प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया पूर्णिया दौरे पर बिहार को 36 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं मिलीं, जिसमें पूर्णिया की बहुप्रतीक्षित मांग Purnia Airport का तोहफा भी शामिल है। इस ऐतिहासिक अवसर पर मंच पर एक ऐसा नजारा देखने को मिला, जिसने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव को भी मंच पर जगह मिली, जहां उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से संक्षिप्त, लेकिन बेहद महत्वपूर्ण बातचीत हुई।
मंच पर PM Modi से मिले पप्पू यादव: सियासी मायने
पूर्णिया को हवाई अड्डे की सौगात मिलने पर सांसद पप्पू यादव ने खुशी जाहिर करते हुए खीर बांटी, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात के गहरे मायने निकाले जा रहे हैं। दरअसल, पप्पू यादव ने मंच पर पीएम मोदी से मुलाकात की, जहां प्रधानमंत्री ने भी हाथ जोड़कर उनका अभिवादन किया और पूरे सम्मान के साथ उनकी बातें सुनीं। इस घटना ने Pappu Yadav की भविष्य की राजनीतिक दिशा को लेकर अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है, क्योंकि वह खुद को कांग्रेस का ‘सिपाही’ बताते रहे हैं और राहुल-प्रियंका के करीबी के तौर पर अपनी पहचान बनाई है।
20 सेकंड में ‘सेट’ हो गया पूरा मामला
वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि पप्पू यादव पहले पीछे की पंक्ति में बैठे थे। वे कुछ कहने के लिए उठे, लेकिन पीएम मोदी उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत में व्यस्त थे। जब पीएम मोदी की बातचीत समाप्त हुई, तो उन्होंने पप्पू यादव की ओर मुखातिब होकर देखा। नजरें मिलते ही पप्पू यादव प्रधानमंत्री के नजदीक आ गए। दोनों ने हाथ जोड़कर एक-दूसरे का अभिवादन किया। पप्पू यादव के हाथ में सफेद कागज का एक पुलिंदा था। इसके बाद दोनों में बातचीत शुरू हो गई।
मंच पर पीएम मोदी के दाहिनी ओर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी भी मौजूद थे। पप्पू यादव और पीएम मोदी की बातों को सुनकर राज्यपाल मंद-मंद मुस्कुराते रहे। दोनों नेता एक-दूसरे के और करीब आकर बातें करने लगे। फिर पीएम मोदी ने कुछ ऐसा कहा कि दोनों जोर से ठहाका लगाकर हंसे। पप्पू यादव अपनी बातें लगातार कहते जा रहे थे, जिस पर राज्यपाल के चेहरे पर भी मुस्कुराहट बढ़ती जा रही थी। अंत में, पप्पू यादव थोड़ा और करीब आकर पीएम मोदी के कानों में कुछ कहा, जिस पर पीएम मोदी ने सहमति जताई। यह पूरा वाकया 35 सेकंड का था, लेकिन माना जा रहा है कि मात्र 20 सेकंड में ही पूरा ‘मामला सेट’ हो गया।
कांग्रेस से ‘अपमान’ और निर्दलीय जीत
प्रधानमंत्री और पप्पू यादव की इस मुलाकात को राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पप्पू यादव को अतीत में कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों से कई बार ‘अपमान’ का सामना करना पड़ा है। उन्हें राहुल गांधी के मंच पर जगह नहीं मिली, और तो और उनकी गाड़ी के पीछे चलने वाली बस में भी नहीं बैठाया गया था।
Lok Sabha Election 2024 से पहले पप्पू यादव ने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद उन्हें पूर्णिया से कांग्रेस का टिकट नहीं मिला। पूर्णिया में कांग्रेस के सहयोगी राजद ने अपना उम्मीदवार खड़ा किया था। तमाम उठा-पटक के बीच, पप्पू यादव ने पूर्णिया से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इतना सब होने के बावजूद वह कांग्रेस के प्रति वफादार बने हुए थे। ऐसे में, उनकी यह मुलाकात Bihar Politics में कई नई संभावनाओं को जन्म देती है, जिससे उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।