उत्तर प्रदेश की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और निषाद पार्टी के गठबंधन को लेकर चल रही अटकलें एक बार फिर तेज हो गई हैं। हाल ही में निषाद पार्टी के प्रमुख और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के बयानों और फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनकी मुलाकात ने सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब निषाद पार्टी प्रमुख ने बीजेपी से दो टूक कह दिया था कि अगर उन्हें गठबंधन से फायदा नहीं दिख रहा तो वे इसे तोड़ सकते हैं।
निषाद के बयान से गरमाई सियासत
बीते दिनों संजय निषाद ने गठबंधन को लेकर एक बड़ा बयान दिया था, जिसमें उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि यदि भारतीय जनता पार्टी को लगता है कि निषाद पार्टी से उन्हें कोई लाभ नहीं हो रहा है, तो वे गठबंधन समाप्त कर सकते हैं। इस बयान के बाद से ही विभिन्न राजनीतिक हलकों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई थीं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना था कि यह बयान कहीं न कहीं अपनी पार्टी के महत्व को दर्शाने और आगामी चुनावों से पहले अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश थी।
सीएम योगी और डिप्टी सीएम से मुलाकातें
अपने इस बयान के ठीक बाद, संजय निषाद ने उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक से मुलाकात की थी, और अब उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात की है। संजय निषाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर मुख्यमंत्री के साथ अपनी तस्वीर साझा करते हुए बताया कि उन्होंने लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर एक शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इस मुलाकात के दौरान समाज से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इस मुलाकात में संजय निषाद के बड़े बेटे और राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद (RNEP) के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार निषाद भी मौजूद थे।
शिष्टाचार भेंट या राजनीतिक दांवपेंच?
भले ही संजय निषाद इस मुलाकात को ‘शिष्टाचार भेंट’ बता रहे हों, लेकिन उनके पहले के बयानों को देखते हुए इसे महज एक औपचारिक मुलाकात मानना मुश्किल है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि यह मुलाकात गठबंधन में चल रही कथित खटास को दूर करने और भविष्य की रणनीति तय करने के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। खासकर तब, जब निषाद पार्टी प्रदेश में अपने लिए अधिक प्रतिनिधित्व और सम्मान की मांग कर रही है।
सीएम योगी को बताया ‘कर्मयोगी’
इन मुलाकातों के अलावा, संजय निषाद ने रविवार को भागीदारी भवन में आयोजित विमुक्त जाति दिवस समारोह कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मंच भी साझा किया था। इस अवसर पर वे सीएम योगी से बात करते हुए दिखे। संजय निषाद ने इस कार्यक्रम की तस्वीरें पोस्ट करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ‘कर्मयोगी’ बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में विमुक्त, घुमंतू और निषाद समाज के उत्थान और सम्मान के लिए अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने समाज के हर वर्ग तक विकास और अधिकार पहुंचाना अपना लक्ष्य बताया और इस कार्यक्रम को समाज को नई दिशा देने वाला व आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत करार दिया।
आगे क्या?
संजय निषाद के लगातार बदल रहे बयान और मुलाकातें उत्तर प्रदेश की राजनीति में उनके बढ़ते कद और आगामी चुनावी समीकरणों को साधने की कोशिशों को दर्शाती हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी और निषाद पार्टी का यह गठबंधन किस दिशा में आगे बढ़ता है और क्या निषाद समाज की अपेक्षाओं को पूरा किया जा सकेगा। फिलहाल, ये मुलाकातें और बयान यूपी की सियासी सरगर्मी को बनाए हुए हैं।