अक्सर जब हम मुंह के कैंसर (Oral Cancer) की बात करते हैं, तो हमारे मन में धूम्रपान, तंबाकू या गुटखे का सेवन करने वाले लोगों की छवि बनती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर साल हज़ारों ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां मरीज ने न तो कभी धूम्रपान किया होता है और न ही किसी प्रकार के तंबाकू उत्पाद का सेवन? जी हां, नॉन-स्मोकर्स (Oral Cancer Non-Smokers) भी मुंह के कैंसर की चपेट में आ सकते हैं, और इसके पीछे कुछ ऐसे कारण हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। आज हम ऐसे ही हैरान कर देने वाले कारणों और बचाव के तरीकों पर बात करेंगे।
एचपीवी वायरस संक्रमण: एक बढ़ता खतरा
एचपीवी वायरस (HPV Virus) का संक्रमण, विशेषकर टाइप 16, अब मुंह के कैंसर के एक प्रमुख कारणों में से एक बन गया है। यह वायरस मुख्य रूप से ओरल सेक्स के माध्यम से फैलता है और धीरे-धीरे मुंह की अंदरूनी परत (म्यूकस मेम्ब्रेन) को नुकसान पहुंचाता है।
- जोखिम बढ़ता है: ओरल सेक्स का अभ्यास, मल्टीपल सेक्सुअल पार्टनर्स, कमजोर इम्यून सिस्टम।
खराब ओरल हाइजीन और लापरवाही
अगर आप अपने दांतों और मसूड़ों की ठीक से देखभाल नहीं करते, नियमित रूप से ब्रश नहीं करते, मसूड़ों से खून आने की समस्या को नजरअंदाज करते हैं या लंबे समय से दांतों की अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो यह भी मुंह के कैंसर का कारण बन सकता है। मुंह में लंबे समय तक रहने वाले इन्फेक्शन से कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है और उनमें कैंसरकारी बदलाव (म्यूटेशन) हो सकते हैं। इसलिए अच्छी ओरल हाइजीन बनाए रखना बेहद ज़रूरी है।
होंठों पर अत्यधिक धूप लगना (Lip Sun Exposure)
जो लोग ज़्यादातर समय धूप में काम करते हैं – जैसे किसान, निर्माण श्रमिक या सड़क पर विक्रेता – उनके होंठों पर अल्ट्रावायलेट (UV) किरणें लगातार पड़ती रहती हैं। यह लगातार UV एक्सपोजर होंठों की त्वचा कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है और ‘लिप कैंसर’ का एक प्रमुख कारण बन सकता है, जिसे अक्सर अनदेखा किया जाता है।
मुंह के अंदर दांतों का बार-बार चुभना या ब्रेसेज़/प्लेट्स का रगड़ना
अगर कोई टूटा हुआ या नुकीला दांत लगातार आपकी जीभ या गाल की अंदरूनी त्वचा को चोट पहुंचा रहा है, या फिर दांतों के ब्रेसेज़ (धातु के तार) या डेन्चर (नकली दांतों की प्लेट) बार-बार रगड़ खा रहे हैं, तो यह लगातार सेल डैमेज का कारण बन सकता है। लंबे समय तक रहने वाली यह ‘क्रॉनिक इरिटेशन’ कोशिकाओं में कैंसरस म्यूटेशन को जन्म दे सकती है।
शराब का अत्यधिक सेवन
अत्यधिक शराब का सेवन, अकेले भी और धूम्रपान के साथ मिलकर भी, मुंह के कैंसर के खतरे को 5-10 गुना तक बढ़ा सकता है – भले ही आप किसी भी प्रकार के तंबाकू का सेवन न करते हों। शराब मुंह की अंदरूनी परत (माउथ लाइनिंग) को कमजोर करती है और उसे कैंसर पैदा करने वाले तत्वों (कार्सिनोजेन्स) के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती है।
आनुवंशिक कारण (Genetics)
कुछ लोगों के जीन कैंसर के लिए दूसरों की तुलना में अधिक संवेदनशील होते हैं। यदि आपके परिवार में पहले किसी को मुंह, गले या जीभ का कैंसर रहा है, तो आपको अधिक सावधानी बरतने और नियमित जांच कराने की आवश्यकता है। आनुवंशिकी भी कैंसर से बचाव में एक महत्वपूर्ण कारक हो सकती है।
ये लक्षण दिखें तो तुरंत कराएं जांच: जानें Mouth Cancer Symptoms
किसी भी बीमारी का जल्दी पता चलना उसके इलाज में मददगार होता है। मुंह के कैंसर के लक्षण (Mouth Cancer Symptoms) दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
- मुंह में कोई ऐसा छाला या घाव जो दो हफ्तों से ज़्यादा समय तक ठीक न हो।
- जीभ या गाल में कोई गांठ या मोटापन महसूस होना।
- आवाज में बदलाव या निगलने में लगातार तकलीफ।
- मुंह खोलने या जीभ हिलाने में परेशानी।
- मुंह के अंदर सफेद (ल्यूकोप्लाकिया) या लाल (एरिथ्रोप्लाकिया) रंग के पैच जो हटते न हों।
- बिना किसी कारण के बार-बार मुंह से खून आना।
बचाव के उपाय: Cancer Prevention है कुंजी
कैंसर से बचाव (Cancer Prevention) के लिए कुछ सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं:
- नियमित रूप से दांतों को ब्रश करें और फ्लॉस करें। साल में कम से कम एक बार डेंटिस्ट से ओरल हाइजीन चेकअप कराएं।
- धूप में निकलते समय होंठों पर SPF युक्त लिप बाम लगाएं और चेहरे को ढकें।
- टूटे हुए या नुकीले दांतों, ब्रेसेज़ या डेन्चर को तुरंत ठीक करवाएं जो मुंह में रगड़ खा रहे हों।
- ओरल सेक्स के संबंध में जागरूकता और सुरक्षा बरतें।
- संतुलित और पौष्टिक आहार लें तथा अपनी इम्यून सिस्टम को मजबूत रखें।
- शराब का सेवन सीमित करें या बिल्कुल छोड़ दें।
- अगर आप तंबाकू या धूम्रपान करते हैं, तो उसे तुरंत छोड़ दें।
याद रखें, जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है। अपने मुंह के स्वास्थ्य पर ध्यान दें और किसी भी असामान्य लक्षण को नज़रअंदाज़ न करें।