भारतीय खेलों के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है! हमारी होनहार मुक्केबाज़ जैस्मिन लैम्बोरिया (Jaismine Lamboria) ने लिवरपूल में चल रही वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2025 में 57 किलोग्राम वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया है। 24 साल की जैस्मिन ने फाइनल मुकाबले में पेरिस ओलंपिक की रजत पदक विजेता पोलैंड की जूलिया सेरेमेटा को मात देकर पहली बार विश्व चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। यह जीत न सिर्फ जैस्मिन के लिए बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण है।
फाइनल में जैस्मिन का दमदार प्रदर्शन
फाइनल मुकाबले की शुरुआत से ही जैस्मिन लैम्बोरिया ने अपनी लय पकड़ी और दमदार शॉट्स लगाए। उन्होंने पूरे मैच में उत्कृष्ट संतुलन बनाए रखा और जजों से 4-1 का स्प्लिट डिसीजन अपने नाम किया। उनकी तकनीक और मानसिक दृढ़ता ने उन्हें यह ऐतिहासिक जीत दिलाई। मुकाबले के बाद अपनी खुशी जाहिर करते हुए जैस्मिन ने कहा, "विश्व चैंपियन बनने का एहसास शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। मैं बेहद खुश हूं।" यह उनकी कड़ी मेहनत और लगन का ही नतीजा है जिसने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है।
पेरिस ओलंपिक की निराशा को बनाया प्रेरणा
जैस्मिन ने अपनी सफलता का श्रेय पेरिस 2024 में मिली निराशा को भी दिया। उन्होंने बताया, "पेरिस 2024 में जल्दी बाहर होने के बाद मैंने अपनी तकनीक पर काम किया और खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाया। यह जीत पिछले एक साल की लगातार मेहनत का नतीजा है।" यह दर्शाता है कि कैसे उन्होंने अपनी पिछली हार को प्रेरणा में बदलकर वापसी की और खुद को एक चैंपियन के रूप में साबित किया। उनका यह सफर कई aspiring athletes के लिए एक मिसाल है।
जैस्मिन का शानदार रहा है ये सीज़न
यह Gold Medal जैस्मिन लैम्बोरिया के शानदार सीज़न का बेहतरीन अंत है। मार्च में ग्रेटर नोएडा में हुई राष्ट्रीय चैंपियनशिप में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज का ख़िताब जीता। इसके बाद उन्होंने कज़ाकिस्तान के अस्ताना में आयोजित बॉक्सिंग विश्व कप में पहला स्थान हासिल किया। सिर्फ दो महीने पहले, जुलाई 2025 में, जैस्मिन ने एक बार फिर कज़ाकिस्तान में आयोजित विश्व बॉक्सिंग कप में स्वर्ण पदक जीतकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी बढ़ती पहचान को और मजबूत किया। यह लगातार तीसरी अंतर्राष्ट्रीय जीत है, जो उन्हें भारत की शीर्ष महिला मुक्केबाज़ों में शुमार करती है।
कांस्य से स्वर्ण तक का सफ़र: एक असाधारण यात्रा
विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने से पहले ही जैस्मिन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी मजबूत पहचान बना ली थी। उन्होंने 2022 में बर्मिंघम में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं के 60 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक हासिल किया था। यह उन खेलों में भारत का पहला मुक्केबाज़ी पदक भी था। सिर्फ 19 साल की उम्र में, जैस्मिन ने 2021 एशियाई चैंपियनशिप में भी कांस्य पदक जीता और एशिया के शीर्ष मुक्केबाज़ों में जगह बनाई। उनकी यह यात्रा Indian boxer के रूप में एक उल्लेखनीय कहानी है, जो लगातार ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रेरित करती है। भारतीय Boxing news में यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
जैस्मिन लैम्बोरिया की यह ऐतिहासिक जीत भारतीय मुक्केबाजी के लिए एक मील का पत्थर है और भविष्य में कई युवा खिलाड़ियों को इस खेल में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। उनके समर्पण, कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने उन्हें यह World Boxing Championship का खिताब दिलाया है।