मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली, जिससे देश के शीर्ष अरबपतियों मुकेश अंबानी और गौतम अडानी की दौलत में करोड़ों डॉलर की कमी आई। अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की संभावना के बाद यह गिरावट दर्ज की गई।
अंबानी और अडानी की संपत्ति में भारी कमी
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, मुकेश अंबानी की नेटवर्थ में 2.04 अरब डॉलर (लगभग 2% की कमी) की गिरावट आई, जबकि गौतम अडानी की संपत्ति में 1.80 अरब डॉलर की कमी दर्ज की गई। यह गिरावट दोनों उद्योगपतियों की कुल संपत्ति में 3.84 अरब डॉलर की संयुक्त कमी के बराबर है। इससे अडानी दुनिया के अमीरों की टॉप-20 लिस्ट से बाहर हो गए हैं और अंबानी 100 अरब डॉलर क्लब से।
शेयर बाजार में भारी गिरावट
अमेरिका के संभावित टैरिफ के कारण घरेलू शेयर बाजार में भारी बिकवाली देखी गई। सेंसेक्स 849.37 अंक गिरकर 80,786.54 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 255.70 अंक टूटकर 24,712.05 अंक पर बंद हुआ। रिलायंस इंडस्ट्रीज और अडानी ग्रुप के शेयरों में भी भारी गिरावट दर्ज की गई।
रिलायंस इंडस्ट्रीज और मुकेश अंबानी
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, जो एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति हैं, की संपत्ति में भारी गिरावट के बावजूद, वर्ष की शुरुआत से अब तक उनकी संपत्ति में 8.39 अरब डॉलर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह बढ़ोतरी रिलायंस के एनर्जी और टेलीकॉम सेक्टर में मजबूत प्रदर्शन के कारण हुई है। हाल ही में एशियन पेंट्स में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री ($895 मिलियन) ने भी बाजार में उतार-चढ़ाव लाया।
अडानी ग्रुप और गौतम अडानी
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की संपत्ति में 1.80 अरब डॉलर की कमी आई है। वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक उनकी संपत्ति में 1.06 अरब डॉलर की गिरावट देखी गई है। यह गिरावट कंपनी द्वारा विविधिकरण और हाल के निवेशों (जैसे कि वियतनाम में 10 अरब डॉलर के निवेश की योजना) के बावजूद देखी गई है। हालांकि, अडानी पोर्ट्स और अडानी पावर जैसे कुछ शेयरों में इस साल बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
अन्य अरबपतियों पर असर
शिव नादार (HCL टेक्नोलॉजीज), शापूर मिस्त्री और सुनील मित्तल (Bharti Airtel) जैसी अन्य प्रमुख हस्तियों की संपत्ति में भी गिरावट देखी गई है। हालांकि, सुनील मित्तल की संपत्ति में वर्ष की शुरुआत से अब तक 3.85 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है।
यह घटनाक्रम भारतीय शेयर बाजार और अरबपतियों के भाग्य पर अमेरिकी व्यापार नीतियों के प्रभाव को दर्शाता है। आगे क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।