काशी, अपनी आध्यात्मिक विरासत, भव्य घाटों और सदियों पुरानी संस्कृति के लिए दुनिया भर में विख्यात है। यहाँ की बनारसी साड़ी, लंगड़ा आम और मिठाइयों का स्वाद अनूठा है, लेकिन इन सबके साथ ही शहर में अक्सर लगने वाला ट्रैफिक जाम (Varanasi traffic) भी अब एक पहचान बन गया है। विशेष रूप से काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के निर्माण के बाद से तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की संख्या में कई गुना की वृद्धि हुई है, जिससे शहर की यातायात व्यवस्था पर भारी दबाव पड़ा है।
सड़कों को चौड़ा करने और फ्लाईओवर का जाल बिछाने के बावजूद, जाम की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही थी। ऐसे में वाराणसी ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन ने इस चुनौती से निपटने के लिए कुछ अनोखे और प्रभावी कदम उठाए हैं। अब सड़कों पर ‘टायर किलर’ (Tyre Killer) जैसे नवाचारी उपकरणों का प्रयोग किया जा रहा है, और साथ ही नए ट्रैफिक नियम (Traffic management) भी सख्ती से लागू किए जा रहे हैं।
गलत लेन पर लगाम: ‘टायर किलर’ की शुरुआत
यातायात नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए ‘टायर किलर’ (Tyre Killer) का प्रयोग सबसे पहले फुलवरिया फ्लाईओवर पर किया गया है। यह फ्लाईओवर अब बनारस का सबसे व्यस्त मार्ग बन चुका है, क्योंकि बाबतपुर एयरपोर्ट से बीएचयू या शहर के अन्य हिस्सों में आने-जाने के लिए इसका सर्वाधिक उपयोग होता है। अक्सर वाहन चालक बौलिया जाने के लिए यू-टर्न लेकर गलत तरीके से आने वाली लेन में घुस जाते थे, जिससे दोनों लेन पर जाम लग जाता था।
इस समस्या को रोकने के लिए यू-टर्न वाली जगह पर अब ‘टायर किलर’ (Tyre Killer) लगाए गए हैं। एडीसीपी ट्रैफिक अंशुमान मिश्रा के अनुसार, जो वाहन फुलवरिया फ्लाईओवर से बौलिया तिराहे की तरफ गलत लेन का प्रयोग करेंगे, उनके टायर तुरंत फट जाएंगे। ऐसे चालकों को अब बौलिया जाने के लिए लहरतारा चौराहा होते हुए सही मार्ग का उपयोग करना होगा।
कैसे काम करता है ‘टायर किलर’ या ‘स्पाइक्स’?
‘टायर किलर’ को ‘स्पाइक्स’ भी कहते हैं, जो हाइड्रोलिक चालित चैंबर पर काम करते हैं। इनके आगे बेहद नुकीले सिरे होते हैं। यदि कोई वाहन सही दिशा में आता है, तो नुकीले स्पाइक्स नीचे चले जाते हैं और वाहन को कोई नुकसान नहीं होता। लेकिन, अगर कोई गाड़ी उल्टी दिशा में आती है, तो ये नुकीले स्पाइक्स गाड़ी के टायर में घुस जाते हैं और उसे फाड़ देते हैं। ये स्पाइक्स ऑटोमैटिक या रिमोट संचालित, दो तरह के होते हैं, जो नियमों का उल्लंघन करने वालों को सबक सिखाने में बेहद प्रभावी हैं।
अन्य महत्वपूर्ण यातायात सुधार और ‘Smart City traffic’ पहलें
‘टायर किलर’ के अलावा, शहर में सुगम और सुरक्षित यातायात व्यवस्था के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण कदम भी उठाए जा रहे हैं:
- ऑनलाइन चालान: सिटी कमांड कंट्रोल सेंटर की ओर से मलदहिया चौराहे पर रेड लाइट जंप करने पर ऑनलाइन चालान की व्यवस्था शुरू कर दी गई है।
- सड़क सुरक्षा अभियान: शहर में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 93 स्थानों पर नए साइन बोर्ड लगाए गए हैं। साथ ही, यातायात प्रवाह में बाधा बनने वाले 86 कटों को बंद कराया गया है।
- समर्पित लेन: मुंबई के तर्ज पर, ऑटो और ई-रिक्शा के लिए पांडेयपुर, इंग्लिशिया लाइन, कचहरी, मछली मंडी जैसे व्यस्त स्थानों पर अलग लेन बनाई गई है, जिससे यातायात सुचारु हो सके और ‘Smart City traffic’ की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके।
- वन-वे सिस्टम: राजघाट पुल से नमो घाट जाने वाले मार्ग पर लगने वाले जाम को कम करने के लिए इसे ‘वन-वे’ कर दिया गया है। वाहन केवल नमो घाट की ओर जा सकेंगे और वापसी के लिए उन्हें घाट किनारे की सड़क से होते हुए भैंसासुर घाट निकलकर भदऊ चुंगी की ओर जाना होगा। जल्द ही दुर्गाकुंड, पद्मश्री चौराहा और दयाल टावर मार्ग पर भी ‘वन-वे’ सिस्टम शुरू किया जाएगा।
वाराणसी प्रशासन की यह पहल न केवल ट्रैफिक जाम (Varanasi traffic) की समस्या को कम करने में मदद करेगी, बल्कि नियमों का उल्लंघन करने वालों को भी अनुशासित करेगी। ‘Kashi Vishwanath Corridor’ के बाद बढ़ी भीड़ के लिए यह प्रभावी ‘Traffic management’ समाधान बेहद आवश्यक था। उम्मीद है कि ये नए नियम शहर को एक सुगम, सुरक्षित और अधिक व्यवस्थित यातायात प्रणाली प्रदान करने में सफल होंगे, जिससे काशी आने वाले सभी लोगों का अनुभव बेहतर हो सके।