सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए Raipur Traffic Police ने एक अभिनव और अनूठी पहल की शुरुआत की है। शहर में बढ़ते वाहनों और सड़क दुर्घटनाओं की चुनौती से निपटने के लिए अब ‘ई-रिक्शा’ का सहारा लिया जा रहा है, जो नागरिकों में जागरूकता बढ़ाने का काम करेगा। यह E-rickshaw initiative Chhattisgarh की राजधानी में एक सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास है।
ई-रिक्शा: जागरूकता का नया वाहन
इस पहल के तहत, Raipur Traffic Police ने एक खास ई-रिक्शा तैयार किया है जिसमें एक पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम (Public Announcement System) लगाया गया है। यह ई-रिक्शा शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में घूम-घूम कर राहगीरों और वाहन चालकों को महत्वपूर्ण संदेश दे रहा है। इन संदेशों में हेलमेट पहनने, सीट बेल्ट बांधने, ट्रैफिक सिग्नल का सम्मान करने और लापरवाह ड्राइविंग से बचने की अपील शामिल है। इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों में Traffic Sense को मजबूत करना है, ताकि वे स्वेच्छा से नियमों का पालन करें और अपनी व दूसरों की जान बचा सकें।
वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में पहल
यह महत्वपूर्ण पहल रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) के सीधे निर्देश पर शुरू की गई है और इसकी लगातार निगरानी की जा रही है। एएसपी ट्रैफिक प्रशांत शुक्ला ने इस संबंध में बताया, “नागरिकों में Traffic Sense बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है। ई-रिक्शा भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में घूमता है और लगातार घोषणाएं करता है ताकि लोग ट्रैफिक नियमों का पालन करें।” यह दर्शाता है कि पुलिस प्रशासन Road Safety को लेकर कितना गंभीर है।
जागरूकता के साथ सख्ती: नो-पार्किंग पर विशेष ध्यान
इस जागरूकता अभियान के साथ-साथ, Raipur Traffic Police ट्रैफिक उल्लंघनों पर सख्ती भी बरत रही है। विशेष रूप से नो-पार्किंग (No-Parking) और अवैध पार्किंग (Illegal Parking) की समस्याओं पर फोकस किया जा रहा है। एएसपी शुक्ला ने स्पष्ट किया कि, “अवैध पार्किंग न केवल ट्रैफिक जाम का कारण बनती है, बल्कि जानलेवा भी साबित हो सकती है। हमारा लक्ष्य सुगम यातायात और भीड़भाड़ कम करना है।” जागरूकता और कानूनी कार्रवाई का यह दोहरा दृष्टिकोण Road Safety को दीर्घकाल तक बनाए रखने में सहायक होगा।
सकारात्मक प्रतिक्रिया पर विस्तार की योजना
फिलहाल, यह पहल एक ई-रिक्शा के साथ प्रयोगात्मक चरण (Experimental Phase) में है। यदि इसे लोगों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलती है और इसकी प्रभावशीलता साबित होती है, तो भविष्य में शहरभर में ऐसे और अधिक वाहन तैनात किए जाएंगे। अधिकारियों का मानना है कि इस तरह के जन-हितैषी दृष्टिकोण नागरिकों को स्वेच्छा से ट्रैफिक नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे, जिससे Chhattisgarh की सड़कों पर अनुशासन और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।