हरियाणा में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) के लाखों उम्मीदवारों के लिए बड़ी खबर है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा CET का करेक्शन पोर्टल इसी हफ्ते खोला जा सकता है। आयोग ने इसकी तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मानसून सत्र के दौरान 25 अगस्त को ही इस पोर्टल को ‘एक-दो दिन में’ खोलने की बात कही थी, हालांकि इसमें थोड़ी देरी हुई, लेकिन अब जल्द ही पोर्टल सक्रिय होने की उम्मीद है।
दस्तावेज तैयार रखने के निर्देश
HSSC के चेयरमैन हिम्मत सिंह ने 8 अगस्त को सोशल मीडिया के माध्यम से अभ्यर्थियों को यह महत्वपूर्ण निर्देश दिया था कि वे अपने सभी प्रमाण-पत्र और दस्तावेज तैयार रखें। उन्होंने बताया था कि ग्रुप C के पदों के लिए करेक्शन पोर्टल जल्द ही खोला जाएगा। चेयरमैन ने यह भी संकेत दिया था कि परीक्षा परिणाम एक माह के भीतर जारी करने का प्रयास किया जाएगा। आयोग के सूत्रों के अनुसार, पोर्टल खोलने की तैयारियां लगातार चल रही हैं और संभावना है कि 10 सितंबर से पहले आयोग इसकी आधिकारिक घोषणा कर दे।
CET-2023 परीक्षा और आंसर-की
हरियाणा में ग्रुप-C के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) का आयोजन 26 और 27 जुलाई को किया गया था, जिसमें 12 लाख से अधिक युवा शामिल हुए थे। परीक्षा के बाद, आयोग ने एक महीने पहले ही इसकी प्रोविजनल आंसर-की जारी कर दी थी। HSSC चेयरमैन डॉ. हिम्मत सिंह ने 29 जुलाई की देर रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था) पर इसकी जानकारी साझा की थी। अभ्यर्थियों को 1 अगस्त तक आंसर-की पर आपत्ति दर्ज कराने का समय दिया गया था। प्रत्येक आपत्ति के लिए 250 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया था।
नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला विवाद, मामला हाईकोर्ट में
हरियाणा में ग्रुप-सी भर्ती के लिए आयोजित CET परीक्षा के परिणाम में ‘नॉर्मलाइजेशन फार्मूले’ के लागू होने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। यह मामला अब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। रोहतक के पवन कुमार नामक एक अभ्यर्थी ने इस संबंध में याचिका दायर की है। पवन कुमार का तर्क है कि आयोग द्वारा लागू किए गए नॉर्मलाइजेशन फार्मूले के कारण परीक्षा परिणाम प्रभावित हुए हैं, और कई योग्य उम्मीदवारों को उनके प्रदर्शन के अनुसार न्याय नहीं मिल पाया है।
आज होगी हाईकोर्ट में अहम सुनवाई
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इस याचिका की गंभीरता को समझते हुए इसे ‘अर्जेंट कैटेगरी’ में सूचीबद्ध किया है। जस्टिस संदीप मोदगिल की अदालत में इस मामले पर 2 सितंबर को सुनवाई निर्धारित की गई है। चूंकि यह मामला लाखों युवाओं के भविष्य से जुड़ा हुआ है, इसलिए कोर्ट का यह फैसला अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सभी की निगाहें हाईकोर्ट के आज के रुख पर टिकी हैं।