भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने टीम इंडिया के लिए नए लीड स्पॉन्सर की तलाश शुरू कर दी है। हाल ही में ड्रीम11 के साथ करार समाप्त होने के बाद, बोर्ड अब भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए एक लंबी अवधि के साझेदार की तलाश में है। योग्य कंपनियों को 16 सितंबर, 2025 तक अपने आवेदन जमा करने होंगे। इस प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण नियम और शर्तें लागू की गई हैं, खासकर कुछ क्षेत्रों की कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
क्यों खत्म हुआ ड्रीम11 का करार?
ड्रीम11 का करार अचानक समाप्त हो गया क्योंकि सरकार ने 2025 के प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग एक्ट के तहत रियल-मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया था। ड्रीम11 ने 2023-2026 के चक्र के लिए टीम इंडिया का टाइटल स्पॉन्सर बनने का 44 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 358 करोड़ रुपये) का करार किया था, लेकिन एक साल बाकी रहते ही यह करार खत्म कर दिया गया।
BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने स्पष्ट किया था कि बोर्ड अब किसी भी रियल-मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म से जुड़ाव नहीं रखेगा। उन्होंने कहा, “हमारा रुख बिल्कुल साफ है। सरकारी नियम लागू होने के बाद, BCCI ड्रीम11 या ऐसी किसी दूसरी गेमिंग कंपनी से करार जारी नहीं रख सकता। नए प्रतिबंधों के तहत कोई गुंजाइश नहीं है।”
BCCI का लक्ष्य: लंबी अवधि का साझेदार
BCCI का लक्ष्य एक लंबे समय का साझेदारी करार करना है, खासकर पुरुषों के 2027 वर्ल्ड कप को देखते हुए। बोर्ड जल्दबाजी में केवल एशिया कप (9 सितंबर से शुरू) के लिए स्पॉन्सर नहीं चुनना चाहता, जैसा कि 28 अगस्त को अंतरिम अध्यक्ष राजीव शुक्ला की अगुवाई में हुई आपातकालीन एपेक्स काउंसिल बैठक में फैसला हुआ था।
यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या BCCI महिला राष्ट्रीय टीम के घरेलू मैदान पर 30 सितंबर से शुरू होने वाले महिला वनडे वर्ल्ड कप से पहले नया लीड स्पॉन्सर ढूंढ पाता है या नहीं।
BCCI लीड स्पॉन्सर आमंत्रण: पात्रता शर्तें
वित्तीय पात्रता:
- पिछले तीन सालों में औसत टर्नओवर 300 करोड़ रुपये होना चाहिए, या
- पिछले तीन सालों में औसत नेटवर्थ 300 करोड़ रुपये होना चाहिए.
“फिट एंड प्रॉपर पर्सन” शर्तें:
- धोखाधड़ी, आर्थिक अपराध या गंभीर अपराध में दोषी न हो.
- BCCI नियमों के हिसाब से हितों का टकराव न हो.
- 2 साल या उससे ज्यादा की सज़ा वाले अपराध में दोषी न हो.
- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा “wilful defaulter” घोषित न हो.
- अच्छी ईमानदारी और साख हो.
इन क्षेत्रों की कंपनियां बोली नहीं लगा सकतीं:
BCCI ने कुछ खास क्षेत्रों की कंपनियों पर बोली लगाने से प्रतिबंध लगाया है। ये प्रतिबंध सरकार के नए नियमों और बोर्ड की अपनी नीतियों के अनुरूप हैं।
प्रतिबंधित ब्रांड कैटेगरी:
- ऑनलाइन मनी गेमिंग, सट्टेबाज़ी या जुआ (भारत या विदेश में)
- क्रिप्टोकरेंसी कारोबार (ट्रेडिंग, एक्सचेंज, टोकन)
- 2025 के ऑनलाइन गेमिंग एक्ट के तहत प्रतिबंधित गतिविधियां
- सट्टेबाज़ी/जुआ से जुड़ी कंपनियों में निवेश या स्वामित्व रखने वाले
- ब्लॉक्ड ब्रांड कैटेगरी (जब तक उस कैटेगरी का मौजूदा स्पॉन्सर न हो):
- शराब उत्पाद
- सट्टेबाज़ी या जुआ सेवाएं
- क्रिप्टोकरेंसी
- ऑनलाइन मनी गेमिंग
- तंबाकू
- अश्लील सामग्री या सार्वजनिक नैतिकता के खिलाफ कंटेंट
- सरोगेट ब्रांडिंग (दूसरे नाम या ब्रांड से छिपकर बोली लगाना)
मुख्य तारीखें:
- आमंत्रण जारी: 2 सितंबर 2025
- आवेदन की अंतिम तारीख: 16 सितंबर 2025
BCCI के इस कदम से भारतीय क्रिकेट के स्पॉन्सरशिप परिदृश्य में एक नया अध्याय शुरू होने वाला है। एक जिम्मेदार और दीर्घकालिक साझेदार की तलाश बोर्ड की प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर है, ताकि भारतीय क्रिकेट टीम अपनी सफलता की यात्रा जारी रख सके। कौन सी कंपनी टीम इंडिया की नई पहचान बनेगी, यह देखना दिलचस्प होगा।