दिल्ली में सोने और चांदी के दाम एक बार फिर आसमान छू रहे हैं, लगातार रिकॉर्ड तोड़ते हुए ये कीमती धातुएं निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं। पिछले सात दिनों में सोने की कीमतों में ₹5,900 प्रति 10 ग्राम की जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि चांदी ने इस साल सोने से भी बेहतर रिटर्न दिया है। आखिर क्या हैं इन धातुओं की बढ़ती कीमतों के पीछे के कारण?
सोना-चांदी नए रिकॉर्ड स्तर पर
मंगलवार को दिल्ली में सोने का भाव ₹1,06,070 प्रति 10 ग्राम के नए शिखर पर पहुंच गया। वहीं, चांदी भी ₹1,26,100 प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर कारोबार कर रही थी। सोने में एक दिन में ₹400 की तेजी आई, जबकि चांदी ₹100 महंगी हुई। अमेरिकी टैरिफ संबंधी अनिश्चितता, रुपये का कमजोर होना और वैश्विक तनाव जैसे कारकों ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश की ओर धकेल दिया है, जिससे इन कीमती धातुओं की मांग बढ़ी है। जानकारों का कहना है कि यह तेजी अभी और जारी रह सकती है।
7 दिन में ₹5,900 महंगा हुआ सोना
राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत में लगातार सातवें दिन तेजी आई। 99.9% शुद्धता वाला सोना ₹1,06,070 प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था, जो सोमवार को ₹1,05,670 प्रति 10 ग्राम पर था। पिछले सात दिनों में, सोने की कीमत में ₹5,900 प्रति 10 ग्राम की उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। इस साल सोने की कीमतों में अब तक 34.35% की बढ़ोतरी हुई है, जो 31 दिसंबर, 2024 को ₹78,950 प्रति 10 ग्राम थी। यानी इस साल सोना खरीदने वालों को अच्छा मुनाफा हुआ है।
चांदी ने दिया सोने से ज्यादा रिटर्न
चांदी भी पीछे नहीं रही। मंगलवार को इसकी कीमत ₹1,26,100 प्रति किलोग्राम (सभी टैक्स सहित) के एक और रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। सराफा संघ के अनुसार, सोमवार को चांदी ₹1,26,000 प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। पिछले तीन दिनों में चांदी की कीमतों में ₹7,100 प्रति किलोग्राम की तेजी आई है। इस साल अब तक चांदी ने सोने से बेहतर प्रदर्शन किया है, दिसंबर 2024 के अंत में ₹89,700 प्रति किलोग्राम के स्तर से चांदी में 40.58% की उछाल आई है। यानी चांदी ने इस साल निवेशकों को ज्यादा फायदा पहुंचाया है।
कीमती धातुओं में तेजी के प्रमुख कारण
व्यापारियों का कहना है कि रुपये के गिरते मूल्य और बढ़ती वैश्विक अनिश्चितता और तनाव ने सोने-चांदी को एक सुरक्षित निवेश के रूप में और ज़्यादा आकर्षक बना दिया है। मंगलवार को भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की अनिश्चितता और कमजोर घरेलू शेयर बाजारों के दबाव के कारण अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया आठ पैसे की गिरावट के साथ 88.18 के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था। इसका मतलब है कि रुपया डॉलर के मुकाबले और कमजोर हो गया है, जिससे आयात महंगा हो रहा है और सोने की कीमतें बढ़ रही हैं।
अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक अनिश्चितता का प्रभाव
ऑग्मोंट में शोध प्रमुख रेनिशा चैनानी ने बताया, ‘पिछले हफ्ते एक अमेरिकी अपीलीय अदालत की ओर से व्हाइट हाउस के तथाकथित रेसिप्रोकल टैरिफ को गैरकानूनी बताने वाले फैसले को बरकरार रखने के बाद मंगलवार को सोने की कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं।’ हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस फैसले की आलोचना की और इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। कमोडिटी मार्केट के विशेषज्ञों का कहना है कि इस घटनाक्रम ने अमेरिकी टैरिफ के आर्थिक प्रभाव को लेकर अनिश्चितता बढ़ा दी है, जिससे सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार का हाल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में न्यूयॉर्क में हाजिर सोने की कीमतें अपने सर्वकालिक ऊंचे स्तर से गिरकर 3,477.41 डॉलर प्रति औंस पर रही, हालांकि कारोबार के दौरान यह 3,508.54 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर पहुंच गई थी। एक्सिस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक (जिंस) देवेया गगलानी ने बताया, ‘अमेरिकी फेडरल रिजर्व की स्वायत्तता को लेकर चिंताओं, ब्याज दर में कटौती की बढ़ती उम्मीदों और टैरिफ संबंधी अनिश्चितता के बीच हाजिर सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर पहुंच गईं। इससे सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ी।’ हालांकि, हाजिर चांदी 1.08 फीसदी गिरकर 40.29 डॉलर प्रति औंस पर रही। विश्लेषकों ने चांदी की कीमतों में इस गिरावट का कारण निवेशकों द्वारा अचानक की गई मुनाफावसूली को बताया है।
निवेशकों के लिए यह समय काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि सोने और चांदी में निवेश सुरक्षित तो माना जाता है, लेकिन वैश्विक घटनाक्रमों पर नजर रखना भी बेहद जरूरी है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए इन कीमती धातुओं में और तेजी देखने को मिल सकती है।