दक्षिण कोरिया की शेयर बाजार की नब्ज को मापने वाला प्रमुख सूचकांक, कोस्पी (KOSPI), आज वैश्विक निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतक बन चुका है। यह सूचकांक न केवल कोरियाई शेयर बाजार की गतिविधियों का समेकित प्रतिबिंब दिखाता है, बल्कि एशियाई और अंतरराष्ट्रीय निवेश प्रवृत्तियों के अध्ययन में भी इसकी अहम भूमिका मानी जाती है।
कोस्पी की स्थापना वर्ष 1983 में हुई थी। इसका आधार वर्ष 1980 को माना गया और उस समय सूचकांक का आधार अंक 100 निर्धारित किया गया था। आज कोस्पी में कोरिया एक्सचेंज में सूचीबद्ध सभी सामान्य शेयर शामिल होते हैं। यह एक पूंजीकरण-भारित सूचकांक है, अर्थात किसी भी कंपनी का बाजार पूंजीकरण जितना बड़ा होता है, उसका कोस्पी के अंक पर उतना ही अधिक प्रभाव पड़ता है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि कोस्पी वैश्विक निवेशकों के लिए उसी तरह का संकेतक बन चुका है जैसे अमेरिका में S&P 500। KOSPI-200, कोस्पी का सबसे प्रमुख उप-सूचकांक है, जिसमें कोरिया की 200 सबसे बड़ी कंपनियाँ (जैसे Samsung Electronics, Hyundai Motor, LG आदि) सम्मिलित हैं। ये कंपनियाँ कोरिया की कुल बाजार पूंजी का लगभग 70% हिस्सा बनाती हैं। एक विशेषज्ञ की राय में, “कोस्पी आर्थिक स्वास्थ्य, निवेशकों की धारणा एवं बाजार में पूंजी प्रवाह का सबसे विश्वसनीय पैमाना है।”
कोस्पी का इतिहास भी काफी दिलचस्प और घटनाओं से भरा रहा है। अप्रैल 1989 में पहली बार सूचकांक 1000 के स्तर के पार पहुँचा। जुलाई 2007 में कोस्पी ने 2000 अंक का भी आंकड़ा पार कर दिया। 17 जून 1998 को कोस्पी में 8.5% की सबसे बड़ी एकदिवसीय वृद्धि और 12 सितंबर 2001 को 12.02% की सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट दर्ज की गई थी। यह सूचकांक समय-समय पर बदलती वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों एवं भू-राजनीतिक परिवर्तनों के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिखाता रहा है।
हाल के वर्षों में कोस्पी की स्थिति स्थिर-मजबूत रही है। वर्तमान (अगस्त 2025) में, कोस्पी ने पिछले एक वर्ष में 17.61% की वृद्धि दर्ज की है। वहीं, वर्ष की शुरुआत से अब तक इसमें 31% से अधिक का उछाल देखा गया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि दक्षिण कोरिया की प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और बैंकिंग क्षेत्र की कंपनियों में बढ़ी निवेश गतिविधियाँ इस मजबूती का प्रमुख कारण रही हैं।
सूचकांक में शामिल होने के लिए कंपनियों को व्यापारिक इतिहास, पूंजी-आकार, वित्तीय प्रदर्शन और कॉर्पोरेट गवर्नेंस जैसे कड़े मानकों पर खरा उतरना होता है। इससे कोस्पी का गुणवत्ता और स्थायित्व और भी बढ़ जाता है, जिसकी वजह से यह निवेशकों का विश्वास जीत पाया है।
भविष्य की संभावना की बात करें, तो बाजार विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, अमेरिका और चीन के बीच व्यापार संबंध, उपभोक्ता मांग के रुझान और कोरियाई इनोवेशन सेक्टर की गति कोस्पी के प्रदर्शन को प्रभावित करते रहेंगे। निवेशकों के लिए कोस्पी का रुझान न केवल दक्षिण कोरिया, बल्कि समूचे एशिया-प्रशांत क्षेत्र की आर्थिक दिशा को दर्शाने वाला दर्पण है।
आने वाले समय में, तकनीकी विकास, सरकारी आर्थिक नीतियां और अंतरराष्ट्रीय व्यापार की प्रवृत्तियाँ कोस्पी के मान को नई बुलंदियों या संभावित उतार-चढ़ावों तक ले जा सकती हैं। इसके चलते, कोस्पी पर सतत निगरानी देशीय-विदेशी निवेशकों और विश्लेषकों के लिए अत्यंत आवश्यक हो गई है।