प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया संबोधन ने न केवल देशभर में सुर्खियां बटोरीं, बल्कि बिहार की राजनीति में भी एक भावनात्मक लहर पैदा कर दी। मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान, जब पीएम मोदी अपनी दिवंगत मां पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर अपनी पीड़ा साझा कर रहे थे, तो बिहार भाजपा के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल उनकी बातें सुनकर इतने भावुक हो गए कि उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। यह घटना विपक्ष पर एक तीखा हमलावर के रूप में सामने आई है और इसने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है।
पीएम मोदी की पीड़ा और भावुक पल
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड’ के उद्घाटन कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। इस दौरान उन्होंने बिना किसी का नाम लिए अपनी मां पर विपक्ष द्वारा की गई अभद्र टिप्पणियों का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि बिहार में कुछ दिनों पहले जो हुआ, उसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि राजद-कांग्रेस के मंच से उनकी मां को गालियां दी गईं। यह केवल मेरी मां का अपमान नहीं, बल्कि देश की हर मां, बहन और बेटी का अपमान है। प्रधानमंत्री की इन मार्मिक बातों को सुनते ही कार्यक्रम में मौजूद बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू बहने लगे।
दिलीप जायसवाल का फूटा गुस्सा: ‘यह बिहार की धरती का अपमान है’
बाद में, मीडिया से बात करते हुए दिलीप जायसवाल ने कांग्रेस और राजद पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा, “आज प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन को 20 लाख मां, बहन, बेटी सुन रही थीं। उन्होंने बताया कि मां, बहन, बेटी मनुष्य के लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं। जिस प्रकार कांग्रेस-राजद के मंच से प्रधानमंत्री मोदी की स्वर्गीय माताजी को गंदी गाली दी गई, इससे बड़ा कोई पाप नहीं हो सकता।” जायसवाल ने आगे कहा कि ऐसी टिप्पणियों से बिहार की धरती शर्मसार हो रही है, और यही वजह थी कि उनकी आंखें नम हो गईं। उन्होंने इसे पूरे राज्य और उसकी गरिमा पर हमला बताया।
‘मां का अपमान, पूरे देश की नारियों का अपमान’: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि यह मुद्दा केवल व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि इसका व्यापक सामाजिक और राष्ट्रीय महत्व है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी मां को दी गई गालियां सिर्फ एक व्यक्ति का अपमान नहीं हैं, बल्कि यह देश की हर मां, बहन और बेटी का अपमान है। उनका यह बयान विपक्ष को एक कड़ा संदेश था कि ऐसी निजी टिप्पणियां राजनीति के निम्न स्तर को दर्शाती हैं और भारतीय संस्कृति के मूल्यों के खिलाफ हैं।
आगे क्या?
यह घटना भारतीय राजनीति में बढ़ते व्यक्तिगत हमलों और मर्यादा के उल्लंघन को एक बार फिर सामने लाती है। जहां एक ओर प्रधानमंत्री ने अपनी भावनाओं को साझा कर सहानुभूति बटोरी, वहीं बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल की भावुक प्रतिक्रिया ने इस मुद्दे को और भी गहराई दे दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष इस पर कैसे प्रतिक्रिया देता है और क्या यह मुद्दा आगामी राजनीतिक बहसों में भी छाया रहेगा।