतक माना जाता है। KOSPI न केवल दक्षिण कोरियाई निवेशकों, बल्कि वैश्विक निवेशकों के लिए भी एक महत्वपूर्ण बेंचमार्क का कार्य करता है।
KOSPI की शुरुआत 1964 में हुई थी और समय के साथ इसमें कई परिवर्तन किए गए। वर्तमान स्वरूप 1994 के बाद अस्तित्व में आया। इस इंडेक्स में मुख्य रूप से कोरिया एक्सचेंज (KRX) पर सूचीबद्ध करीब 300 कंपनियां शामिल हैं, जिनमें सबसे बड़ी और सबसे अधिक तरल कंपनियां प्रमुख रूप से दर्ज होती हैं। इनमें तकनीक, वित्त, विनिर्माण और अन्य क्षेत्रों की कंपनियां शामिल हैं। प्रमुख कंपनियों में Samsung Electronics, Hyundai Motor, SK Hynix जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान रखने वाली कंपनियां शामिल हैं।
KOSPI इंडेक्स को मार्केट कैपिटलाइजेशन वेटेड मेथडोलॉजी के आधार पर तैयार किया जाता है। इसका अर्थ है कि जिन कंपनियों का बाजार मूल्य अधिक होता है, वे इंडेक्स पर अधिक प्रभाव डालती हैं। उदाहरण के लिए, अगर इन कंपनियों के शेयरों के मूल्य में बदलाव आता है, तो उसका सीधा असर पूरे इंडेक्स पर देखने को मिलता है। यह व्यवस्था इंडेक्स को यथार्थ के करीब लाती है और बाजार की वास्तविक चाल को दर्शाती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, “KOSPI इंडेक्स केवल शेयर बाजार का मापदंड नहीं है, बल्कि दक्षिण कोरिया की अर्थव्यवस्था की नब्ज भी है। इसमें मौजूद प्रमुख तकनीकी और विनिर्माण कंपनियों की अंतरराष्ट्रीय पहचान, इंडेक्स को वैश्विक निवेशकों के लिए और भी आकर्षक बनाती है।”
KOSPI का सबसे चर्चित उप-सूचकांक KOSPI 200 है, जिसमें दक्षिण कोरिया की शीर्ष 200 कंपनियाँ शामिल हैं। यह अकेले पूरे KOSPI बाजार पूंजीकरण का लगभग 70% प्रतिनिधित्व करता है, जिससे इसकी प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है।
KOSPI न केवल स्थानीय निवेशकों के, बल्कि विदेशी निवेशकों के लिए जोखिम प्रबंधन, विविधता और वैश्विक अर्थव्यवस्था को समझने का एक प्रमुख माध्यम बन गया है। हाल के वर्षों में, इंडेक्स में प्रौद्योगिकी कंपनियों का वर्चस्व साफ तौर पर देखा गया है, जो विश्वव्यापी तकनीकी क्रांति में दक्षिण कोरिया की भागीदारी को उजागर करता है।
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में, देश और क्षेत्र की आर्थिक चुनौतियों के बावजूद, KOSPI निवेशकों को लंबी अवधि के अवसर और विविध बाजार जोखिम प्रबंधन जैसी संभावनाएं भी प्रदान करता है। विशेषज्ञों की राय है कि आगामी महीनों में वैश्विक आर्थिक नीतियों, ब्याज दरों और तकनीकी नवाचारों के आधार पर KOSPI में उतार-चढ़ाव की उम्मीद की जा सकती है, जिससे यह लगातार निवेशकों के लिए विश्लेषण और चर्चा का केंद्र बना रहेगा।