आजकल लोग अपनी सेहत को लेकर बहुत जागरूक हो गए हैं। इसलिए ताजे फल और सब्जियां, साबुत अनाज लोगों की डाइट का अहम हिस्सा बनते जा रहे हैं। कई स्टडीज में भी बताया गया है कि फल, सब्जियों और अनाजों में नेचुरल पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। इसी वजह से लोगों ने नाश्ते में फल के जूस लेना शुरू कर दिया है, क्योंकि लोगों को लगता है कि घर के बने ताजे जूस स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ताजे जूस भी लोगों को बीमार कर सकते हैं?
इस बारे में हमने फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट और यूनिट हेड डॉ. रंजन मोदी से बात की और उन्होंने ताजे जूस लेने के नुकसान बताएं।
क्या हैं ताज़े जूस के कथित फायदे?
मार्केट के पैकेज्ड जूस के मुकाबले घर के बने ताजे जूस में विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं। घर के बने ताजे जूस में केमिकल्स या प्रिजर्वेटिव्स नहीं होते, जिस वजह से इन्हें पौष्टिक माना जाता है। यही कारण है कि बहुत से लोग एक स्वस्थ जीवनशैली (healthy lifestyle) के तौर पर सुबह homemade juice का सेवन करते हैं। लेकिन इन कथित फायदों के बावजूद, डॉ. रंजन मोदी का मानना है कि ताजे जूस के भी कुछ नुकसान होते हैं, जिसकी वजह से लोगों को इनसे परहेज करना चाहिए।
क्यों ताज़ा जूस भी हो सकता है नुकसानदायक?
डॉ. रंजन मोदी कहते हैं, “लोग सोचते हैं कि ताजे जूस सेहतमंद होते हैं, लेकिन फलों का जूस निकालने से चीनी की मात्रा बहुत ज्यादा शरीर में जाती है। हम इंसानों को प्राकृतिक रूप से दांत मिले हैं, जिसका इस्तेमाल फल खाने में करना चाहिए, न कि जूस पीने में। इसके कई नुकसान होते हैं।”
डॉ. मोदी बताते हैं कि जब आप साबुत फल खाते हैं, तो उसमें मौजूद फाइबर पेट में धीरे-धीरे पचता है, जिससे रक्त शर्करा (blood sugar) का स्तर धीरे-धीरे बढ़ता है। लेकिन fresh juice बनाने की प्रक्रिया में अक्सर फाइबर निकल जाता है और सिर्फ फलों की प्राकृतिक चीनी (fructose) बचती है। यह चीनी बिना फाइबर के सीधे रक्तप्रवाह में जाती है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर तेजी से बढ़ सकता है। यह स्थिति डायबिटीज के मरीजों और वजन कम करने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए हानिकारक हो सकती है। इस तरह के fruit juice harms से बचना महत्वपूर्ण है।
किन्हें ताज़ा जूस पीने से बचना चाहिए?
वैसे तो जूस को सीमित मात्रा में पीना चाहिए, लेकिन कुछ लोगों को इसके साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों में लोगों को जूस पीने के लिए मना किया जाता है, क्योंकि जूस उन्हें नुकसान भी दे सकता है:
- डायबिटीज (मधुमेह) के रोगी: जूस में फाइबर कम होने के कारण चीनी सीधे रक्त में जाती है, जिससे ब्लड शुगर बढ़ सकता है।
- वजन कम करने वाले: जूस में कैलोरी अधिक होती है और पेट कम भरता है, जिससे अधिक कैलोरी का सेवन हो सकता है।
- पाचन संबंधी समस्या वाले: कुछ जूस में एसिड होता है, जो संवेदनशील पेट वाले लोगों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।
जूस या साबुत फल: क्या है बेहतर विकल्प?
डॉ. रंजन मोदी ने जोर देते हुए कहा कि सेहत के लिए सबसे अच्छा है फलों को पूरा खाना, न कि उनका जूस पीना। जब आप साबुत फल खाते हैं, तो आपको भरपूर मात्रा में फाइबर और सभी तरह के विटामिन्स और मिनरल्स मिलते हैं। फाइबर न केवल आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है, बल्कि यह आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे आप अनावश्यक खाने से बचते हैं। यह एक समग्र healthy lifestyle का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
साथ ही, जूस बनाते समय साफ-सफाई का खास ध्यान रखें। यदि जूस पीने के बाद आपको कोई समस्या महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
यह जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए प्रदान की गई है और इसका उद्देश्य किसी भी चिकित्सा स्थिति का निदान, उपचार, या रोकथाम करना नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य संबंधी सलाह या उपचार के लिए हमेशा योग्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करें।