शाम होते ही मच्छरों का हमला हम सभी को परेशान करता है। इनकी भिनभिनाहट ही नहीं, बल्कि डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा भी इनके साथ आता है। हर साल लाखों लोग इन बीमारियों की चपेट में आते हैं और पारंपरिक उपाय जैसे मच्छरदानी, कॉइल या क्रीम की अपनी सीमाएं हैं। लेकिन अब एक नई रिसर्च ने उम्मीद की एक नई किरण जगाई है।
नई रिसर्च से उम्मीद की किरण
‘द लैंसेट ग्रुप’ की प्रतिष्ठित eBioMedicine जर्नल में प्रकाशित एक ताज़ा अध्ययन के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने एक विशेष प्रकार की पतली पेपर जैसी शीट (spatial emanator sheets) विकसित की है। यह शीट मच्छरों से बचाव का एक बेहद असरदार और सुरक्षित तरीका साबित हो सकती है, जिससे आने वाले समय में इन बीमारियों पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी।
कैसे काम करती हैं ये जादुई शीट्स?
ये शीट्स वोलाटाइल पायरैथ्रॉइड स्पैशियल रिपेलेंट्स (VPSRs) नामक खास केमिकल से बनी हैं। इन्हें आसानी से दीवार पर लगाया जा सकता है। एक बार लगने के बाद, इन शीट्स से लगातार एक बेहद हल्का केमिकल निकलता रहता है जो मच्छरों को आपके आसपास भटकने भी नहीं देता। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे चलाने के लिए न तो बिजली, बैटरी या किसी हीटिंग की आवश्यकता होती है, और न ही आपको मच्छरदानी की तरह खुद को इसके अंदर बंद करने की जरूरत है। बस शीट लगाइए और मच्छरों से निश्चिंत हो जाइए।
असरदार, टिकाऊ और सुरक्षित: क्यों है ये खास?
इस शीट का असर करीब एक साल तक रहता है, जो इसे बेहद किफायती और टिकाऊ बनाता है। आप इसे घर के अंदर और बाहर, दोनों जगह इस्तेमाल कर सकते हैं। यानी, एक बार लगाने पर यह सालों तक आपको मच्छरों से सुरक्षा देगी। यह रिसर्च 25 सालों में एकत्र किए गए 1.7 मिलियन से अधिक मच्छरों के डेटा और कई बड़े ट्रायलों पर आधारित है। नतीजों से पता चला है कि इन शीट्स के उपयोग से मच्छरों के काटने की संभावना 50-75% तक कम हो गई। इसका प्रभाव मलेरिया फैलाने वाले एनोफिलीस (Anopheles) मच्छरों और डेंगू फैलाने वाले एडीस (Aedes) मच्छरों, दोनों पर समान रूप से देखा गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इस तकनीक को समर्थन दिया है और इसे मच्छर नियंत्रण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।
आंकड़े देते हैं नई तकनीक को बल
मच्छरों से फैलने वाली बीमारियां कितनी घातक हैं, इसका अंदाज़ा इन आंकड़ों से लगाया जा सकता है:
- साल 2023 में मलेरिया से लगभग 6 लाख लोगों की मौत हुई, जिनमें से 95% मामले और मौतें सिर्फ अफ्रीका में दर्ज की गईं। इन मौतों में से 76% 5 साल से छोटे बच्चों की थीं।
- वहीं, साल 2024 में डेंगू से लगभग 12,000 लोगों की जान चली गई।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि मच्छरों से सुरक्षा कितनी आवश्यक है।
पुराने तरीकों से बेहतर, भविष्य की दिशा
मौजूदा मच्छर नियंत्रण के उपाय जैसे मच्छरदानी, स्प्रे, कॉइल या लिक्विड रिपेलेंट्स अक्सर पूरी सुरक्षा नहीं दे पाते। साथ ही, इन्हें बार-बार बदलना पड़ता है, जो कुछ लोगों के लिए खर्चीला भी हो सकता है। कई कॉइल्स और केमिकल्स सेहत के लिए हानिकारक भी माने जाते हैं। ऐसे में यह नई तकनीक एक किफायती, टिकाऊ और उपयोग में आसान विकल्प बनकर उभरी है, जो पारंपरिक तरीकों की सीमाओं को पार करती है।
भारत जैसे देशों के लिए वरदान
रिपोर्ट के अनुसार, इन शीट्स में उन्हीं केमिकल्स का उपयोग किया गया है जिन्हें WHO द्वारा सुरक्षित माना जाता है। इस अध्ययन में इनके उपयोग से सेहत से जुड़े किसी नए खतरे की पुष्टि नहीं हुई है। इसकी सबसे बड़ी ताकत है कम लागत और बिजली पर निर्भर न होना, जो इसे ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों के लिए बेहद उपयुक्त बनाती है। यह विशेष रूप से भारत जैसे देशों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है, जहाँ आज भी कई गांवों में बिजली की समस्या बनी हुई है और स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंच सीमित है।
मच्छरों से होने वाली बीमारियों से जूझ रहे विश्व के लिए यह नई पेपर शीट तकनीक एक बड़ी उम्मीद लेकर आई है। यह न केवल हमारी रातों को शांत बना सकती है, बल्कि लाखों जिंदगियों को बचाने का भी सामर्थ्य रखती है।